पटना : बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की प्रथम इंटर स्तरीय प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्नपत्रलीकहोने की बात को लेकर सवाल उठने लगे है. चर्चा है कि रविवार को पहले चरण की हुई परीक्षा से पहले ही बाजार में उत्तर बिक रहे थे. परीक्षार्थियों का दावा है कि शनिवार रात से बिक रहे उत्तर से करीब बीस सवाल मिले. जबकि रविवार सुबह दस बजे बाजार में आए उत्तर हू-ब-हू मिल रहे थे. वहीं, आयोग के सचिव परमेश्वर राम ने पहले चरण की परीक्षा समाप्त होने के बाद दावा किया कि सभी परीक्षा केंद्रों पर कदाचारमुक्त परीक्षा ली गयी.
प्रश्नपत्र लीक होने की रिपोर्ट किसी भी केंद्र से नहीं आयी : सचिव
पहले चरण में रविवार को 744 परीक्षा केंद्रों पर हुई परीक्षा में करीब साढ़े चार लाख परीक्षार्थी शामिल हुए. आयोग के सचिव परमेश्वर राम ने कहा कि आयोग को किसी भी केंद्र से प्रश्नपत्र लीक होने की रिपोर्ट नहीं आयी है. उन्होंने दावा किया कि परीक्षा का आयोजन सफल रहा है और प्रश्नपत्र लीक होने की बात अफवाह साबित हुई है. यह पूछे जाने पर प्रश्नपत्र लीक की दिन भर चर्चा होती रही, सचिव ने कहा कि यह हवा-हवाई है. आयोग ने सभी परीक्षा केंद्रों से रिपोर्ट मंगायी है, कहीं से भी ऐसी बात नहीं है.
कदाचार के आरोप में दो परीक्षार्थी पकड़ाये
वहीं, परीक्षा में कदाचार के आरोप में दो परीक्षार्थी पकड़े गये. इनमें एक बेतिया और एक सुपौल से पकड़ा गया. इनके पास से पुरजा बरामद हुआ.
कई जिलों में उत्तर वायरल
मीडियारिपोर्ट के मुताबिक नवादा, गया, आरा, औरंगाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, वैशाली पटना सहित कई जगहों पर मॉडल उत्तर वायरल हो गये थे. परीक्षा केंद्र से निकलने के बाद परीक्षार्थियों ने जब उत्तर को मिलाया तो पता चला कि सुबह दस बजे वायरल हुए उत्तर से संबंधित सवाल ही पूछे गये हैं. ऐसे वाट्सअप पर दो से तीन तरह के मॉडल उत्तर का सेट बाजार में उपलब्ध था.
वाट्सअप पर प्रश्नों के उत्तर वायरल, पुष्टि नहीं
वाट्सअप पर ज्यादातर प्रश्नों के उत्तर वायरल थे लेकिन उसके सही होने की पुष्टि नहीं हो सकी थी. क्योंकि छात्रों से परीक्षा के बाद प्रश्न पत्र वापस ले लिये गये थे. लेकिन कई छात्र अपने स्मरण के आधार पर बता रहे थे कि प्रश्नों के उत्तर वायरल हैं और परीक्षा से पहले ही कई छात्रों के पास थे. ये वही उत्तर थे जिससे संबंधित प्रश्न पूछे गये थे. चूंकि प्रश्न पत्र परीक्षा होते ही छात्रों से ले लिये गये थे. छात्र सिर्फ स्मरण के आधार पर दावा कर रहे थे लेकिन उसकी पूरी तरह से पुष्टि नहीं हो पायी थी. लेकिन पूरे दिन छात्र समुदाय और परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं के बीच इस बात की चर्चा और कई तरह के अफवाहों का दौर था.
व्हाट्सअप पर प्रश्नों के उत्तर वायरल थे. बहुत सारे छात्रों ने आकर बताया कि उक्त उत्तर उन्हीं प्रश्नों के थे जो एग्जाम में पूछे गये थे. ज्यादातर उत्तर मिल रहे थे. सच्चाई की जांच होनी चाहिए और उसके अनुरूप उचित कार्रवाई होनी चाहिए.
एम रहमान, परीक्षा विशेषज्ञ