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रबी फसलों के लिए 30 से नहरों में पानी
पटना : इस बार रबी किसानों को सिंचाई का संकट नहीं झेलना पड़ेगा. जल संसाधन विभाग ने रबी सिंचाई के लिए इस बार पुख्ता प्रबंध किये हैं. सिंचाई के लिए सभी नहरों में जल संसाधन विभाग 40 हजार क्यूसेक पानी हर दिन छोड़ेगा. विभाग ने 30 नवंबर से सभी नहरों में पानी छोड़ने की तैयारी […]
पटना : इस बार रबी किसानों को सिंचाई का संकट नहीं झेलना पड़ेगा. जल संसाधन विभाग ने रबी सिंचाई के लिए इस बार पुख्ता प्रबंध किये हैं. सिंचाई के लिए सभी नहरों में जल संसाधन विभाग 40 हजार क्यूसेक पानी हर दिन छोड़ेगा. विभाग ने 30 नवंबर से सभी नहरों में पानी छोड़ने की तैयारी पूरी कर ली है.
हर वर्ष रबी सिंचाई संकट को लेकर10 जिलों के किसानों को सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ती थी. सिंचाई संकट को लेकर 10 जिलों में प्राय: हर वर्ष किसान आंदोलन करते रहे हैं. किसानों को धरना-प्रदर्शन न करना पड़े, इसके लिए विभाग ने नहर-कैनालों के दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया था. राज्य के मोतिहारी, सीवान, सहरसा, दरभंगा, डिहरी, औरंगाबाद, गया, नालंदा, बिहारशरीफ व भागलपुर में रबी सिंचाई को प्राथमिकता देने की जल संसाधन विभाग ने योजना बनायी है. इन जिलों मेंसबसे अधिक रबी की खेतीहोती है. किसानों को नहरों से सिंचाई सुविधा मुहैया कराने की जिम्मेवारी इस बार जल संसाधन विभाग ने सहायकों या कर्मचारियों को नहीं, बल्कि मुख्य और अधीक्षण अभियंताओं को दी है. सभी नहरों में 30 नवंबर से पानी छोड़ने का काम शुरू हो जायेगा.
सिंचाई सृजन के अभियंता प्रमुख राम पुकार रंजन ने स्पष्ट कर दिया है कि खेतों में सिंचाई जल न पहुंचने पर दोषी अभियंताओं पर कार्रवाई करने में विभाग कोई नरमी नहीं बरतेगा. रबी सिंचाई के लिए नहरों से पानी वृहद और लघु सिंचाई योजना के तहत छोड़ा जायेगा. सूबे के 23.12 लाख हेक्टेयर में 10 दिसंबर, 2016 से 25 अप्रैल, 2017 तक रबी की खेती होनी है.
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