पटना: रविवार को अखंड सौभाग्य की कामना के साथ हस्त नक्षत्र में भगवान शिव पार्वती की पूजा होगी. भादो महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन अखंड सौभाग्य की कामना के लिए महिलाएं हरि तालिका तीज का यह विशिष्ट व्रत रखती हैं. आज सुबह में जागने के बाद महिलाएं स्नान करेंगी और दिन भर निर्जला व्रत रखेंगी. शास्त्रों के मुताबिक भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से युक्त तिथि तृतीया को देवी पार्वती ने भाद्र शुक्ल तृतीया हस्त नक्षत्र में आराधना की थी, इसलिए इस तिथि को यह व्रत किया जाता है.
शाम साढ़े चार बजे के बाद करें पूजा
आचार्य राजकुमार पांडे कहते हैं कि रविवार को तृतीया तिथि का विश्राम 6:55 बजे हो रहा है और हस्त नक्षत्र का विश्राम 4:53 बजे हो रहा है. अत: पूजन 4:30 बजे से प्रारंभ अवश्य करना चाहिए. जिससे तृतीया संग चतुर्थी और हस्त नक्षत्र का संयोग प्राप्त हो सके क्योंकि ऐसा संयोग मनोरथ को पूर्ण करने वाला होता है. हरि तालिका तीज पर रात भर भजन होंगे और मंदिरों के साथ घरों में जागरण करने की परंपरा है. यह शिव-पार्वती की आराधना का सौभाग्य व्रत है, जो महिलाओं के लिए बेहद पुण्य फलदायी माना जाता है. मान्यता है कि इस व्रत के करने से कुंवारी लड़कियों को भी स्मार्ट वर मिलते हैं. इस व्रत पर शिव पार्वती का आशीर्वाद रहता है.
क्या है पूजा की विधि?
हरि तालिका तीज का व्रत भी निराहार और निर्जला रहकर किया जाता है. महिलाएं व कन्याएं भगवान शिव को गंगाजल, दही, दूध, शहद आदि से स्नान कराकर उन्हें फल समर्पित करती हैं. रात्रि के समय अपने घरों में सुंदर वस्त्रों, फूल पत्रों से सजाकर फुलहार बना कर भगवान शिव और पार्वती का विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है. गांव-शहर के प्रमुख बाजारों में गौरा पार्वती मिलते हैं. तीज पर पार्वती जी के इसी स्वरूप की पूजा की जाती है. सुबह चार बजे उठकर बिना बोले नहाना होता है और फिर दिन भर निर्जला व्रत रखना पड़ता है.