हैदराबाद : केंद्रीय कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने आज यहां कहा कि कौशल विकास को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नजरिये ने देश में नयी बहस शुरू की है कि शिक्षा से ज्यादा कौशल प्रदान करना महत्वपूर्ण है. स्वर्ण भारत ट्रस्ट, हैदराबाद खंड के अटल कौशल विकास केंद्र में विभिन्न कौशल विकास पाठ्यक्रमों का उद्घाटन करते हुए रुडी ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से भारतीय शैक्षिक व्यवस्था में कौशल के खिलाफ एक पूर्वाग्रह नजर आता है और वो सभी लोग जो महत्वपूर्ण बनते हैं उनमें से अधिकतर शिक्षित होते हैं और हर कोई सोचता है कि शिक्षा ज्यादा जरुरी हैतथा कौशल गौण बन जाता है.”
इस मौके पर रुडी के साथ केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू भी मौजूद थै. रुडी ने कहा, ‘‘यह पहला मौका है जब प्रधानमंत्री के रोजगार कौशल पर जोर देने की वजह से देश में ये बहस हो रही है कि कौशल शिक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण है.” उन्होंने कहा कि देश भर में इंजीनियरिंग की 18 लाख सीटें है. लेकिन उनमें से इंजीनियरिंग कॉलेजों में आठ लाख सीटें खाली हैं. रुडी ने कहा, ‘‘इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो रहे हैं क्योंकि इन कॉलेजों से आने वालों को नौकरी नहीं मिल सकती क्योंकि उन्हें उसके तकनीकी पक्ष (जरुरी रोजगार कौशल) की जानकारी नहीं होती. उद्योग ऐसे लोगों को चाहते हैं जिनमें कौशल हो.”