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किसानों को 50% अनुदान पर मिलेगी जैविक खाद

राहत. सूक्ष्म तत्वों के लिए पांच सौ रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान जैविक खेती से जहां किसानों को कम लागत पर अच्छी उपज मिलेगी, वहीं खेतों की उर्वरा शक्ति लंबी अवधि तक बनी रहेगी. सरकार ऐसे खेतों की भी पहचान कर रही है, जहां जिंक और बोरोन की कमी से उपज बाधित हो रही है. […]

राहत. सूक्ष्म तत्वों के लिए पांच सौ रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान
जैविक खेती से जहां किसानों को कम लागत पर अच्छी उपज मिलेगी, वहीं खेतों की उर्वरा शक्ति लंबी अवधि तक बनी रहेगी. सरकार ऐसे खेतों की भी पहचान कर रही है, जहां जिंक और बोरोन की कमी से उपज बाधित हो रही है.
पटना : राज्य में जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए सरकार किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर जैविक खाद देने का निर्णय लिया गया है. रासायनिक खाद से खत्म हो रही उर्वरा शक्ति को बचाने और किसानों के खेती पर लागत कम करने की योजना के तहत किसानों को जैविक खाद की सस्ते दर आपूर्ति का निर्णय लिया गया है.
इससे राज्य में जैविक खेती के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा. कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि जैविक खेती से जहां किसानों को कम लागत पर अच्छी उपज मिलेगी, वहीं खेतों की उर्वरा शक्ति लंबी अवधि तक बनी रहेगी. जैविक खेती करने से फसल की पैदावर में काफी वृिद्ध होती है. इसके अलावा उत्पादन भी सही रहता है. इनदिनों भारत के अलावा पश्चिमी देशों में भी जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है.
कृषि वैज्ञानिकों का भी मानना है कि इससे पैदावर में कोई समस्या नहीं आती है. इसे बढ़ावा िमलना चाहिए. विभागीय अधिकारी ने बताया कि सरकार ऐसे खेतों का भी पहचान कर रही है जहां जिंक और बोरोन की कमी से उपज प्रभावित हो रहा है. ऐसे सूक्ष्म तत्वों की कमी को दूर करने के लिए भी किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर जिंक और बोरोन दिया जायेगा.
25500 हेक्टेयर में जैविक खेती का लक्ष्य
राज्य सरकार कृषि रोड मैप के तहत 2016-17 में 25500 हेक्टेयर में जैविक खेती का लक्ष्य तय किया है. हालांकि वित्तीय वर्ष 2015-16 में भी 37297 हेक्टेयर में जैविक खेती का लक्ष्य तय किया गया था, पर उपलब्धि शून्य ही रहा.
विभागीय अधिकारी ने बताया कि जैविक खाद और सूक्ष्म तत्वों पर मिलने वाला अनुदान सिर्फ दो हेक्टेयर के लिए ही मान्य है. किसानों को जैविक खाद के मूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम प्रति हेक्टेयर 75 अनुदान ही मिलेगा. जिंक और बोरोन की खरीद पर किसानों को मूल्य का 50 प्रतिशत या अधिकतम पांच सौ रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान देने का प्रावधान किया गया है.
अधिकारी ने बताया कि जैविक खाद और जिंक और बोरोन देने के लिए जिला, प्रखंड और तीन पंचायतों के मध्य के जगहों पर पांच दिनों तक के लिए शिविर का आयोजन किया जायेगा. इसके लिए प्रखंड स्तर पर सप्लायर चिह्नित करने का निर्देश दिया गया है. साथ जिला कृषि पदाधिकारी को प्रखंड स्तर पर इसके लिए रकबा तय करने का निर्देश दिया गया है.
जैविक खेती से किसानों को कम खर्च में अधिक लाभ मिलेगा. वहीं खेतों की उर्वरा शक्ति बची रहेगी. किसानों को जैविक खाद और पोषक तत्व के लिए अलग-अलग कृषि समन्वयक या किसान सलाहकार के माध्यम से आवेदन करना होगा. पंचायत प्रतिनिधियों की अनुशंसा के अाधार पर किसानों को अनुदान पर जैविक खाद और पोषक तत्व मिलेगा.
अशोक प्रसाद, संयुक्त निदेशक,कृषि विभाग

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