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कलेक्ट्रेट में कई अधिकारियों की जेब में नहीं थे चेंज पैसे
पटना. कलेक्ट्रेट के अधिकारी व कर्मचारियों में भी 1000 व 500 के नोट बंद होने के बाद की परेशानी देखने को मिली. कई अधिकारियों के पास चेंज पैसे नहीं थे. कई अधिकारिरयोें व कर्मचारियों के बच्चे फोन कर खुले पैसे मांग रहे थे. आर्म्स लाइसेंस ऑफिस के एक बड़े अधिकारी का बच्चा दिल्ली में रहता […]
पटना. कलेक्ट्रेट के अधिकारी व कर्मचारियों में भी 1000 व 500 के नोट बंद होने के बाद की परेशानी देखने को मिली. कई अधिकारियों के पास चेंज पैसे नहीं थे. कई अधिकारिरयोें व कर्मचारियों के बच्चे फोन कर खुले पैसे मांग रहे थे. आर्म्स लाइसेंस ऑफिस के एक बड़े अधिकारी का बच्चा दिल्ली में रहता है. उसके पास आठ हजार रुपये थे, लेकिन अधिकतर पांच सौ के नोट. जो अब उसके काम का नहीं है. ऐसे में उसे वहां खाने-पीने में परेशानी हो रही है. उसे दोस्तों से मैनेज करने को कहा गया, लेकिन उनके दोस्तों का भी यही हाल है.
पटना सदर के एक अधिकारी सुबह में घर से जब निकले, तो उनके पास 200 रुपये थे. जब पत्नी से और पैसे मांगे तो उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिये. ऑफिस पहुंच कर एक कर्मचारी को भी बैंक भेजा, लेकिन भीड़ ज्यादा होने से वह लौट आया. दोपहर बाद उनके एक कर्मचारी ने चार हजार के 100-100 के नोट बैंक से लाकर दिया. कई कर्मचारी तो बैंक से 500 का चेंज करा लिया, लेकिन कई ऐसे भी कर्मचारी हैं, जो उधार पर राशन लेकर काम चला रहे हैं.
पटना : बड़ी राशियों के पुराने नोटों पर बैन के दूसरे दिन भी शहर के अधिकतर मॉल में सन्नाटा पसरा रहा. गारमेंट व साज-सज्जा के सेक्शन खाली रहे, तो फूड सेक्शन में जरूरत की वस्तुएं खरीदते कुछ लोग देखे गये. अन्य दिन गुलजार रहनेवाला फ्रेजर रोड स्थित एक मॉल में बिलिंग काउंटर पर कुछ लोग दिखे. इन लोगों के हाथ में अधिकतर खाद्य सामग्री ही थी. ये लोग पेमेंट डेबिट या क्रेडिट कार्ड से करते दिखे. वहीं, बोरिंग रोड स्थित एक मॉल में एक्के-दुक्के लोग दिखे. बिलिंग काउंटर के कर्मियों ने बताया कि सामान्य दिनों के मुकाबले 10 फीसदी भी बिक्री नहीं हो रही है. पाटलिपुत्र स्थित एक मॉल में हलचल तो दिखी, लेकिन खरीदारी से परहेज करते दिखे.
राजा बाजार स्थित एक मॉल के मैनेजर ने बताया कि गुरुवार को खाद्य सामग्री की बिक्री बढ़ी है, जिसमें फलों की बिक्री सबसे ज्यादा हुई. लोग सामान थोक में ले जा रहे हैं. ज्यादा लोग महीने भर का राशन ले रहे हैं, जबकि पहले वे एक या दो बार करके राशन की खरीदारी किया करते थे. रेस्टोरेंट मालिक भी ग्राहकों का इंतजार करते दिखे. अनिसाबाद स्थित एक बिरयानी हाउस के मालिक ने बताया कि पहले दोपहर में ग्राहकों की भीड़ रहती थी, आज कुरसियां खाली हैं. इक्का-दुक्का लोग ही आ रहे हैं.
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