पटना: नये सत्र में विद्यार्थियों की पढ़ाई कैसे होगी, इस संशय है. दरअसल, राजधानी के अधिकतर विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या काफी कम है. कहीं तीन है तो कहीं चार. ऊपर से चुनाव की गहमागहमी.
प्रत्येक विद्यालय में विषय वार जहां 20 से 22 शिक्षकों की जरूरत है. वहां 5 -6 शिक्षकों से काम चल रहा है. कहीं-कहीं तो इनकी संख्या तीन चार है. नवमी, दसवीं व प्लस टू विद्यालयों में पढ़ाई पूरी तरह से बाधित है. पटना जिला अंतर्गत प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों की संख्या 3323 है, जिनमें 12,413 शिक्षक हैं. इसमें 6 हजार चुनाव कार्य में लगाये गये हैं. इस कारण इन स्कूलों में आधे शिक्षक ही रह गये हैं. पटना जिले से लगभग 8067 शिक्षकों की सूची जिला शिक्षा कार्यालय से कार्मिक कोषांग में भेजी गयी है.
243 विद्यालय, 67 शिक्षक : पटना के शहरी क्षेत्रों में कुल 243 प्लस टू विद्यालय हैं. इनमें 326 शिक्षक हैं. शिक्षक नियोजन के बाद भी स्कूलों में विषय वार शिक्षकों की कमी है. च्वाइस के अनुरूप विद्यालय नहीं मिलने से, उनके पद भी रिक्त पड़े हैं. इससे राजधानी के अधिकतर विद्यालय 7 से 8 शिक्षकों के सहारे है.
नौंवी दसवीं के शिक्षक लेते हैं क्लास : विद्यालयों के प्राचार्य की मानें तो प्लस टू में शिक्षकों की कमी से छात्र -छात्राओं की पढ़ाई पूरी तरह से बाधित रहती है. विद्यालय संचालन में नौंवी व दसवीं के शिक्षकों की मदद ली जा रही है. शिक्षकों की कमी से विद्यालयों में नये सत्र की पढ़ाई कैसे होगी, इस पर संशय है. कई विद्यालयों में एडहॉक पर शिक्षकों को बुलाये जा रहे हैं.