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अंतरराष्ट्रीय सिख सम्मेलन में बादल ने कहा, पंजाब भी नहीं कर पायेगा इतना बड़ा कार्यक्रम
पटना में प्रकाशोत्सव रचेगा इतिहास, तैयारी के लिए नीतीश को बधाई : बादल गुरु गोविंद सिंह की 350वीं जयंती पर होनेवाले प्रकाश पर्व को लेकर गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय सिख सम्मेलन का शुभारंभ हुआ. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इसका उद्घाटन किया. पटना : पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल […]
पटना में प्रकाशोत्सव रचेगा इतिहास, तैयारी के लिए नीतीश को बधाई : बादल
गुरु गोविंद सिंह की 350वीं जयंती पर होनेवाले प्रकाश पर्व को लेकर गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय सिख सम्मेलन का शुभारंभ हुआ. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इसका उद्घाटन किया.
पटना : पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अंतरराष्ट्रीय सिख सम्मेलन में कहा कि गुरु गोविंद सिंह की 350वीं जयंती पर बिहार सरकार जितना भव्य कार्यक्रम कर रही है, उतना बड़ा और भव्य आयोजन पंजाब सरकार भी नहीं कर पायेगी. बिहार में प्रकाशोत्सव एक इतिहास कायम करेगा. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस आयोजन के लिए बधाई दी.
उन्होंने कहा, पटना में गुरु गोविंद सिंह का तो जन्म हुआ ही, इसके अलावा सिखों के दो और गुरुओं गुरु नानक और गुरु तेज बहादुर का भी बिहार की पुण्य भूमि से लंबा लगाव रहा था. बिहार आंदोलन और क्रांति की भूमि रही है. जेपी आंदेलन को भला कौन भूल सकता है. जेपी ने इमरजेंसी के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ी थी. उन्होंने कहा कि सिखों को कुरबानी घुट्टी में मिली है. सिखों ने आजादी से लेकर खालसा पंथ और देश की सुरक्षा के लिए बड़ी-बड़ी लड़ाइयां लड़ीं. सिखों की लड़ाई सबसे अलग रही है. बिहार की तरह पंजाब ने भी आजादी की बड़ी लड़ाइयां लड़ीं और कई कुरबानियां दीं. आगे भी सिख कौम देश-समाज की रक्षा के लिए कुरबानियां देगा.
उन्होंने कहा कि आजकल सेक्यूलरिज्म और सोशलिज्म को लेकर राजनीति में बड़ी-बड़ी बातें हो रही हैं, जबकि सच यह है कि गुरुग्रंथ साहिब से ही ये शब्द प्रेरित हैं. गुरुग्रंथ साहिब की एक पंक्ति है-‘एक मानस की है जात..’. उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह के बताये रास्ते पर चल कर ही देश को जात-पांत और सांप्रदायिकता से निजात दिलाया जा सकता है. उनके बताये रास्ते पर यदि हम चलें, तो भारत दुनिया का का अव्वल देश बन सकता है. सम्मेलन में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पटना साहिब में गुरु गोविंद सिंह के नाम पर भव्य सामुदायिक भवन बनवाने के लिए पंजाब सरकार की ओर से 10 करोड़ का चेक भी दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रकाश पर्व पर पंजाब में होनेवाले कार्यक्रम में आने का न्योता भी दिया.
मोबाइल एप लांच, पुस्तक का विमोचन
नीतीश कुमार व प्रकाश सिंह बादल ने गुरु गोविंद सिंह पर लिखी ‘गुरुमुखी’ किताब का िवमोचन किया. साथ ही प्रकाश पर्व के लिए मोबाइल एप भी लांच किया. यह िकताब फिलहाल गुरुमुखी, अंगरेजी व पंजाबी में है. हिंदी में भी इसका अनुवाद होगा. मोबाइल एप में होटल, गाड़ियां, रूट समेत सभी तरह की व्यवस्था की जानकारी है.
सरकार की तैयारी
गांधी मैदान में 20 हजार के ठहरने का इंतजाम
बाइपास के साथ-साथ कंगन घाट में टेंट सिटी
बाहर से आनेवाले वाहनों के लिए बाइपास में पार्किंग
प्रकाश पर्व पर तीन दिन रहेगी छुट्टी
गरीब राज्य से जो कुछ भी बन पड़ेगा, करेंगे : नीतीश
पटना. अंतरराष्ट्रीय सिख सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहां एक ओर लोगों से प्रकाश पर्व में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने की अपील की, वहीं दूसरी ओर बिहार के गौरवशाली इतिहास का बखान भी किया. दुनिया भर से आये सिखों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब राज्य से जो कुछ बन पड़ेगा, करेंगे.
