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नीट में सेटिंग का खुलासा : चलती गाड़ी में तोड़ते सील, फिर पेपर के फोटो खींच वाट्सएप पर कर देते लीक

दो डॉक्टर, एक लॉ स्टूडेंट, एक केंद्राधीक्षक व ड्राइवर िगरफ्तार पटना : बीएसएससी पेपर लीक के बाद पटना पुलिस ने मेडिकल कॉलेजों की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) का पेपर लीक करने की साजिश का भंडाफोड़ किया है़ रविवार को नीट का पेपर लीक कराने में जुटे सेटर गैंग के सदस्यों को पुलिस की […]

दो डॉक्टर, एक लॉ स्टूडेंट, एक केंद्राधीक्षक व ड्राइवर िगरफ्तार
पटना : बीएसएससी पेपर लीक के बाद पटना पुलिस ने मेडिकल कॉलेजों की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) का पेपर लीक करने की साजिश का भंडाफोड़ किया है़ रविवार को नीट का पेपर लीक कराने में जुटे सेटर गैंग के सदस्यों को पुलिस की विशेष टीम ने गिरफ्तार कर लिया. इनमें पीएमसीएच व एनएमसीएच के एक-एक मेडिकल छात्र, एक लॉ का छात्र, क्राइस्ट चर्च स्कूल, गांधी मैदान के केंद्राधीक्षक अविनाश चंद्रा और केनरा बैंक (लवकुश टावर शाखा) से पेपर लेकर सेंटर जा रहा ड्राइवर शामिल हैं.
पटना पुलिस ने तकनीकी अनुसंधान के जरिये इनको ट्रेस किया और पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के ओल्ड बाइपास के पास से गिरफ्तार कर लिया. सबकुछ चलती गाड़ी में करना था. बैंक से सेंटर पर पहुंचने से पहले पेपर लीक करा देना था. ये लोग पहले से गाड़ी में सवार थे. बैंक से पेपर लेने के बाद रास्ते में गाड़ी में रखे हुए उस बॉक्स के पीछे लगे हुए कब्जे को पेचकस से उखाड़ देना था, जिसमें पेपर रखा था.
इसके बाद वे चारों सेट के पेपर के फोटो चार अलग-अलग मोबाइल फोन से खींच लेते. फिर पेपर को स्कॉलर के जरिये सॉल्व कराया जाता और फिर प्रश्नपत्र और उत्तर दोनों वाट्सएप के जरिये वायरल कर दिये जाते. फोटो खींचने के बाद टेप लगा कर बॉक्स को बंद कर देना था. लेकिन, पेपर लीक कराने के इस हाइटेक आइडिया के इस्तेमाल से पहले सभी पकड़े गये. हालांकि, पुलिस गैंग के मास्टरमाइंड तक नहीं पहुंच पायी है, जो फोन पर इन्हें गाइड कर रहा था.
शक होने पर पहली गाड़ी के ड्राइवर ने दी स्कूल के अधिकारी को सूचना
नीट का पेपर लीक कराने के लिए सेटर गैंग ने क्राइस्ट चर्च स्कूल के केंद्राधीक्षक अविनाश चंद्र दूबे से सेटिंग कर रखी थी. पेपर लीक कराने के लिए केंद्राधीक्षक अविनाश चंद्र ने एक बंद गाड़ी हायर की थी. उसने दो मेडिकल छात्र शिवकुमार उर्फ बिट्टू व शिवम मंडल, एक लॉ के छात्र अविनाश रौशन को ड्राइवर संजय यादव के साथ पेपर लाने के लिए भेजा. ये बैंक पर पहुंचे, तो वहां स्कूल की ओर से भेजी गयी एक गाड़ी पहले से मौजूद थी. इस पर ड्राइवर संजय यादव ने केंद्राधीक्षक से पहलेवाली गाड़ी के ड्राइवर की बात करायी. केंद्राधीक्षक ने उससे कहा कि तुम चले आयो, पेपर संजय व उसके साथी लेकर आयेंगे. इसके बाद पहली गाड़ी का ड्राइवर वहां से चल दिया.उसने इसकी जानकारी स्कूल के किसी उच्चधिकारी को दी. इसके बाद गड़बड़ी का शक होने पर एसएसपी पटना मनु महाराज को सूचना दी गयी.
इधर ड्राइवर संजय यादव गाड़ी लेकर पत्रकार नगर ओल्ड बाइपास पर चला गया. इस दौरान तीनों स्टूडेंट की गैंग सरगना से बात हाे रही थी. पुलिस ने सर्विलांस से ट्रेस किया और गाड़ी समेत तीन स्टूडेंट और ड्राइवर को गिरफ्तार किया. इसके बाद केंद्राधीक्षक तीनों के मोबाइल फोन पर बात कर लोकेशन ले रहे थे, पूछताछ में उनकी संलिप्तता सामने आयी. पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार किया.
