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राजीव नगर के 28 घर होंगे वैध

दीघा अधिग्रहण. 40 साल से अधिक पुराने विवाद की गुत्थी सुलझ रही 29 जुलाई को होने वाली आवास बोर्ड की बैठक में मुहर लगने की उम्मीद है. पटना : लगभग 40 वर्ष से अधिक पुराने दीघा अधिग्रहण के विवाद की गुत्थी धीरे-धीरे सुलझ रही है. राजीव नगर में रहने वाले लोग अपने को अधिग्रहण मुक्त […]

दीघा अधिग्रहण. 40 साल से अधिक पुराने विवाद की गुत्थी सुलझ रही
29 जुलाई को होने वाली आवास बोर्ड की बैठक में मुहर लगने की उम्मीद है.
पटना : लगभग 40 वर्ष से अधिक पुराने दीघा अधिग्रहण के विवाद की गुत्थी धीरे-धीरे सुलझ रही है. राजीव नगर में रहने वाले लोग अपने को अधिग्रहण मुक्त कराने और आवास बोर्ड के वैध आवंटी बनने की राह में है.
पहली बार आवास बोर्ड राजीव नगर में रहनेवाले 28 लोगों को अधिग्रहण मुक्त करने जा रहा है. आवास बोर्ड के सचिव सुधांशु कुमार चौबे ने बताया कि इतने लोगों ने आंशिक और पूर्ण रूप से पौने सात लाख रुपये प्रति कट्ठा की दर से पैसे जमा किये हैं. दीघा स्कीम के तहत आवास बोर्ड अब इनको एनओसी देगा और वैध अावंटी बनायेगा. उन्होंने बताया कि 29 जुलाई को आवास बोर्ड की होनेवाली बैठक में इस पर मुहर लग जायेगी.
गौरतलब है कि अब तक कुल 55 लोगों ने अपने निर्माण को वैध करने के लिए फॉर्म जमा किया था. इनमें से कुल 41 फाॅर्म वैध पाये गये थे और इसमें आवास बोर्ड की दर से 28 लोगों ने राशि जमा की है. ऐसे में जैसे ही इनको एनओसी मिलेगा, वे वैध आवंटी हो जायेंगे. राजीव नगर विवादित क्षेत्र में लगभग दस हजार परिवार रह रहे हैं
क्या है मामला
बिहार राज्य आवास बोर्ड की ओर से 1974 में दीघा के 1024 एकड़ भूमि अधिग्रहण अधिसूचना जारी की गयी थी, लेकिन वहां के निवासियों ने उसे अस्वीकार कर दिया था. फिर मामला निचली अदालत होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने आवास बोर्ड के फैसले को वैध ठहराया. कोर्ट के दबाव में सरकार ने 2010 में दीघा एक्शन प्लान लाया. इसके तहत निर्माणों को वैध करने और कोर्ट के आदेश दोनों के बीच का रास्ता अपनाना था. इसके बाद राज्य सरकार ने दीघा अर्जित भूमि अधिनियम के माध्यम से पूरे भू-भाग को दो भागों में बांट दिया.
इसमें राजीव नगर की तरफ 600 एकड़ जमीन और निर्माण को आवास बोर्ड शुल्क लेकर वैध करने का स्कीम बनाया गया और दीघा आशियाना के पश्चिम 400 एकड़ भूमि में रहने वाले लोगों को प्रति कट्ठा जमीन की राशि देकर उसे अतिक्रमण से मुक्त करना था, ताकि वहां नया टाउनशिप डेवलप कर सके.

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