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काम का जवाब केवल काम, कोई बहाना नहीं : डीएम

सख्ती. ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही योजनाओं की समीक्षा, अफसरों को चेतावनी के साथ कई निर्देश पटना : काम का जवाब काम होता है, बहाना नहीं. लेकिन, आज की समीक्षा को देख ऐसा लग रहा है कि यहां लोगों को काम नहीं करने की बीमारी अधिक लगी हुई है. इसे बदलना होगा. अधिकारियों में काम […]

सख्ती. ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही योजनाओं की समीक्षा, अफसरों को चेतावनी के साथ कई निर्देश
पटना : काम का जवाब काम होता है, बहाना नहीं. लेकिन, आज की समीक्षा को देख ऐसा लग रहा है कि यहां लोगों को काम नहीं करने की बीमारी अधिक लगी हुई है. इसे बदलना होगा. अधिकारियों में काम करने की बीमारी लगनी चाहिए. कुरसी पर बैठ कर नौकरी का समय गिननेवाले अधिकारियों की जरूरत किसी को नहीं है.
ऐसे लोग सिर्फ समय बरबाद करेंगे, ये किसी का भला नहीं कर सकते हैं. ये बातें मंगलवार को एसकेएम में डीएम एसके अग्रवाल ने ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही योजनाओं की समीक्षा के दौरान आये सभी अधिकारियों, पदाधिकारियों व कर्मचारियों से कहीं. उन्होंने कहा कि जांच करायी जाये, तो मालूम पड़ेगा कि राजस्व कर्मचारी को गांव जाने का रास्ता तक मालूम नहीं है. बीडीओ साहब पंचायत में जाते ही नहीं हैं.
शायद यही कारण है कि पटना में हर सुविधा होने के बाद भी अधिकारियों के काम की समीक्षा करनी पड़ रही है और काम की रफ्तार को देख मुझे यह कहना पड़ रहा है कि कुछ को छोड़ दें, तो बाकी बस नौकरी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब अगले माह दोबारा से जब समीक्षा बैठक होगी और जिस प्रखंड का काम संतोषजनक नहीं होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. सरकार पैसा देने को तैयार है, तो इंदिरा आवास, घर-घर बिजली सर्वे, शौचालय निर्माण, पेंशन, राशनकार्ड का सत्यापन जैसी प्रमुख योजनाओं का काम क्यों नहीं हो रहा है. इसको लेकर बीडीओ-सीओ से लेकर उनसे जुड़े विकास मित्र, आशा, पंचायत सेवक, ग्रामसेवक काम नहीं कर रहे हैं. गरीब जनता हमारे भरोसे रहती है कि डीएम साहब कुछ करेंगे, सीओ साहब कुछ करेंगे, बीडीओ साहब कुछ करेंगे, लेकिन हम खुद कुछ करने को तैयार नहीं हैं.
पानापुर में एक भी पंचायत प्रतिनिधि के पास शौचालय नहीं : रिपोर्ट के मुताबिक अब सरकार शौचालय बनवाने के लिए 12 हजार रुपये भी दे रही है, लेकिन अभी भी पानापुर पंचायत में किसी सरपंच व कुछ मुखिया के पास शौचालय नहीं है. सरकार की योजना के मुताबिक सभी पंचायत प्रतिनिधि के घर में शौचालय होना आवश्यक है.
गंगा के किनारे बसे 10 प्रखंडों में सबसे पहले बने शौचालय : डीएम ने अधिकारियों को यह निर्देश देते हुए कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए गंगा किनारे बसे लोगों के घरों में शौचालय निर्माण हो. उन्होंने पटना के 10 प्रखंडों में इस काम को गति देने को कहा. उन्होंने कहा कि वैसे लोगों को पहले चुना जाये, जो कि इसके लिए तैयार हैं.
पेंशनधारी व राशन कार्डधारक नहीं जुड़े हैं आधार कार्ड से : सभी पेंशनधारियों का पैसा बैंक में जाना है, लेकिन उनका आधार नंबर या एकाउंट नहीं खुल पाया है. बहुत से लोगों का आधार नंबर बैंक तक नहीं पहुंच पाया है, इसमें मनेर, मसौढ़ी, पुनपुन सहित कई जगह हैं, जो कि सबसे पीछे हैं. दूसरी ओर राशन कार्ड सत्यापन में भी काम धीमी गति से चल रहा है.
31 अगस्त तक पूरा हो बिजली सर्वे का काम
हर घर बिजली को लेकर सर्वे चल रहा है, लेकिन 322 पंचायतों का आंकड़ा एक साथ मिला कर देखें, तो एक पंचायत में एक दिन में 10 घरों का सर्वे होता है. अगर इसकी रफ्तार नहीं बढ़ायी गयी, तो एक साल में भी सर्वे नहीं पूरा हो पायेगा.
रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी 20 से अधिक पंचायतें हैं, जहां अभी सर्वे का काम ही नहीं शुरू हो पाया है. बीडीओ को निर्देश दिया गया है कि सर्वे का काम समय पर पूरा करें, वरना अब अधिकारियों पर कार्रवाई होगी. 31 अगस्त तक हर हाल में सर्वे का काम पूरा हो.
इंदिरा आवास में डीडीसी करें जांच
इंदिरा आवास का काम को लेकर डीडीसी को समीक्षा करने को कहा है. फुलवारी जैसे जगहों पर काम ही नहीं पूरा हो पाया है. ऐसे में बीडीओ से रिपोर्ट मांगी गयी है. डीएम की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले माह मात्र 32 इंदिरा आवास का काम पूरा किया गया है. वहीं मनरेगा का भी यही हाल है.
यहां अधिकारी लोगों को फर्जी पेमेंट देने के लिए उनका आधार नंबर व बैंक एकाउंट नहीं देते हैं. बहुत से अधिकारियों ने मेटेरियल के नाम पर पेमेंट 95 प्रतिशत तक किया है, जो कि गैर कानूनी है और ऐसे लोगों पर कार्रवाई निश्चित है.

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