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राज्य की सकल प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत से कम
पटना : सभी प्रयासों के बाद भी राज्य की सकल प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत के पास नहीं पहुंच पायी है. वर्तमान में राज्य की प्रजनन दर 3.2 है जो पूरे देश में सबसे निचले पायदान पर है. यूपी की प्रजनन दर में इस वर्ष बढ़ोत्तरी हुई है. अब वह 3.1 से बढ़ कर 3.2 हो […]
पटना : सभी प्रयासों के बाद भी राज्य की सकल प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत के पास नहीं पहुंच पायी है. वर्तमान में राज्य की प्रजनन दर 3.2 है जो पूरे देश में सबसे निचले पायदान पर है. यूपी की प्रजनन दर में इस वर्ष बढ़ोत्तरी हुई है. अब वह 3.1 से बढ़ कर 3.2 हो गया है. इस मामले में तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत से भी बेहतर है. इन दोनों राज्यों की प्रजनन दर 1.7 है. राष्ट्रीय प्रजनन दर अभी 2.3 है.
दूसरी ओर अधिकारी बताते हैं कि बिहार में शिक्षित महिलाओं में प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत के पास है. यहां की इंटर पास माताओं में प्रजनन की औसत दर राष्ट्रीय औसत दर से भी कम है. प्लस टू पास महिलाओं में प्रजनन दर 2.1 है. मालूम हो कि वर्ष 2005 में राज्य की कुल प्रजनन दर 4.3 था. आबादी को स्थिर करने के लिए किये जा रहे प्रयासों के बाद भी प्रजनन दर तीन के नीचे नहीं आ रहा है. सकल प्रजनन दर वह होता है जिसमें कोई महिला अपने संतान उत्पत्ति काल में औसत बच्चे को जन्म देती है. बिहार में प्रति माताओं के औसत बच्चों की संख्या अभी 3.2 बनी हुई है. सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे 2012 में बिहार का प्रजनन दर 3.5 था. वर्ष 2013 में राज्य का प्रजनन दर 3.4 हो गया.
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