माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षक मूल्यांकन में शामिल नहीं हुए, इसी वजह से मूल्यांकन लगभग ठप हो गया. समिति के अनुसार 42 हजार शिक्षक मूल्यांकन में लगाये गये हैं. इसमें 32 हजार माध्यमिक शिक्षक शामिल हैं. जबकि, दस हजार शिक्षक वित्त रहित अनुदानिक कॉलेजों के हैं.
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मैट्रिक के आंसर पेपर को जांचने नहीं पहुंचे शिक्षक
पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा मैट्रिक का मूल्यांकन एक अप्रैल से आंशिक तौर पर ही शुरू हुआ. इसके लिए प्रदेश भर में 102 मूल्यांकन केंद्र बनाये गये थे. मूल्यांकन केंद्रों पर उत्तरपुस्तिकाओं के साथ ओएमआर प्रपत्र भेज दिया गया था, लेकिन ज्यादातर केंद्रों में मूल्यांकन इस वजह से शुरू नहीं हो सका, क्योंकि […]
पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा मैट्रिक का मूल्यांकन एक अप्रैल से आंशिक तौर पर ही शुरू हुआ. इसके लिए प्रदेश भर में 102 मूल्यांकन केंद्र बनाये गये थे. मूल्यांकन केंद्रों पर उत्तरपुस्तिकाओं के साथ ओएमआर प्रपत्र भेज दिया गया था, लेकिन ज्यादातर केंद्रों में मूल्यांकन इस वजह से शुरू नहीं हो सका, क्योंकि माध्यमिक शिक्षक संघ ने बहिष्कार करने का फैसला किया. मूल्यांकन में 32 हजार शिक्षक केवल माध्यमिक शिक्षा संघ के हैं.
चेयरमैन ने की अपील, लेकिन नहीं हुआ असर : बाेर्ड के चेयरमैन आनंद किशोर ने माध्यमिक शिक्षकों से इसके लिए अपील भी जारी की. उन्होंने उसमें कहा था कि छात्र हित में संघ के शिक्षकगण अपना फैसला वापस लें, लेकिन उन पर कोई खास असर नहीं हुआ. चेयरमैन ने बताया कि पहले दिन कुल कितने केंद्रों पर मूल्यांकन शुरू हुआ, इसके आंकड़े देर शाम तक नहीं मिले थे. बहिष्कार के कारण मूल्यांकन प्रभावित होने की बात स्वीकार की है.
इन संगठनों ने किया मूल्यांकन का बहिष्कार : समान काम, समान वेतन की मांग को लेकर मूल्यांकन का बहिष्कार बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ, नियोजित शिक्षक न्याय मोरचा, वित्तरहित शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ, नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ आदि कर रहे हैं.
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