13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अस्पतालों को और दुरुस्त किया जा रहा : तेज प्रताप

पटना : स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा कि पूरे बिहार में महागंठबंधन की सरकार बहुत बढ़िया काम कर रही है. अस्पतालों की व्यवस्था को भी और दुरुस्त किया जा रहा है. समस्याओं के समाधान के लिए पूरी ताकत लगायी जायेगी. वे गुरुवार को राजद प्रदेश कार्यालय में संवाद कार्यक्रम के तहत कार्यकर्ताओं और […]

पटना : स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा कि पूरे बिहार में महागंठबंधन की सरकार बहुत बढ़िया काम कर रही है. अस्पतालों की व्यवस्था को भी और दुरुस्त किया जा रहा है. समस्याओं के समाधान के लिए पूरी ताकत लगायी जायेगी. वे गुरुवार को राजद प्रदेश कार्यालय में संवाद कार्यक्रम के तहत कार्यकर्ताओं और आम लोगों से रूबरू हुए.
इस मौके पर प्रमंडलवार कार्यकताओं की बैठने की व्यवस्था थी. स्वास्थ्य मंत्री खुद सभी के पास जाकर उनकी बात सुनी और सभी का आवेदन लिया. कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य, वन एवं पर्यावरण और लघु जल संसाधन विभाग से जुड़ी समस्याओं और सुझावों से तेज प्रताप को अवगत कराया. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा की उन्हें स्वास्थ्य सहित कई विभागों से संबंधित आवेदन मिले हैं. कई जगह से अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने का मामला सामने आया है.
सभी समस्याओं पर वह गंभीरता से गौर करेंगे और इसका हर हाल में समाधान करायेंगे. पत्रकारों के प्रश्नाें के जवाब में उन्होंने कहा की सभी आवेदन पर विभागवार सुनवाई होगी. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामचंद्र पूर्वे ने की और स्वागत प्रधान महासचिव मुंद्रिका सिंह यादव ने किया. इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद कुमार यादवेंदु, रामनारायण मंडल, रामजी मांझी, महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष आभलता, प्रदेश प्रवक्ता प्रगति मेहता, चितरंजन गगन, मनीष यादव और भाई सनोज यादव समेत बड़ी संख्या नेता मौजूद थे.
मेडिकल कॉलेज, बेतिया को मिले 580 करोड़ : राज्य में मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. नव स्थापित राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल बेतिया में भवन निर्माण के लिए 580 करोड़ स्वीकृत किये गये हैं. साथ ही मरीजों के इलाज के लिये उपकरणों की खरीद भी की जायेगी.
मेडिकल कॉलेज अस्पताल होते हुए भी यहां पर इलाज वाले उपकरणों का दर्जा जिला अस्पताल जैसा ही बना हुआ है. राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल बेतिया में चौथे साल 100 एमबीबीएस की सीटों पर नामांकन किया जा रहा है.
विद्यार्थियों के पठन-पाठन के लिए कार्यकारी व्यवस्था के तहत लैब आदि का निर्माण किया गया है. जो उपकरण उपलब्ध हैं उनका दर्जा जिला अस्पताल से अधिक नहीं है. मेडिकल कॉलेज में मरीजों का इलाज तृतीय स्तर का होता है जिसमें आधुनिक ऑपरेटर थियेटर और ऑपरेशन के उपकरणों की अावश्यकता होती है. मरीजों को कम संख्या में रेफर करने की आवश्यकता पड़ती है. बेतिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रतिदिन 1200 के करीब मरीज ओपीडी में इलाज कराने के लिए आते हैं. साथ ही यहां पर 300-350 मरीजों को भरती करनी पड़ती है. मेडिकल कॉलेज के लिए 500 बेड की आवश्यकता है.
अभी बेतिया मेडिकल कॉलेज के पास महज 350 बेड ही उपलब्ध हैं. अस्पताल में जूनियर रेसीडेंट और सीनियर रेजीडेंट की संख्या पर्याप्त है जबकि वरीय फैकल्टी में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की कमी है. तीन स्तरों पर शिक्षकों की 25 फीसदी कमी है. कॉलेज के प्राचार्य डॉ राजीव रंजन ने बताया कि कॉलेज में शैक्षणिक कार्य चलाने में कोई परेशानी नहीं है. कार्यकारी व्यवस्था के तहत लैब और शैक्षणिक कार्यों के लिए क्लास रूम की व्यवस्था की गयी है. सरकार ने कॉलेज और अस्पताल के भवन निर्माण के लिए राशि की स्वीकृति दे दी है.
भवन निर्माण का टेंडर अंतिम स्थिति में है. जल्द ही निर्माण कार्य आरंभ होगा. इसके बाद किसी तरह की समस्या नहीं रह जायेगी. मालूम हो कि राज्य में तीन नये मेडिकल कॉलेज अस्पतालों का निर्माण एक साथ आरंभ हुआ था. इसमें महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी और इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, शेखपुरा की स्थिति बेहतर हैं. एक साथ ही निर्मित होनेवाले मधेपुरा मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निर्माण कार्य अभी चल रहा है. अभी वहां एक भी बैच में विद्यार्थियों का नामांकन नहीं हुआ हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें