पटना. केंद्र सरकार की नोटबंदी के विरोध में पटना में धरना देने आयीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम बिहार आये और लालू प्रसाद से नहीं मिलेंगे यह कैसे होगा? मंगलवार की देर शाम पटना में लालू-राबड़ी आवास पर पहुंची ममता बनर्जी ने कहा कि हमें मालूम हुआ कि लालू प्रसाद बीमार हैं. इसलिए उनके सेहत की जानकारी लेने आ गयीं. ये हमलोगों के वरिष्ठ नेता हैं. इनकी स्ट्रांग आवाज सबको पसंद आती है. उन्होंने कहा कि राबड़ी देवी की ट्वीट बराबर देखती हूं. लालू-राबड़ी और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ बंद कमरे में 45 मिनट तक हुई बातचीत के बाद उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण लोगों को काफी दिक्कत हो रहा है. जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार द्वारा नोटबंदी में उनके आंदोलन को समर्थन नहीं देने संबंधी प्रश्न के जवाब में ममता ने कहा कि सबका अपना-अपना सिद्धांत है. उनकी अलग पार्टी है. ऐसे में उनका अपना निर्णय होगा, हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. ममता ने कहा कि तेजस्वी और अखिलेश यादव नयी पीढ़ी के नेता हैं.
अब इन लोगों को ही आगे काम करना है. अब तो हमलोगों को समय खत्म हो रहा है. तेजस्वी से उन्होंने राजकाज का हालचाल लिया. तेजस्वी ने भी कहा कि आपके आशीर्वाद से सब ठीक चल रहा है. उन्होंने राबड़ी देवी की भी काफी प्रशंसा की और कहा कि ये एक गृहिणी, राजनेता और सरकार भी चलायी हैं. ममता बनर्जी ने एक मजाक कर लोगों को हंसने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने कहा कि संसद में हम लालू जी के पीछे बैठते थे. एक बार उनसे हमने कहा कि लालू जी आज कल राबड़ी का भाव क्या है, तो लालू जी ने कहा राबड़ी का भाव सबसे अधिक है.
ममता के आंदोलन की सफलता के लिए लालू ने दी शुभकामना
दोनों नेताओं की बातचीत के बाद लालू प्रसाद ने कहा कि ममता जी को मेरे तबीयत खराब होने की जानकारी मिली थी, इसलिए वे मिलने अायीं. उन्होंने कहा कि वे नोटबंदी के विरोध में आंदोलन करने आयी हैं. हम उनके आंदोलन को सफल होने की शुभकामना देते हैं. लालू ने कहा कि नोटबंदी के कारण 95 प्रतिशत लोग परेशान हैं. राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि नोटबंदी से पूरा देश परेशान है. किसानों को खाद-बीज नहीं मिल रहा है. बिना तैयारी के ही केंद्र सरकार ने नोटबंदी लागू कर दिया. राजद विधानमंडल दल की बैठक के बाद लालू प्रसाद ने कहा कि शादी विवाह का मौसम है, लेकिन लोगों को पैसे नहीं मिल रहे हैं. अब बिहार के जनप्रतिनिधि को भी आम लोगों के जनाक्रोश का सामना करना पड़ेगा. लोग थोड़े ही केंद्र सरकार को खोजेगी. प्रसाद ने कहा कि नोटबंदी का सबसे बुरा असर गांवों में है. सरकार को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा. इसे केंद्र सरकार समझ नहीं रही है. उन्होंने कहा कि अब तो कालाधन मिल गया है, लोगों के खाते में 15-15 लाख रुपये तो दो.
