लापरवाही. स्कूल बसचालकों की मनमानी रोकने के लिए डीएम ने दिया था निर्देश
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मनमाना भाड़ा लेने को नहीं बनायी समिति
लापरवाही. स्कूल बसचालकों की मनमानी रोकने के लिए डीएम ने दिया था निर्देश पटना : पूरे दिन स्कूल करने के बाद वह घर लौटने को उत्साहित थी. घंटी लगते ही वह दौड़ते हुए स्कूल ऑटो के पास गयी. पीछे की सभी सीटें भरी हुई थी. ड्राइवर ने उसे आगे की सीट पर बिठा लिया. उसका […]
पटना : पूरे दिन स्कूल करने के बाद वह घर लौटने को उत्साहित थी. घंटी लगते ही वह दौड़ते हुए स्कूल ऑटो के पास गयी. पीछे की सभी सीटें भरी हुई थी. ड्राइवर ने उसे आगे की सीट पर बिठा लिया. उसका शरीर ऑटो से बाहर आ था. वह रॉड के सहारे खुद को अंदर करने की कोशिश कर रही थी.
अचानक ड्राइवर ने रफ्तार बढ़ा दी और वह सड़क पर गिर पड़ी. पीछे से आ रही बस ने उसे रौंद दिया. मौके पर उसकी मौत हो गयी. यह घटना अमरनाथ पथ पर पिछले साल 20 जुलाई को घटी. यह कोई अकेला वाक्या नहीं है, जिससे बसचालकों की लापरवाही सामने आयी है. इस तरह के खिलवाड़ को रोकने और चालकों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए 25 अगस्त, 2014 को डीएम ने सभी स्कूलों व एजेंसियों को पत्र लिख कर स्कूल वाहन समिति का गठन करने का निर्देश दिया था. दो साल बीत जाने के बाद भी गठन नहीं किया गया.
है. गठन हर स्कूलों में किया जाना था. इसमें बसचालकों को भी शामिल करना था. पाटलिपुत्र स्थित एक स्कूल के प्राचार्य ने कहा कि समिति के लिए बसचालकों से बात की गयी थी. लेकिन, उन्होंने गुट बना कर इसका विरोध किया और मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
समिति में बसचालकों के साथ-साथ अभिभावकों व स्थानीय पुलिस को भी शामिल किया जाना था
समिति करती है किराया का निर्धारण
प्राचार्य बताते हैं कि चालकों काे डर था कि अगर समिति का गठन किया जाता है, तो वह मनमाना किराया नहीं वसूल पायेंगे. क्योंकि, किराया निर्धारण समिति के सदस्य ही करते हैं. समिति में बसचालकों के साथ-साथ अभिभावकों व स्थानीय पुलिस को भी शामिल किया जाना था.
सुरक्षा मानकों की होती है मॉनीटरिंग
डीएम कार्यालय की ओर से भेजे गये पत्र में यह साफ लिखा था कि समिति बस व वैन के परिचालन की मॉनीटरिंग करती है. साथ ही क्षमता के अधिक बच्चे बैठाने पर समिति को जुर्माने लगाने का भी अधिकार होता है. इन सभी वजहों के कारण बस व वैन चालक नहीं चाहते थे कि समिति का निर्माण हो.
कई बार स्कूलों को नोटिस भेजा गया हैं. एजेंसियों को भी इस बारे में सूचना दी गयी हैं. बसचालकों की मनमानी सामने आ रही है. समिति के गठन पर सख्त कार्रवाई होगी. अगर बसचालक बिना समिति की सदस्यता के वाहन चलाते हैं, तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जायेगा.
सुरेंद्र झा, डीटीओ, पटना
डीएम ने कब-कब दिया निर्देश
25 अगस्त, 2014 : डीएम ने जिला परिवहन कार्यालय के माध्यम से स्कूलों को वाहन समिति का गठन करने के आदेश दिया. 15 दिनों के अंदर समिति पर रिपोर्ट देने को कहा गया था.
10 जनवरी, 2015 : गुलशन कुमार फाउंडेशन की ओर से स्कूल बसचालकों की मनमानी के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद डीएम ने समिति के गठन पर रिमाइंडर भेजा.
27 अप्रैल, 2016 : क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार ने स्कूलों को वाहनों के सुरक्षित परिचालन पर अंकुश लगाने के लिये समिति का गठन करने का निर्देश दिया. इसमें बसचालकों, अभिभावकों व स्कूलों के सदस्य को शामिल करने को कहा.
3 मई, 2016 : डीएम ने बैठक कर परिवहन कार्यालय और क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के निर्देशों को पालन करने को कहा.
बस व वैन की मॉनीटरिंग व अन्य समस्याओं के समाधान के लिये वाहन समिति के गठन का निर्देश दिया गया था. दो बार रिमाइंडर भी भेजा जा चुका है. अब कार्रवाई की बारी है. सभी बसचालकों को चिह्नित कर जिला प्रशासन के साथ मिल कर कार्रवाई की जायेगी.
ईश्वर चंद्र सिन्हा, आरटीओ, पटना प्रक्षेत्र
9 फरवरी, 2014 : छोटी पहाड़ी में बसचालक की लापरवाही से बच्चों से भरी बस गड्ढे में गिर गयी. गड्ढे में पानी भरा था. ड्राइवर मौके से फरार हो गया. स्थानीय लोगों ने बच्चों की जान बचायी.
18 दिसंबर, 2014 : केंद्रीय विद्यालय के बच्चे सड़क दुर्घटना में बाल-बाल बचे. बच्चों को ले जा रही ऑटोचालक की लापरवाही के कारण पलट गयी.
11 अप्रैल, 2015 : स्कूल बस की लापरवाही से एक युवा की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी. दुर्घटना कारगिल चौक पर घटी.
20 जुलाई, 2015 : अमरनाथ पथ पर ऑटोचालक की लापरवाही से बच्ची की मौत हो गयी. ऑटोचालक अपनी बगल वाली सीट पर बच्ची को बिठाया था. तेज रफ्तार के कारण हाथ छूटने के कारण वह सड़क पर गिर गयी.
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