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पब्लिक मनी लेनेवाली कंपनियों का बनेगा डाटाबेस

राज्य के लोगों के आर्थिक हितों की रक्षा करने के लिए सरकार ने लिया बड़ा निर्णय पटना : राज्य में लोगों के आर्थिक हितों की रक्षा करने के लिए सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. इसके तहत राज्य में आम जनता से किसी तरह का पैसा किसी रूप में जमा लेने वाली निजी कंपनियों, […]

राज्य के लोगों के आर्थिक हितों की रक्षा करने के लिए सरकार ने लिया बड़ा निर्णय
पटना : राज्य में लोगों के आर्थिक हितों की रक्षा करने के लिए सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. इसके तहत राज्य में आम जनता से किसी तरह का पैसा किसी रूप में जमा लेने वाली निजी कंपनियों, चिट फंड कंपनियों या संस्थानों या अन्य ऐसे किसी माध्यम से भी अगर कोई पैसा जमा लेता है, तो उसका पूरा ब्योरा संबंधित जिलों के डीएम के यहां जमा करना होगा.
सभी जिलों के डीएम को वित्त विभाग ने यह आदेश दिया है कि वह एक महीने के अंदर ऐसी सभी संस्थानों का पूरा डाटाबेस हर हाल में तैयार कर लें. हाल में इस मामले को लेकर वित्त विभाग की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू), आरबीआइ समेत अन्य संबंधित विभागों के पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक हुई है. इस बैठक में डीएम को ऐसी चिट फंड कंपनियों या ऐसी अन्य किसी कंपनियों की गहन छानबीन कर उनका पूरा ब्योरा तैयार करने का आदेश दिया गया है. राज्य में आर्थिक लेन-देन करने वाली ऐसी फर्जी कंपनियों की गहन छानबीन करने या इनके खिलाफ कार्रवाई करनेके लिए इओयू को नोडल विभाग बनाया गया है.हालांकि, इससे पहले भी सभी डीएम को चिट फंड कंपनियों की सूची तैयार करने के लिए कहा गया था, लेकिन आज तक सभी जिलों ने इसकी पूरी सूची तैयार नहीं की है. इस वजह से राज्य में काम करने वाली किसी तरह की चिट फंड कंपनियों की कोई सटीक जानकारी सरकार के पास नहीं है.
राज्य सरकार ने आम लोगों के आर्थिक हितों की रक्षा करने के लिए एक विशेष कानून बीपीआइडी (बिहार प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपाजिटर्स) एक्ट तैयार किया है. इसके तहत सभी जिलों को कार्रवाई करने का आदेश जारी किया गया है. जो निजी कंपनी या संस्थान लोगों से बिना आरबीआइ के तय दिशा-निर्देशों के पैसे जमा लेती हैं, उनके खिलाफ मामला दर्ज करके सख्त कार्रवाई की जायेगी.
इस एक्ट में ऐसी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने का विस्तृत प्रावधान किया गया है. इसके अलावा इस एक्ट में यह प्रावधान भी है कि सभी जिलों में एक-एक एडीएम रैंक के अधिकारी की तैनाती इससे जुड़े मामलों की देखरेख करने के लिए की जायेगी. चिट फंड कंपनियों या संस्थानों को संबंधित जिले के डीएम के पास जाकर अपनी पूरी जानकारी देनी होगी और रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसके बाद ही वह किसी जिले में काम कर सकती है. ऐसा नहीं करने वाली संस्थानों पर कार्रवाई करनी है.
पंचायत तक होगा प्रचार-प्रसार
फर्जी चिट फंड कंपनी या ऐसे संस्थानों की पहचान करने के लिए आम लोगों को आरबीआइ की तरफ से जारी गाइड लाइन का प्रचार-प्रसार किया जायेगा. पंचायत से लेकर जिला स्तर तक इससे संबंधित बैनर, पोस्टर लगाकर लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. यह अभियान जल्द ही शुरू हो जायेगा. फर्जी कंपनियों की पहचान करने से जुड़ी सभी जानकारी दी जायेगी.
जिलों को दिया गया है आदेश
बीपीआइडी एक्ट के तहत कार्रवाई करने और तमाम कंपनियों का डाटाबेस तैयार करने का आदेश सभी जिलों को दिया गया है. इससे संबंधित व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने का काम भी जल्द शुरू हो जायेगा.
जितेन्द्र सिंह गंगवार, आइजी, इओयू

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