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आधा दर्जन परियोजनाओं पर हो रहा काम
बन सकता है सोलर पार्क कजरा मेें प्रस्तावित ताप बिजलीघर के निर्माण में हो रही देरी और पाॅल्यूशन क्लीयरेंस के मामले को लेकर विभाग इस ओर भी विचार कर रहा है कि ताप बिजली घर को सोलर पार्क के रूप में विकसित किया जाये. विभाग अभी इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है. अभी […]
बन सकता है सोलर पार्क
कजरा मेें प्रस्तावित ताप बिजलीघर के निर्माण में हो रही देरी और पाॅल्यूशन क्लीयरेंस के मामले को लेकर विभाग इस ओर भी विचार कर रहा है कि ताप बिजली घर को सोलर पार्क के रूप में विकसित किया जाये. विभाग अभी इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है. अभी सिर्फ चर्चा के स्तर पर ही यह है. यदि सोलर पार्क को लेकर सूबे में सही से काम हुआ, तो बेशक यह पार्क लोगों के लिए दर्शनीय स्थल होगा. इसके बाद अन्य जगहों पर भी सोलर पार्क बनाया जा सकता है. इससे सरकार को राजस्व की प्राप्ति भी हो सकती है.
बिजली की मौजूदा स्थिति
कांटी : 110 मेगावाट के दो यूनिट, 195 के दो यूनिट का निर्माण
बरौनी : 110 मेगावाट के दो यूनिट, 250 के दो यूनिट का निर्माण (अभी व्यावसायिक उत्पादन नहीं)
नवीनगर : 660 मेगावाट के तीन यूनिट, स्टेज 2 में 660 मेगावाट के तीन यूनिट प्रस्तावित
कहलगांव और बाढ़ : इन दोनों शहरों में एनटीपीसी की थर्मल इकाई काम कर रही है.
चौसा : सूबे के चौसा में 1320 मेगावाट क्षमता के बिजली घर का निर्माण शुरू हुआ है. इसे पूरा करने के लिए काम तेजी से चल रहा है.
बड़ोदरा सम्मेलन में रखा जायेगा मुद्दा : ऊर्जा मंत्री
राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव कहते हैं कि कजरा और पीरपैंती में बिजली घर के निर्माण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए हमलोग प्रयास कर रहे हैं. केंद्र का पूरा सहयोग चाहिए. अगले महीने बड़ोदरा में होने वाले ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में इस मुद्दे को रखा जायेगा. जमीन की कोई समस्या नहीं है. केंद्रीय कैबिनेट ने चौसा की तो मंजूरी दे दी है, लेकिन कजरा व पीरपैंती को नहीं दी है.
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