कई केंद्राधीक्षक शक के घेरे में, कई केंद्रों पर दो घंटे तक रटवाये गये उत्तर
पटना. पटना पुलिस ने भले सेंटर पर नीट का प्रश्नपत्र पहुंचने के पहले उसे लीक होने से बचा लिया हो, लेकिन शहर के कई परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र देख कर उसके उत्तर परीक्षार्थियों को बता कर रटवाये गये. इससे कई केंद्राधीक्षक भी अब शक के घेरे में आ गये हैं. परीक्षा के बाद नाम नहीं छापने की शर्त पर कई परीक्षार्थियों ने बताया कि केंद्र पर कई को परीक्षा के पहले ही उत्तर बता दिये गये थे. वे प्रश्न के अनुसार उनके उत्तर रट रहे थे.
दो घंटे में केंद्राधीक्षक ने रटवाये उत्तर : दानापुर के एक सेंटर की बात करें, तो वहां प्रश्नपत्र सुबह 6:30 बजे तक पहुंच गया था. इसके बाद 7:30 बजे अभ्यर्थियों के प्रवेश का समय था. एक सेंटर के शिक्षक ने बताया कि सुबह 7:30 बजे से 9:30 बजे तक केंद्र पर प्रवेश का समय रखा गया था. लगभग 10 परीक्षार्थी एक साथ 7:30 बजे तक केंद्र पर आ गये. इनकी जांच करने के बाद इन्हें केंद्र में प्रवेश दिया गया. इसके बाद इन्हें केंद्राधीक्षक की मदद से कई प्रश्नों के उत्तर बताये गये. दो घंटे तक ये परीक्षार्थी उत्तर को रटते रहे. दूसरे परीक्षार्थियों के पूछने पर वे बहाने बना रहे थे.
सुबह 6 बजे केंद्रों को सौंपा गया प्रश्नपत्र
नीट को लेकर परीक्षा केंद्रो पर काफी एहतियात बरती गयी थी. सारे केंद्राधीक्षकों को सुबह छह बजे प्रश्नपत्र लेने के लिए बैंक पहुंच जाना था. इस बार दो बैंकों में प्रश्नपत्र सीबीएसइ ने भेजा था. पटना के 32 केंद्रों को दो ग्रुप में बांटा गया था.
दोनों ही ग्रुप के केंद्रों के लिए अलग-अलग बैंकों में प्रश्नपत्र रखा गया था. सुबह छह से 6:15 बजे तक सारे केंद्राधीक्षकों को प्रश्नपत्र वितरण कर दिया गया था. सीबीएसइ के अनुसार प्रश्नपत्र केंद्राधीक्षक तक देने की जिम्मेवारी बोर्ड की है, उसके बाद की जिम्मेवारी केंद्राधीक्षक की है.
-फिजिक्स के दो सवाल गलत
एक्सपर्ट की मानें, तो नीट में फिजिक्स के दो प्रश्न गलत थे. इन दाेनों ही प्रश्नों के चारों विकल्पों में एक भी विकल्प सही उत्तर नहीं था. इन प्रश्नों के लिए ग्रेस मार्क्स दिया जायेगा. वहीं, बायोलॉजी के लगभग 10 प्रश्न काफी धुमावदार थे. इससे उत्तर लिखने में परीक्षार्थियों को काफी समय लगा. केमिस्ट्री के प्रश्न सबसे आसान थे. मालूम हो कि फिजिक्स और केमिस्ट्री में 45-45 प्रश्न पूछे गये थे. बायोलॉजी में 90 प्रश्नों का जवाब देना था.
ये हुए गिरफ्तार
अविनाश चंद्र दूबे, केंद्राधीक्षक, क्राइस्ट चर्च स्कूल गांधी मैदान, निवासी दीवान मोहल्ला, तारणी प्रसाद लेन, खाजेकलां, पटना.
शिवकुमार उर्फ बिट्टू, स्टूडेंट, द्वितीय वर्ष, पीएमसीएच, निवासी शाहपुर बलवा, नगरनौसा, नालंदा
शिवम मंडल, छात्र, द्वितीय वर्ष, एनएमसीएच, निवासी खगौल अफसर कॉलोनी, पटना
अविनाश रौशन, लॉ स्टूडेंट, निवासी गाजीपुर, अकबरपुर, नवादा
संजय यादव, सिक्युरिटी गाड़ी चालक, जिसमें पेपर था, निवासी मोनियापुर नगरनौसा, नालंदा.
ये हुए बरामद
दो दर्जन पेचकस, चार पैकेट टेप, दर्जनों फेविक्विक, पंचिंग मशीन, सीलिंग मशीन, चार मोबाइल फोन, टॉर्च व इमरजेंसी लाइट. इसके अलावा पेपर ले जा रही गाड़ी व एक अन्य कार जब्त की गयी है.

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