पटना: बिहार प्रशासनिक सेवा के 450 अधिकारियों की प्रोन्नति का रास्ता साफ हो गया. पिछले एक वर्ष से कालावधि क्षांत यानी नियमों को शिथिल करने को लेकर गतिरोध बना हुआ था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियम को शिथिल करने पर सहमति दे दी है.
अब इस सेवा के अधिकारियों की प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. फिलहाल अपर सचिव से विशेष सचिव में प्रोन्नति के लिए विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक में सहमति बन गयी है. 22 अधिकारियों की प्रोन्नति तय हो गयी है.
मंत्रिमंडल से सहमति के बाद अधिसूचना जारी की जायेगी. सामान्य प्रशासन विभाग में बिहार प्रशासनिक सेवा के पुनर्गठन के बाद इस सेवा के लिए मात्र 851 पद सृजित किये गये थे, जबकि अधिकारी 1450 थे. पद सृजन के अनुरूप अधिकारियों को एडजस्ट करने में अभी भी सात साल लग जायेंगे. प्रावधान यह भी है कि बेसिक ग्रेड से उप सचिव में प्रोन्नति के लिए पांच वर्ष, उप सचिव से अपर समाहर्ता और अपर समाहर्ता से संयुक्त सचिव में प्रोन्नति के लिए पांच-पांच साल की सेवा होनी चाहिए.
इसी तरह, संयुक्त सचिव से अपर सचिव के लिए दो वर्ष तथा अपर सचिव से विशेष सचिव के लिए एक वर्ष की सेवा अनिवार्य है. वर्तमान में जो स्थिति है, उसके अनुसार कोई अधिकारी इस शर्त को पूरा नहीं कर रहे हैं. बिहार प्रशासनिक सेवा पुनर्गठन विधेयक में यह भी प्रावधान है कि मुख्यमंत्री इस कालावधि को शिथिल कर सकते हैं.
दो माह में प्रक्रिया पूरी
विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष विशेष सचिव में 22, अपर सचिव में 40, संयुक्त सचिव में 120, अपर समाहर्ता में 120 तथा बेसिक ग्रेड से उप सचिव में 120 अधिकारियों की प्रोन्नति होगी. अगर इतनी संख्या में अधिकारी प्रोन्नत हो जायेंगे, तब बेसिक ग्रेड में 193 अधिकारी सरप्लस रह जायेंगे. इस कोटि के लिए 313 पद सृजित हैं. अब प्रोन्नति का प्रस्ताव तैयार कर विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक में रखा जायेगा. अगले दो माह में प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी.