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मेडिकल पीजी काउंसेलिंग रद्द
पटना : राज्य के सरकारी मेडिकल काॅलेज अस्पतालों में पीजी कोर्स में नामांकन के लिए होनेवाली काउंसेलिंग को सरकार ने रद्द कर दिया है. अब इन सीटों पर नामांकन के लिए 28 व 29 मई को नये सिरे से संयुक्त काउंसेलिंग होगी. अब हर छात्र को एक काउंसेलिंग और एक विकल्प मिलेगा. बिहार संयुक्त प्रवेश […]
पटना : राज्य के सरकारी मेडिकल काॅलेज अस्पतालों में पीजी कोर्स में नामांकन के लिए होनेवाली काउंसेलिंग को सरकार ने रद्द कर दिया है. अब इन सीटों पर नामांकन के लिए 28 व 29 मई को नये सिरे से संयुक्त काउंसेलिंग होगी. अब हर छात्र को एक काउंसेलिंग और एक विकल्प मिलेगा. बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (बीसीइसीइबी) द्वारा पीजी के डिग्री व डिप्लोमा कोर्स में नामांकन के लिए काउंसेलिंग की गयी थी. इसमें आरक्षण के प्रावधानों को लेकर गड़बड़ी पायी गयी थी.
इसके बाद सरकार ने सभी चरणों की काउंसेलिंग को रद्द करने का निर्णय लिया है. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने शुक्रवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस की इसकी घोषणा की. प्रधान सचिव ने कहा कि वर्ष 2017-18 शैक्षणिक सत्र के लिए बीसीइसीइबी द्वारा पहले चरण की काउंसेलिंग पूरी कर ली गयी थी.
दूसरे चरण की काउंसेलिंग में विवाद हो गया था. विभाग ने छात्रों से मिली शिकायतों के बाद पाया कि पहले और दूसरे चरण की काउंसेलिंग में नियमों का पालन नहीं किया गया है. इसे देखते हुए दोनों चरणों की काउंसेलिंग को रद्द कर दिया गया है. राज्य में पीजी मेडिकल की कुल 449 सीटें हैं. इनमें 350 सीटें डिग्री कोर्स के लिए, जबकि 99 सीटें डिप्लोमा कोर्स की हैं. प्रधान सचिव ने बताया कि राज्य की कुल 449 सीटों में केंद्रीय कोटे से राज्य को डिग्री कोर्स की 136 सीटें और डिप्लोमा कोर्स की 32 सीटें प्राप्त हुई हैं.
बीसीइसीइबी द्वारा अब सभी 449 सीटों के लिए नये सिरे से कंबाइंड काउंसेलिंग की जायेगी. इसमें एक बार जो छात्र अपने वर्ग की सीटों का चयन कर लेगा, उसे फिर से वर्ग बदलने की छूट नहीं होगी. आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए यह बाध्यता हो जायेगी कि वह या तो अपनी कोटि की सीटों पर नामांकन लें या मेरिट की सीटों पर.
काउंसेलिंग में उनको पूरी जानकारी दे दी जायेगी. एक बार जब कोई आरक्षित वर्ग का विद्यार्थी अपनी सीट का विकल्प चुन लेता है, तो फिर उसे दोबारा किसी सीट पर काउंसेलिंग का मौका नहीं मिलेगा. हर विद्यार्थी को एक ही चांस और एक विकल्प मिलेगा, जिसमें वह अपनी सीट और विकल्प को चुन ले. विकल्प चुनने के बाद वह उसका अंतिम विकल्प होगा. उन्होंने बताया कि जो विद्यार्थी पहली और दूसरी काउंसेलिंग में किसी भी सरकारी मेडिकल काॅलेज में नामांकन ले चुके हैं, उनको दोबारा नामांकन शुल्क देने की आवश्यकता नहीं होगी. काउंसेलिंग के दिन सभी मेडिकल काॅलेज अस्पतालों के प्राचार्यों को बिहार राज्य परिवार कल्याण संस्थान, शेखपुरा में बुलाया गया है.
सभी छात्रों का पटना में ही नामांकन किया जायेगा. साथ ही जिन छात्रों का पहले नामांकन हो चुका है, अगर उनका काॅलेज स्थानांतरित करने की आवश्यकता होगी, तो उसी दिन संबंधित काॅलेज में नामांकन भी करा दिया जायेगा. सभी प्राचार्य काउंसेलिंग के दौरान पटना में ही कैंप करेंगे. उन्होंने स्वीकार किया कि हो सकता है कि कंबाइंड काउंसेलिंग में कुछ विद्यार्थी इस रेस से बाहर हो जाएं, लेकिन इस बार की काउंसेलिंग प्रावधानों के अनुरूप होगी. इस मौके पर विभाग के अपर सचिव प्रदीप कुमार झा भी मौजूद थे.
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