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नयी औद्योगिक नीति से बिहार के उद्योगपति खुश हैं : संजय सिंह
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि नयी औद्योगिक नीति से पूरे बिहार के उद्योगपति खुश हैं. उनकी खुशी देखकर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के कलेजे पर सांप लोट रहा है. जब पूरा विश्व बदल रहा है नयी-नयी टेक्नोलॉजी आ रही है तो फिर नयी औद्योगिक नीति में […]
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि नयी औद्योगिक नीति से पूरे बिहार के उद्योगपति खुश हैं. उनकी खुशी देखकर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के कलेजे पर सांप लोट रहा है. जब पूरा विश्व बदल रहा है नयी-नयी टेक्नोलॉजी आ रही है तो फिर नयी औद्योगिक नीति में क्या कमी है? जब भी कोई नयी नीति बनती है वो पुराने से बेहतर होती है तब तो उसे लागू किया जाता है. उन्होंने कहा कि नयी औद्योगिक नीति में प्राइवेट इंडस्ट्रियल एरिया, स्टॉर्ट अप पॉलिसी और वेंचर कैपिटल खासकर और नये मसलों के रूप में शामिल किया गया है. सिंह ने कहा कि राज्य में 2021 तक निवेश करने वाली औद्योगिक इकाइयों के कर्ज के ब्याज पर राज्य सरकार सब्सिडी देगी.
ऐसी इकाइयों के बैंक कर्ज के सालाना ब्याज का 10% तक सरकार प्रतिपूर्ति करेगी. निवेशकों को पांच साल तक वैट समेत राज्य सरकार द्वारा लिए जाने वाले सभी टैक्स की प्रतिपूर्ति की जायेगी. औद्योगिक इकाइयों की दो श्रेणियां-प्राथमिकता व गैर प्राथमिकता होगी. निवेशकों को सिंगल विंडो की सुविधा मिलेगी. उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन, छोटे मशीन निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल, आइटी, टेक्सटाइल, प्लास्टिक, रबर, अक्षय ऊर्जा, हेल्थ केयर, चमड़ा और इंजीनियरिंग कॉलेज को प्राथमिकता श्रेणी में रखा गया है.
अन्य उद्योग गैर प्राथमिकता वाली सूची में रखे गये हैं. इंडस्ट्रियल पार्क के लिए 25 एकड़ जमीन और आइटी पार्क के लिए तीन एकड़ जमीन जरूरी है. इंडस्ट्रियल पार्क और आइटी पार्क लगाने वालों की ब्याज छूट की सीमा 50 करोड़ होगी. फूड पार्क व टेक्सटाइल पार्क लगाने पर ब्याज सब्सिडी की सीमा परियोजना लागत की 35 प्रतिशत होगी.
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