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इंदौर-पटना ट्रेन हादसा : आइएसआइ की भूमिका के दावों की करेगी जांच

एनआइए ने भेजी टीम पटना/दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मोतिहारी से गिरफ्तार तीन संदिग्धों के इस दावे की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की दो सदस्यीय टीम बिहार भेजी है कि इंदौर-पटना ट्रेन हादसे के पीछे पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आइएसआइ का षड्यंत्र था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मोती पासवान, उमाशंकर और मुकेश […]

एनआइए ने भेजी टीम
पटना/दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मोतिहारी से गिरफ्तार तीन संदिग्धों के इस दावे की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की दो सदस्यीय टीम बिहार भेजी है कि इंदौर-पटना ट्रेन हादसे के पीछे पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आइएसआइ का षड्यंत्र था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मोती पासवान, उमाशंकर और मुकेश की गिरफ्तारी और बिहार पुलिस से किये गये उनके खुलासों के बारे में राज्य सरकार और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से रिपोर्ट मांगी है. मामले में जांच के लिए एनआइए की टीम जल्द ही मोतिहारी जेल का दौरा कर सकती है. साथ ही नेपाल भी जा सकती है.
हालांकि, अब तक की जांच में इंदौर-पटना ट्रेन हादसे के पीछे आइएसआइ की साजिश का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिला है. लेकिन, कई बातों के आधार पर इसकी आशंका जतायी जा रही है. बिहार पुलिस ने मोती, उमाशंकर और मुकेश के अलावा एक अन्य को भी गिरफ्तार किया है. लेकिन, इनके गैंग में शामिल दो अन्य लोग ब्रजकिशोर गिरि और मुजाहिद्दीन को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है, क्योंकि वे दोनों नेपाली नागरिक हैं. एनआइए की टीम बिहार आने के बाद सभी गिरफ्तार संदिग्धों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी या इन्हें अपने साथ दिल्ली ले जा सकती है.
सूत्रों ने कहा कि आइएसआइ की भूमिका की एनआइए जांच करेगी. यह भी पता लगाया जायेगा कि क्या इसमें नेपाल और दुबई स्थित आइएसआइ एजेंटों की संलिप्तता है. सूत्रों ने कहा कि यदि तीनों आरोपितों केे दावे सही निकले, तो यह भारत में पाक एजेंसी द्वारा साजिश रच कर ट्रेन हादसा कराने का यह पहला मामला होगा. नेपाल व भारत में आइएसआइ गतिविधियों के बारे में रॉ से भी एक रिपोर्ट मांगी गयी है. पूर्वी चंपारण जिले में गिरफ्तार इन तीन व्यक्तियों ने पुलिस को बताया था कि उन्हें एक अक्तूबर, 2016 को जिले के घोड़ासहन में पटरी विस्फोटक लगाने के लिए तीन लाख रुपये का भुगतान किया गया था. सूत्रों ने बताया कि नेपाल से कथित रूप से एक रिपोर्ट आयी है, जिसमें बिहार पुलिस के इस दावे की पुष्टि की गयी है कि आइएसआइ ने अपने एजेंट ब्रजकिशोर गिरि को बिहार में लोकप्रिय ट्रेनों को निशाना बनाने के लिए पटरी पर विस्फोट कराने के लिए 30 लाख रुपये का भुगतान किया था.
केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को अब दो और व्यक्तियों की आरोपितों के साथ संदिग्ध संबंध के लिए तलाश है, जिनकी पहचान पूर्वी चंपारण जिले के गजेंद्र शर्मा और राकेश यादव के तौर पर हुई है. जिला पुलिस अधीक्षक जितेंद्र राणा ने कहा था कि पूछताछ के दौरान तीनों गिरफ्तार व्यक्तियों ने इंदौर-पटना एक्सप्रेस दुर्घटना के बारे में सकारात्मक जानकारी मुहैया करायी थी.
पुलिस ने िलया िरमांड पर
मोतिहारी. पुलिस ने आइएसआइ के लिए काम करनेवाले तीन संदिग्धों उमाशंकर पटेल, मुकेश कुमार व मोती पासवान को छह दिनों के लिए रिमांड पर लिया है. इधर इनसे पूछताछ के लिए आधा दर्जन जांच एजेंसियां मोतिहारी पहुंच चुकी हैं.

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