पटना: पटना जंकशन के प्लेटफॉर्म नंबर दो-तीन की चौड़ीकरण की योजना अधर में है. प्लेटफॉर्म का पश्चिमी छोर 100 मीटर लंबाई तक काफी सकरा है. प्लेटफॉर्म की चौड़ाई निर्धारित मानक से कम है. खास बात यह है कि प्लेटफॉर्म की चौड़ाई जहां कम है, वहां ट्रेन का जनरल कोच लगता है. बेतहाशा भीड़ और जगह कम होने से यात्रियों को ट्रेन से उतरने व चढ़ने में परेशानी होती है.
एक साल पहले तत्कालीन डीआरएम एलएम झा ने प्लेटफॉर्म चौड़ीकरण के कार्य को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल किया था. तब यह चर्चा तेज थी कि बहुत जल्द राजधानी के प्लेटफॉर्म नंबर दो और तीन का चौड़ीकरण कार्य शुरू हो जायेगा. डीआरएम के हटने के बाद मामला ठंडा पड़ गया.
दुर्घटना की आशंका : प्लेटफॉर्म पर अचानक भीड़ और कम जगह होने के कारण ट्रेन में चढ़ने व उतरने के दौरान दुर्घटना की भी आशंका रहती है. पार्सल डिब्बे से लगेज उतारने के बाद स्टेशन पर पड़ा रहता है. इस कारण भी यात्रियों को आने-जाने में परेशानी होती है. प्लेटफॉर्म का पिछला छोर चौड़ाई में भी कम है.
प्लेटफॉर्म की लंबाई चौड़ाई का मानक
इंजीनियरिंग विभाग के अनुसार बड़े स्टेशन के प्लेटफॉर्म की लंबाई 585 मीटर होनी चाहिए. चौड़ाई का मानक अलग-अलग है. प्लेटफॉर्म एक की चौड़ाई 11 मीटर और दो व तीन एक साथ जुड़े होने के कारण उनकी चौड़ाई का मानक 12 मीटर रखा गया है. पटना जंकशन का प्लेटफॉर्म नंबर दो-तीन मानकों को पूरा नहीं करता है.
प्लेटफॉर्म एक के बंद होने से बढ़ी परेशानी
प्लेटफॉर्म एक पर निर्माण कार्य होने के कारण ट्रेनों का ठहराव दो और तीन पर हो रहा है. पहले से कम चौड़ाई होने के कारण परेशानी और बढ़ गयी है. सुबह-शाम लंबी दूरी की ट्रेनों के जनरल कोच में प्रवेश के लिए धक्का-मुक्की की स्थिति रहती है. स्थिति तब गंभीर हो जाती है जब एक साथ दो और तीन पर ट्रेन आ रही है.