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14 साल बाद दुकानों का रखरखाव शुल्क बढ़ाने की तैयारी

निगम की सशक्त स्थायी समिति ने निगम प्रशासन से मांगा है संलेख पटना : नगर निगम अपने दुकानों का किराया यानी रखरखाव शुल्क बढ़ाने की तैयारी में है. वर्षों बाद निगम की सशक्त स्थायी समिति ने मौर्या लोक सहित अन्य क्षेत्रों की दुकानों की सूची, अब तक की गयी वसूली और शुल्क बढ़ाने के लिए […]

निगम की सशक्त स्थायी समिति ने निगम प्रशासन से मांगा है संलेख
पटना : नगर निगम अपने दुकानों का किराया यानी रखरखाव शुल्क बढ़ाने की तैयारी में है. वर्षों बाद निगम की सशक्त स्थायी समिति ने मौर्या लोक सहित अन्य क्षेत्रों की दुकानों की सूची, अब तक की गयी वसूली और शुल्क बढ़ाने के लिए निगम प्रशासन से संलेख मांगा है, ताकि 14 वर्षों बाद दुकानों का किराया बढ़ाया जा सके.
जानकारी के अनुसार नगर निगम ने वर्ष 2002 से अपनी परिसंपत्तियों का किराया नहीं बढ़ाया है. इससे प्रति वर्ष करोड़ों का वित्तीय नुकसान हो रहा है. ऐसे में नगर निगम अगर समिति में सही तरीके से प्रस्ताव लाता है और समिति इस पर सहमति देती है, तो इससे निगम की वित्तीय स्थिति में सुधार होगी और विकास योजनाएं बढ़ेंगी.
बहुत कम है रखरखाव शुल्क, पर वसूल नहीं पाता नगर निगम : शहर में नगर निगम की करीब 835 दुकानें हैं. न्यू मार्केट में ही 500 दुकानें हैं. इनका रख-रखाव शुल्क बहुत ही कम है. न्यू मार्केट में 15 रुपये वर्ग फुट के हिसाब से शुल्क वसूले जाते हैं. जबकि, इस इलाके में निजी मार्केट का किराया 100 रुपये प्रति वर्ग फुट से भी अधिक है.
न्यू मार्केट के अलावा नगर निगम का चार्ज अन्य जगहों पर 10 रुपये प्रति वर्ग फुट है. कच्चा निर्माण पर रखरखाव शुल्क पांच रुपये वर्ग फुट है. इतनी कम रेट होने के बावजूद नगर निगम का इन पर करोड़ों का बकाया है. मौर्या लोक की दुकानों पर दो करोड़ से भी अधिक का बकाया है, जाे नगर निगम को वसूल करना है.
आवंटी नहीं दे रहे या निगम नहीं वसूल पा रहा शुल्क : मौर्यालोक में दुकान से लेकर श्रीकृष्णापुरी, राजेंद्र नगर, बेऊर व कंकड़बाग में आवासीय भवन हैं. इनमें कई पर अवैध कब्जा भी है.
इसके साथ ही आवंटी भी सालाना रख-रखाव शुल्क जमा नहीं कर रहे हैं. वर्ष 2015-16 के वित्त विभाग के अधीन स्थानीय निधि अंकेक्षण निदेशालय की जांच टीम ने दो करोड़ 84 लाख 23 हजार से अधिक राशि के बकाया की बात कही है. सबसे बड़ी बात यह है कि नगर निगम के पास इसकी जानकारी भी नहीं है कि किस संपत्ति का शुल्क कितने दिनों से बकाया है. निगम इन आवंटियों से नियमित रूप से शुल्क की मांग भी नहीं कर रहा.
मौर्या लोक के दुकानदारों पर दो करोड़ से अधिक का बकाया : नगर निगम के पांच सौ से अधिक दुकानदारों पर वित्तीय वर्ष 2015-16 तक नगर निगम का दो करोड़ 82 हजार 430 रुपये का बकाया है. नगर निगम ने अंकेक्षण को इस बात की जानकारी उपलब्ध करायी है. वहीं, राजेंद्र नगर व परिवहन नगर में कई वर्षों से नगर निगम ने रखरखाव शुल्क की वसूली नहीं की है. अनुमान के अनुसार इसका अाकड़ा 50 लाख से भी अधिक का है.
बजट तैयार करते समय शुल्क बढ़ाने का बनाया गया था प्रस्ताव : नगर निगम के वित्तीय वर्ष 2016-17 का बजट तैयार करते समय दुकानों का रखरखाव शुल्क बढ़ाने पर चर्चा हुई थी. तत्कालीन नगर आयुक्त न्यू मार्केट के दुकानों का 50 रुपये वर्ग फुट और अन्य जगहों का 30 रुपये वर्ग फुट करने की तैयारी में थे. लेकिन, बाद में दुकानों का सही आंकड़ा नहीं मिलने के कारण मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
नगर निगम दुकानों का रख-रखाव शुल्क बढ़ाने के लिए संलेख तैयार कर रहा है. शुल्क कितना बढ़ेगा इन पर कोई आंकड़ा नहीं लिया गया है. निगम की सशक्त स्थायी समिति में इस पर निर्णय होगा.
अभिषेक सिंह, नगर आयुक्त

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