अतिथि सत्कार में हम पीछे नहीं रहेंगे. उन्होंने कहा, आप सभी बिहार सरकार के ही नहीं, पूरे बिहार व बिहारवासियों से सम्मानित अतिथि हैं. प्रकाश पर्व में ज्यादा-से-ज्यादा श्रद्धालु बिहार आएं और गुरु गोविंद जी महाराज के 350वें जयंती समारोह में शामिल हों, इसके लिए लोगों को प्रेरित करें. प्रकाश पर्व को सफल बनाने और जन-जन तक इसकी जानकारी लोगों को देने के लिए पहली बार राज्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सिख सम्मेलन का आयोजन किया है. इससे देश में प्रेम, भाईचारा, सौहार्द, सहिष्णुता का संदेश जायेगा. साथ ही बिहार भ्रमण और आपका यहां आना यादगार रहेगा.
उन्होंने कहा कि प्रकाश पर्व से पहले हो रहे तीन दिनों के इस सम्मेलन में ‘गुरु गोविंद सिंह जी एक आध्यात्मिक उद्धारक व अधिकारों के रक्षक’, ‘गुरु गोविंद सिंह जी सर्वश्रेष्ठ साहित्यकार व कवि’, ‘सिखिज्म प्रेम व मानवता का धर्म ‘ और ‘भारत के निर्माण में सिख समुदाय का योगदान’ विषय पर पैनल डिस्कशन किया जायेगा. इस चर्चा में जो माहौल बनेगा, उसे लोगों तक पहुंचाया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मेलन में आये सभी धर्मों व क्षेत्रों के ज्ञानी लोग तख्त हरमंदिर, अन्य गुरुद्वारा समेत बोधगया, राजगीर का भी दर्शन कर सकेंगे.
सरकार की ओर से इसकी व्यवस्था की गयी है. हम सब अपने को गौरवांवित महसूस करते हैं कि गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म बिहार की धरती पर हुआ. उनका 350वां जयंती समारोह सफलतापूर्वक हो, इसका प्रयास किया जा रहा है. इस आयोजन का नेतृत्व करने का मुझे मौका मिला, इसे गुरु की ही कृपा मानता हूं.
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है. भगवान बुद्ध का परिभ्रमण बिहार में हुआ. बोधगया में उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई. सारनाथ में उन्होंने पहला अौर राजगीर में अनेक उपदेश दिये. बुद्ध ने ही वैशाली में महिलाओं को संघ में प्रवेश दिया और हम आज महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं. महावीर की जन्म, कर्म व निर्वाण भूमि बिहार ही है. बिहार की भूमि मगध साम्राज्य, लिच्छवी, सम्राट अशोक की रही है. अर्थशास्त्र के जनक चाणक्य, शून्य की खोज करनेवाले आर्यभट्ट की धरती है बिहार. खगौल, तारेगना (मसौढ़ी) और सोन नदी के किनारे आर्यभट की वेद्यशाला थी. उन्होंने जो बताया था, आज भी वही रहा. मौर्यकाल, गुप्तकाल का काल स्वर्णिम रहा. बिहार शेरशाह, सूफी संतों की भी भूमि रही. मां सीता का जन्म, वाल्मीकि की धरती भी यही बिहार है. भारत से बड़ा मगध साम्राज्य का क्षेत्रफल था, जिसका संचालन पाटलिपुत्र की धरती से होता था. इसी पावन धरती पर गुरु गोविंद सिंह का भी जन्म हुआ. आधुनिक युग में गांधी जी ने सत्याग्रह के लिए बिहार के चंपारण को चुना.
गुरु गोविंद सिंह ने जनता की खोयी शक्तियों को जगाया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह का जन्म पटना में हुआ. वे सर्ववंश दानी, सिपाही, महान योद्धा, सफल साहित्यकार, बहुभाषी ज्ञानी, दया-क्षमा से भरे हुए व्यक्तित्व के धनी थे. 42 साल की उम्र में महान काम करना आसान नहीं था. दलित-शोषितों के लिए खालसा पंथ स्थापित किया. ऐसी शक्ति बनायी कि बड़ी शक्तियां परास्त हुईं. जनता की खोई शक्ति को जगा दिया. बड़ी-से-बड़ी शक्ति को घुटने टेकने पर मजबूर किया. वे संत थे, आध्यात्मिक छाया उनके मन में रहती थी.
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