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मास्टर प्लान को मंजूरी, अब फतुहा से बिहटा तक होगा पटना महानगर
कैबिनेट के फैसले : बिहटा एयरपोर्ट के िलए 126 एकड़ जमीन का होगा अिधग्रहण पटना : पटना के मास्टर प्लान 2031 पर कैबिनेट ने गुरुवार को अपनी सहमति दे दी. इसमें शहर की बाहरी सीमा निर्धारित कर दी गयी. अब पटना महानगर का फैलाव पूरब में खुसरूपुर-फतुहा और पश्चिम में मनेर-बिहटा तक होगा. इसमें पटना […]
कैबिनेट के फैसले : बिहटा एयरपोर्ट के िलए 126 एकड़ जमीन का होगा अिधग्रहण
पटना : पटना के मास्टर प्लान 2031 पर कैबिनेट ने गुरुवार को अपनी सहमति दे दी. इसमें शहर की बाहरी सीमा निर्धारित कर दी गयी. अब पटना महानगर का फैलाव पूरब में खुसरूपुर-फतुहा और पश्चिम में मनेर-बिहटा तक होगा. इसमें पटना नगर निगम क्षेत्र के साथ ही बिहटा, दानापुर, मनेर, फतुहा, नौबतपुर, धनरुआ, खुसरूपुर, मसौढ़ी, फुलवारीशरीफ, पुनपुन व संपतचक प्रखंडों के ग्रामीण इलाकों को भी शामिल किया गया है. अब इस इलाके का चरणबद्ध तरीके से विकास कर महानगर की सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी. मास्टर प्लान के तहत बिहटा स्थित वायु सेना के एयरपोर्ट को भी नागरिक उड्डयन के लिए विकसित किया जायेगा. इसके लिए राज्य सरकार 126 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करेगी.
कैबिनेट की बैठक के बाद नगर विकास एवं आवास मंत्री महेश्वर हजारी ने बताया कि पटना प्लानिंग क्षेत्र का निर्धारण 1167.04 वर्ग किमी क्षेत्र में होगा. मास्टर प्लान के अंतर्गत 563 वर्ग किमी क्षेत्र का विकास किया जायेगा. शेष ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्य शहर से जोड़ने के लिए साधनों का विकास किया जायेगा.
दो दिन पहले मास्टर प्लान को पटना मेट्रोपोलिटन कमेटी ने सर्वसम्मति से इसे पास कर दिया था. अब उम्मीद है कि 20 हजार वर्गमीटर और उससे ऊपर की निर्मित होनेवाली इमारतों पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा लगायी गयी रोक हट जायेगी. महानगर मास्टर प्लान के तहत डेवलपमेंट कंट्रोल कमीशन के तहत जमीन का वर्गीकरण करने का निर्णय लिया गया है.
इसके पहले पटना में 1981 में मास्टर प्लान तैयार किया गया था. अब 35 वर्ष बाद पटना का नया मास्टर प्लान तैयार किया गया है.
पटना एयरपोर्ट भी चालू रहेगा
कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि महानगर मास्टर प्लान के तहत बिहटा एयरपोर्ट का एयरबेस के साथ-साथ नागरिक उड्डयन के लिए भी उपयाेग होगा. इसके लिए सिविल एविएशन के साथ राज्य सरकार की सहमति बन गयी है. उन्होंने बताया कि बिहटा एयरपोर्ट को विकसित किया जायेगा. इसके लिए सरकार 126 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करेगी. इसकी प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर दी जायेगी. साथ -साथ पटना हवाई अड्डा भी पूर्व की तरह काम करता रहेगा.
मिले थे 721 सुझाव और आपत्तियां
कैबिनेट सचिव ने बताया कि महानगर मास्टर प्लान 2031 के लिए 15 नवंबर, 2014 तक कुल 721 आपत्तियां और सुझाव मिले थे. बड़ी संख्या में लोगों ने एसएमएस और मेल से सुझाव दर्ज कराया. इसके अतिरिक्त केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग आॅर्गेनाइजेशन से मिले सुझाव के निष्पादन के बाद स्वीकृत कर सभी सुझावों और आपत्तियों को वेबसाइट पर डाला गया.
2031 तक पटना महानगर की आबादी होगी 60.25 लाख
कैबिनेट सचिव ने बताया कि मास्टर प्लान के तहत निर्धारित एरिया में विस्तार किया जा सकता है. 2021 तक शहर की आबादी 48.35 लाख व 2031 तक 60.25 लाख हो जायेगी. इसमें शहरी आबादी 81% और ग्रामीण आबादी 19% होगी.
ज्योगरोफिकल इनफोरमेशन सिस्टम पर आधारित है पटना मास्टर प्लान
यह मास्टर प्लान नगर विकास एवं आवास विभाग ने सेंटर फाॅर इन्वायरमेंटल प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद के सहयोग से तैयार किया है, जो कैडेस्ट्रल मैप को सुपर इंपोज करते हुए ज्योग्राफिकल इन्फोर्मेशन सिस्टम पर आधारित है. मास्टर प्लान के लिए पटना आयोजना क्षेत्र के सीमांकन के प्रस्ताव को 25 जुलाई, 2014 को कैबिनेट की बैठक मंजूर किया गया था.
कनेक्टविटी
एनएच-30, एनएच -31, एनएच 83 और एनएच-98
पूर्वी बंकाघाट- मनेर 42 किमी सड़क की चौड़ाई- 80 मीटर
11 रिंग रोड की चौड़ाई – 60-60 मीटर
20 सेक्टोरल रोड की चौड़ाई- 45-45 मीटर
आंतरिक सड़कों की चौड़ाई- 30.5 मीटर
35 वर्ष बाद तैयार किया गया है पटना का नया मास्टर प्लान
इन प्रखंडों के इतने गांव होंगे शािमल
मास्टर प्लान में पटना नगर निगम के 31 गांवों के अलावा बिहटा प्रखंड के 80, दानापुर सह खगौल के 34, धनरुआ के 15, फतुहा के 77, खुसरूपुर के दो, मनेर के 41, मसौढ़ी के छह, नौबतपुर के 93, फुलवारीशरीफ के 68, पुनपुन के 85 और संपतचक के 38 गांवों को शामिल किया गया है.
अब जोनल प्लान तैयार िकये जायेंगे
मास्टर प्लान की मंजूरी के बाद जोनल प्लान तैयार किये जायेंगे. इसमें 30-40 जोनल प्लान बनाने का प्रस्ताव है.जोनल प्लान में हर क्षेत्र के विकास के लिए योजनाएं बनायी जायेंगी. एक-एक मुहल्ले की सड़कों, गलियों व नालियों के विकास का खाका तैयार किया जायेगा. जोनल प्लान में ही यह तय किया जायेगा कि किस क्षेत्र में स्कूल, किस क्षेत्र में अस्पताल और कहां पर सामुदायिक भवन का निर्माण होगा. साथ ही जितने भी क्षेत्र तैयार किये गये हैं, उनमें मास्टर प्लान के अनुसार ही निर्माण होगा. आवागमन की सुविधा को लेकर सड़कों की चौड़ाई भी निर्धारित कर दी जायेगी. इनमें कॉमर्शियल, रेसिडेंसियल, मैन्युफैक्चरिंग, पब्लिक एंड सेमी पब्लिक क्षेत्र, ओपेन स्पेस, हरित एरिया जैसे क्षेत्र शामिल हैं.
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