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विधायक को-ऑपरेटिव में लालू के पांच नामी-बेनामी प्लॉट : मोदी

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा- प्लॉट का आवंटन हो रद्द पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू प्रसाद पर फिर हमला बोला है. मोदी ने आरोप लगाया है कि राजधानी के एमएलए को-ऑपरेटिव में लालू प्रसाद का नामी और बेनामी पांच प्लॉट है. बिहार सांसद एवं विधान मंडलीय सदस्य […]

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा- प्लॉट का आवंटन हो रद्द
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने लालू प्रसाद पर फिर हमला बोला है. मोदी ने आरोप लगाया है कि राजधानी के एमएलए को-ऑपरेटिव में लालू प्रसाद का नामी और बेनामी पांच प्लॉट है. बिहार सांसद एवं विधान मंडलीय सदस्य सहकारी गृह निर्माण समिति में रेलमंत्री रहते लालू प्रसाद ने एक प्लॉट के रहने के बावजूद एक और प्लॉट लिखवा लिया जो पूरी तरह से गैर कानूनी हैं.
जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बातचीत में मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद ने लाखों की जमीन एमएलसी बनाने के एवज में मात्र 37 हजार रुपये में बादशाह आजाद से लिखवा लिया. लालू प्रसाद का प्लॉट संख्या 207 से लेकर 211 तक कुल पांच प्लॉट पर व्यावहारिक रूप से कब्जा है.
सहकारी समिति के वायलॉज में स्पष्ट प्रावधान है किसी भी सदस्य को एक से अधिक प्लॉट लेने की अनुमति नहीं दी जायेगी. उन्होंने गृह निर्माण समिति को अविलंब सुपरसीड करने को कहा है. साथ ही लीज के प्रावधानों एवं गृह सहकारी समिति के नियमों का उल्लंघन के दोषियों का प्लॉट रद्द करने की मांग की. मोदी ने कहा कि जब सहकारी समिति के वायलॉज में में एक ही प्लॉट का प्रावधान है तो फिर रेलमंत्री एवं राबड़ी के सीएम पद का लाभ उठाकर उन्होंने एक और प्लॉट 207 मात्र 37 हजार में बादशाह आजाद से कैसे लिखवा लिया.
राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री के प्रभाव का इस्तेमाल कर सुधा श्रीवास्तव से प्लॉट नंबर 151 लिखवा लिया और फिर अब्दुलबारी सिद्दीकी से अदला-बदली के नाम पर प्लॉट नंबर 209 लिखवा लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद के बगल का एक और प्लॉट 210 सामुदायिक भवन के लिए खाली रखा गया था उसे भी साधु यादव को दे दिया गया. ताकि, लालू परिवार लगातार पांच प्लॉट का व्यावहारिक तौर पर इस्तेमाल कर सके. प्रेमचंद्र गुप्ता को भी एक प्लॉट 211 दिया गया. इस प्लॉट का निबंधन बिना आवंटन के हो गया.
लालू प्रसाद के करीबी जयप्रकाश यादव ने समिति के अध्यक्ष पद का दुरुपयोग कर एक प्लॉट 222 रहते एक और और प्लॉट 223 भी लिखवा लिया. राज्य सरकार ने खास महल की यह जमीन केवल आवासीय इस्तेमाल के लिए दी थी. परंतु, लालू प्रसाद सहित अनेक लोग इसका व्यावसायिक इस्तेमाल कर रहे हैं. सहकारी समिति पर 95 प्रतिशत राजद का कब्जा है.
पटना के जिलाधिकारी ने इस सहकारी समिति की अनियमितता पर एक विस्तृत रिपोर्ट बिहार सरकार को दी है. 30 वर्षों की लीज इसी साल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है. मोदी ने सवालिया लहजे में कहा कि 1992 में 37 हजार रुपये में सदस्यों को प्लॉट दिया गया. 2004-2006 में जब प्लॉट की कीमत 20 लाख थी तब भी मात्र 37 हजार में कैसे बेच दिया गया. कहीं एमएलसी बनाने या अन्य मदद के एवज में 37 हजार में लिखवा लिया गया या बाकी पैसे काला धन के रूप में नकद भुगतान कर दिया गया. आवासीय प्लॉट का व्यावसायिक इस्तेमाल कर लालू प्रसाद सहित अनेक लोग से लाखों रुपये अर्जित राशि को दंड सहित वसूला जाना चाहिए.
खास महाल नीति 2011 के उल्लंघन की एक विस्तृत रिपोर्ट जो पटना के जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को समर्पित की है उसको सार्वजनिक किया जाये.

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