फुलवारीशरीफ : संगी मसजिद परिसर में महदुल-अल-कुरान मदरसे की ओर से शुक्रवार की रात आयोजित मजलिस-ए-दस्तारबंदी के मौके पर 13 हाफिज-ए-कुरान की दस्तारबंदी की गयी.
इनमें तीन बच्चियां भी शामिल थीं. हाफिजों की दस्तारबंदी करते हुए आजमगढ़ (यूपी) के जामिया इस्लामिया के संस्थापक मुफ्ती हबीब उल्लाह कासमी ने कहा कि कुरान से निसबत (संबंध) रखो, तो दुनिया की सारी समस्याएं दूर हो जायेंगी. कुरान एक ऐसा नुस्खा है, जो जन्म से मरण तक की शिक्षा देता है.
इमारत-ए-शरिया के प्रमुख मुफ्ती जुनैद आलम कासमी ने कहा कि कुरान इल्म का खजाना है. कुरान को समझ कर पढ़ें और दूसरों को भी सिखायें. इस अवसर पर मौलाना अब्दुल बासित, मौलाना नुरुल हक व मौलाना नुरुउल्लाह कासमी ने भी अपने-अपने विचार रखे. इससे पूर्व मदरसा के सचिव मौलाना गौहर इमाम ने स्वागत भाषण में वार्षिक रिपोर्ट पेश की.
उन्होंने कहा कि अब तक इस मदरसे से 37 बच्चे हाफिज-ए-कुरान हुए हैं. गरीब बच्चों को इसलामी तालीम देना पहली प्राथमिकता है. मो मोइन अहमद, मो अमिर, मो शहनवाज, मो इदरिश, मो आदिल, मो आफताब अहमद, मो इजाबउल्लाह, मो अंजर इमाम, मो फहद, मो दिलशाद, सफी परवीन, सबा परवीन व शाइस्ता परवीन के सिरों पर दस्तार बांधा गया. कार्यक्रम का संचालन मुफ्ती अब्दुर्रहमान ने किया.