पटना: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य की सभी जेलों की सुरक्षा व्यवस्था और वहां बंद कैदियों पर बारीक निगाह रखने को लेकर कारा महानिरीक्षक प्रेम सिंह मीणा ने सभी डीएम को पत्र लिखा है. मंगलवार को लिखे इस पत्र में उन्होंने बंदियों के साथ-साथ जेल की व्यवस्था और वहां काम करने वाले जेल कर्मियों की हर गतिविधि पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है. अगर रेड के दौरान किसी भी कैदी के पास से कोई प्रतिबंधित सामग्री बरामद होती है, तो इसमें सबसे पहले जेल कर्मियों की भूमिका की जांच होगी.
समय-समय पर हो औचक निरीक्षण
जेल आइजी ने डीएम को अपने-अपने जिलों में अवस्थित जेलों का निरीक्षण, औचक निरीक्षण और छापेमारी करने का निर्देश दिया है. साथ ही वहां दबंग कैदियों के साथ-साथ जेल कर्मियों की भी गतिविधियों पर सख्त निगाह रखने का निर्देश जारी किया है.
जेल में किसी भी कीमत पर प्रतिबंधित सामग्रियों के प्रवेश और उसके इस्तेमाल को रोकने तथा दबंग कैदियों के साथ सांठ-गांठ रखने वाले जेल कर्मियों को चिह्न्ति कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है. खासकर जेलों में बंद नक्सली व उग्रवादी बंदियों की अदालत में पेशी के दौरान उन पर कड़ी निगाह रखने की हिदायत दी गयी है.
बोर्ड ऑफ विजिटर्स का करें गठन
पत्र में कहा गया है कि ऐसी सूचनाएं मिलती रही हैं कि नक्सली व बड़े अपराधियों से जेल में मुलाकात करनेवालों में उग्रवादी व गिरोह के सदस्य शामिल होते हैं. साथ ही मुलाकात के दौरान साजिश भी रचते हैं. ऐसे में मुलाकातियों के लिए निर्धारित 12 तरह के पहचान पत्रों की जांच की जाये और हर मुलाकाती के बारे में पूरी जानकारी रखी जाये. दबंग कैदियों के वर्चस्व को तोड़ने के लिए महीने में डीएम की देख-रेख में कम से कम एक बार बंदी दरबार आयोजित हो. साथ ही अंदर में सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिताएं हों. उन्होंने जेलों के अंदर की व्यवस्था के निरीक्षण के लिए ‘बोर्ड ऑफ विजिटर्स’ के गठन का भी निर्देश दिया.