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स्वीकृति बगैर काम आवंटन करने से तीन करोड़ का अतिरिक्त भार
पटना : पथ निर्माण विभाग में ओपीआरएमसी के तहत सड़क निर्माण में अधिकारियों ने लापरवाही बरती है. तकनीकी स्वीकृति के बगैर कांट्रैक्टर को काम आवंटित कर दिया गया. इससे सरकार पर 3़ 24 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ा. विभाग ने सड़क निर्माण करनेवाले कांट्रैक्टर को 2़ 34 करोड़ पहले ही भुगतान कर दिया. कांट्रैक्टर के […]
पटना : पथ निर्माण विभाग में ओपीआरएमसी के तहत सड़क निर्माण में अधिकारियों ने लापरवाही बरती है. तकनीकी स्वीकृति के बगैर कांट्रैक्टर को काम आवंटित कर दिया गया. इससे सरकार पर 3़ 24 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ा. विभाग ने सड़क निर्माण करनेवाले कांट्रैक्टर को 2़ 34 करोड़ पहले ही भुगतान कर दिया. कांट्रैक्टर के साथ काम एग्रीमेंट करने से पहले एस्टीमेट को तकनीकी स्वीकृति मिलने पर प्रशासनिक अनुमोदन मिलता है.
काम की वास्तविक शुरुआत से पहले डीपीआर पर तकनीकी स्वीकृति लेना आवश्यक है. टेंडर में कांट्रैक्टर द्वारा एस्टीमेट कॉस्ट से 10 फीसदी अधिक दर भरा जाता है. ऐसा नहीं करने पर टेंडर को रद्द कर देना चाहिए था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
ओपीआरएमसी के तहत दरभंगा पथ प्रमंडल में 15 सड़कों का निर्माण के लिए अगस्त 2013 में लगभग 38 करोड़ का तकनीकी अनुमोदन दिया गया. विभाग द्वारा उतनी ही राशि का प्रशासनिक अनुमोदन दिया गया.
इसके बावजूद सड़क निर्माण के लिए जिस कांट्रैक्टर को काम मिला उसके साथ दिसंबर 2013 में 41़ 73 करोड़ का एग्रीमेंट किया गया. तकनीकी स्वीकृति अगस्त 2014 में मिलने पर एस्टीमेट को 34़ 99 करोड़ तक सीमित कर दिया गया था. जबकि एस्टीमेट के आधार पर निकाली गयी उपरी सीमा 38़ 49 करोड़ थी. सीएजी ने पाया कि तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करने से पहले काम आवंटन करने का विभाग के अधिकारी द्वारा लिये गये निर्णय च उपरी सीमा से अधिक मूल्य पर एग्रीमेंट किये जाने से राजकोष पर 3़ 26 का अतिरिक्त भार पड़ा. विभाग द्वारा कांट्रैक्टर को 2.34 करोड़ का भुगतान अक्तूबर 2016 में कर दिया गया.
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