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गरमी छुट्टियों में स्कूली बच्चों को मिलेगी ट्यूशन

पहल. 20 हजार टोला सेवक व 10 हजार तालिमी मरकज देंगे कोचिंग पटना : गरमी की छुट्टियों में राज्य के स्कूली बच्चों को ट्यूशन व कोचिंग के जरिये पढ़ायी जायेगी. दलित, महादलित, अल्पसंख्यक और अतिपिछड़ा वर्ग के बच्चों को हर दिन सुबह आठ बजे से 10 बजे तक कोचिंग व ट्यूशन दी जायेगी. इस काम […]

पहल. 20 हजार टोला सेवक व 10 हजार तालिमी मरकज देंगे कोचिंग
पटना : गरमी की छुट्टियों में राज्य के स्कूली बच्चों को ट्यूशन व कोचिंग के जरिये पढ़ायी जायेगी. दलित, महादलित, अल्पसंख्यक और अतिपिछड़ा वर्ग के बच्चों को हर दिन सुबह आठ बजे से 10 बजे तक कोचिंग व ट्यूशन दी जायेगी. इस काम में राज्य के 20 हजार टोला सेवकों और 10 हजार तालिमी मरकज को लगाया गया है.
वे इन वर्गों के बच्चों के साथ-साथ हर दिन दोपहर एक बजे से तीन बजे तक वयस्क महिलाओं को साक्षरता केंद्र पर साक्षर बनायेंगे. साथ ही बच्चों के अभिभावकों से मिलकर उन्हें बच्चों की प्रगति के बारे में भी बतायेंगे. शिक्षा विभाग ने इन कार्यक्रमों को चलाने के लिए सभी जिलों को निर्देश दे दिया है.
जन शिक्षा के निदेशक विनोदानंद झा ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (साक्षरता), मुख्य कार्यक्रम समन्वयक (साक्षर भारत) और राज्य संसाधन समूह के सदस्यों को निर्देश दिया है. शिक्षा विभाग ने बच्चों और वयस्क महिलाओं की अच्छी पढ़ाई हो सके और स्कूलों में बच्चों का पढ़ाई छोड़ना कम किया जा सके और केंद्रों पर उनकी निरंतरता बन रही रहे, इसको लेकर यह पहल की गयी है. विभाग ने सभी टोला सेवकों व तालिमी मरकज को निर्देश दिया है कि इस काम के लिए केआरपी (कि रिसोर्स पर्सन) उनकी मदद करेंगे.
वहीं स्टेट रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी) की जिम्मेवारी होगी कि उनकी मदद के साथ-साथ वे इसकी मॉनीटरिंग करें और करायें. इस काम में शिथिलता बरतने वालों पर कार्रवाई की जायेगी. गरमी की छुट्टियों में एक तरफ जहां इन बच्चों को कोचिंग दी जायेगी, वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और मॉनीटरिंग में लगे साक्षरता के अधिकारी इस समय में केंद्रों का औचक निरीक्षण करेंगे. साथ ही बच्चों की कोचिंग में लगे टोला सेवकों व तालिमी मरकज को मदद करेंगे.
कई रिपोर्ट में पता चलता है कि स्कूलों में खास कर दलित, महादलित, अल्पसंख्यक और अतिपिछड़ा वर्ग के बच्चों का बीच में ही पढ़ाई छोड़ने की संख्या ज्यादा है. ऐसे बच्चों की पढ़ाई न छूटे इसके लिए उन्हें कोचिंग देने की शुरुआत की जा रही है. इन बच्चों को अक्षर ज्ञान से लेकर जोड़-घटाव भी सिखाया जायेगा. इससे छुट्टियों में उनकी पढ़ाई हो जायेगी और स्कूलों में उपस्थिति निरंतरता बनी रहेगी.
विनोदानंद झा, निदेशक, जन शिक्षा

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