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बिजली मेंटेनेंस पॉलिसी की रफ्तार धीमी, घंटों कटती है बिजली
भागलपुर, गया और मुजफ्फरपुर में घंटों कटती बिजली ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक होती है दिक्कत पटना : बिजली वितरण कंपनियां मेंटेनेंस पॉलिसी का सही तरीके से अनुपालन नहीं करती है. इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को उठाना पड़ता है हल्की आंधी-पानी में भी बिजली कंपनी का हाथ-पांव फूलने लगता है. किसी भी तरह के ब्रेक डाउन के […]
भागलपुर, गया और मुजफ्फरपुर में घंटों कटती बिजली
ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक होती है दिक्कत
पटना : बिजली वितरण कंपनियां मेंटेनेंस पॉलिसी का सही तरीके से अनुपालन नहीं करती है. इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को उठाना पड़ता है हल्की आंधी-पानी में भी बिजली कंपनी का हाथ-पांव फूलने लगता है. किसी भी तरह के ब्रेक डाउन के बाद शहरी क्षेत्र में तो बिजली दो-चार घंटे में री स्टोर हो जाता है लेकिन ग्रामीण इलाकों में दो-चार दिन लग जाता है.
पिछले सप्ताह तो राजधानी पटना में आंधी के बाद चरमरायी बिजली आपूर्ति को दुरुस्त होने में कई घंटे लग गये. फ्रेंचाइजी वाले शहर भागलपुर, गया और मुजफ्फरपुर में तो रोज मेंटेनेंस के नाम पर घंटों बिजली काटी जाती है. राज्य में 91 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ता हैं. राज्य पावर होल्डिंग कंपनी का अपनी मेंटेनेंस पॉलिसी है. इसी पॉलिसी का अनुपालन पावर होल्डिंग कंपनी की सहायक कंपनियां भी करती है. बिजली कंपनी दावा तो करती है कि पॉलिसी का अनुपालन पूरा तरह किया जाता है लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है. मेंटेनेंस पॉलिसी के अनुसार काम नहीं होने का खामियाजा उपभोक्ता उठाते हैं.
साल में दो बार होना है मेंटेनेंस
बिजली कंपनी की मेंटेनेंस पॉलिसी के अनुसार साल में दो बार एक बार मॉनसून के पहले मई तक और एक मॉनसून के बाद अक्तूबर तक सभी उपकरणों और लाइन का रखरखाव आवश्यक रूप से करना है. इसके अलावा समय-समय पर जरूरत के हिसाब से भी मेंटेनेंस होना है.
लेकिन इसका पालन कम ही होता है. पॉलिसी में यह भी तय है कि कौन सा काम बिजली कंपनी खुद करेगी और कौन सा आउटसोर्स के जरिये होगा. 33 केवीए लाइन एलटी लाइन और डीएसएस का मेंटेनेंस आउट सोर्स के जरिये होगा. लेकिन इसकी निगरानी सहायक और कनीय स्तर के अभियंता करेंगे. मेंटेनेंस पॉलिसी में यह भी दर्शाया गया है कि किस तरह के मेंटेनेंस के लिए कितने आमदनी की जरूरत होगी. मेंटेनेंस के लिए किस तरह की टीम को किस तरह की सुविधा और किस तरह का उपकरण या किस सामान की जरूरत होगी सभी की चर्चा मेंटेनेंस पॉलिसी में है. पावर सब स्टेशन के हर महीने हर तिमाही और छमाही पर किस-किस उपकरण का मेंटेनेंस होना है इसका पूरा चार्ट उपलब्ध है.
उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए कस्टमर केयर सेंटर है. इसकी नियमित समीक्षा होनी है. किस स्तर के अधिकारी किस तरह के समस्याओं के देखेंगे यह भी तय है. इसके लिए मुख्यालय स्तर पर एक मॉनीटरिंग सेल भी बना हुआ है. बिजली कंपनी के अभियंताओं को समय-समय पर उपभोक्ताओं के घर पर जाकर बिजली उपकरणों के रखरखाव की जानकारी देनी है.
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