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#Bihar/सेक्स स्कैंडल केस : दुष्कर्म पीड़िता के आरोप के बाद निखिल के बचाव में उतरे परिजन

पटना : यौनशाेषण मामले मेंऑटोमोबाइल कारोबारी निखिल प्रियदर्शी के बादबिहार कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके ब्रजेश पांडेय भी अंडरग्राउंड हो गये हैं. ब्रजेश पर पीड़िता ने आरोप लगाया है कि ब्रजेश, निखिल और संजीत शर्मा मिल कर सेक्स रैकेट चलाते हैं. इस खुलासे के बाद अब पुलिस को चार मुख्य आरोपितों […]

पटना : यौनशाेषण मामले मेंऑटोमोबाइल कारोबारी निखिल प्रियदर्शी के बादबिहार कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके ब्रजेश पांडेय भी अंडरग्राउंड हो गये हैं. ब्रजेश पर पीड़िता ने आरोप लगाया है कि ब्रजेश, निखिल और संजीत शर्मा मिल कर सेक्स रैकेट चलाते हैं. इस खुलासे के बाद अब पुलिस को चार मुख्य आरोपितों के अलावा ब्रजेश की भी तलाश है. हालांकि पुलिस अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर पायी है. इन सबके बीच निखिल के परिजनों ने दुष्कर्म पीड़िता पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है.

मामले की जांच कर रही एसआइटी अगर आरोपितों को गिरफ्तार करती है तो इस हाई प्रोफाइल केस के कई रहस्य सामने आयेंगे. कुछ और चेहरे भी नये किस्से के साथ सामने आ सकते हैं.

निखिल के परिजनोंने पीड़िता पर लगाया ब्लैकमेल का आरोप
निखिल प्रियदर्शी पर दुष्कर्म का आरोप लगने के बाद बुधवार को उसके परिवार के सदस्य बचाव में उतर गये हैं. निखिल की भाभी भावना ने पीड़िता पर आरोप लगाया है कि वह उसे ब्लैकमेल कर रही थी. जब व्यवसायी ने उसकी बात नहीं मानी तो पीड़िता ने उस पर केस कर दिया. एक समाचार पत्र में छपी रिपोर्ट के मुताबिक निखिल के घरवालों ने वाट्सएप पर दो मैसेज दिखाए. उनकेमुताबिक पीड़िता ने ये दोनों मैसेज निखिल को किए थे. एक मैसेज में लग्जरी गाड़ी और एक करोड़ रुपए देने वरना फंसाने की बात लिखी गयी है. जबकि दूसरे मैसेज में निखिल की बातचीत की चेटिंग है. निखिल के परिवार का दावा है कि ये मैसेज पीड़िता ने उसे किए थे.

भावना ने पुलिस अफसरों से न्याय दिलवाने की गुहार लगाते हुए कहा है कि इस मामले की ठीक से जांच हो. भावना के मुताबिक पीड़िता जानबूझकर निखिल से जुड़े लोगों को फंसा रही है.

आज वारंट के लिए कोर्ट में दिया जायेगा आवेदन

सीआइडी वीकर सेक्शन की तरफ से गठित की गयी एसआइटी की नेतृत्व डीएसपी ममता कल्याणी कर रही हैं. जांच टीम द्वारा गुरुवार को कोर्ट में आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए आवेदन दिया जायेगा. यहां बता दें कि वारंट जारी होने के बाद जांच टीम की कुर्की प्रक्रिया को आगे बढ़ायेगी. मालूम हो कि इस मामले में निखिल का अग्रिम जमानत आवेदन कोर्ट से खारिज हो चुका है.

टाइम लाइन
22 दिसंबर 2016 : अनुसूिचत जाति, जनजाति थाने में केस दर्ज
24 दिसंबर 2016: कोर्ट में 164 के तहत पीड़िता का बयान दर्ज
17 फरवरी 2017 : घटना के मुख्य आरोपित निखिलप्रियदर्शी के एक फर्जीवाड़ा मामले में उसके गाड़ी के शोरूम
को महाराष्ट्र पुलिस ने सील कर दिया
20 फरवरी 2017 : एसआइटी ने केस ट्रू किया
21 फरवरी 2017: एडीजे वन की अदालत में सुनवाई हुई, केस डायरी मांगी गयी
27 फरवरी 2017: सुनवाई की दूसरी तारीख निर्धारित है

पीड़िता का कोर्ट में 164 के तहत बयान

1- मैं यह बयान स्वेच्छा से एवं बिना किसी दबाव के दे रही हूं. निखिल (पिता कृष्ण बिहारी प्रसाद सिन्हा) ने शुरू में मुझसे दोस्ती की और झांसे में लेकर कहीं-कहीं ले जाता था.
2- उसके बाद उसने मुझसे जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाये तथा उसकी वीडियो रिकार्डिंग कर लिया तथा उसके द्वारा बार-बार ब्लैकमेल करके मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा. इस काम में उसका साथ उसके दोस्त संजीत कुमार शर्मा और उसका भाई मनीष प्रियदर्शी भी दे रहे हैं. तथा सभी लोग में जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल करके प्रताड़ित करते रहे.
3- मेरे द्वारा मना करने पर निखिल प्रियदर्शी गांजा पीकर मुझे मारता-पिटता था. इसकी शिकायत जब मैंने उसके पिता जी से की तब उन्होंने मुझे जातिसूचक शब्द की गाली दी तथा मारपीट की और कहा कि मेरा बेटा जो कर रहा है, सही कर रहा है. अब मेरे पास आयेगी तो जान से मार देंगे.
4- अभी भी मुझे अश्लील मैसेज निखिल प्रियदर्शी भेज रहा है, तथा कहा कि पुलिस एवं कोर्ट में जाओगी तो जान से मार देंगे. सभी को पैसे से खरीद लेंगे और तुम्हारी हालत निर्भया वाली कर देंगे. पुलिस मेरे जेब में रहती है. मैं बहुत डरी हुई हूं, कभी भी वे लोग मुझे जान से मार सकते हैं.

पीड़िता को इतनी घृणा हुई कि आरोपित के परिवार के नाम से अपने कुत्ते को बुलाया

इस मामले में पीड़िता मानसिक तौर पर काफी परेशान है. उसे निखिल प्रियदर्शी और उसके परिवार से इतनी घृणा हो गयी है कि उसने अपने घर में एक डॉबर मैन नस्ल का कुत्ता(फीमेल) पाल रखा है. कुत्ता काले रंग की है. एक माह पहले उसे खरीदा गया है. बुधवार को वह अपने आवास पर कुत्तिया को आरोपित के परिवार की एक महिला सदस्य के नाम से बुलाया. पीड़िता को न्याय का इंतजार है.

क्या कहते हैं अधिवक्ता शैलेश कुमार
– धारा 354 के तहत एक से पांच साल तक की सजा. यह गैरजमानतीय है.

– धारा 354 ए के तहत तीन साल की सजा और यह भी गैरजमानतीय है.
– एससी/एसटी दोनों कैटगरी में अगर ये धारा लगती है, तो यह भी गैरजमानतीय होगा. साथ सेक्शनवाइज अलग-अलग सजा है.
– नाबालिग के साथ अपराध किये जाने पर पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई होगी.

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