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PM नरेंद्र मोदी देसी नहीं NRI हैं : JDU
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा को घोषणा कर देना चाहिए कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देसी नहीं, एनआरआइ हैं, क्योंकि उनका मन देश में तो लगता है. भाजपा नेता सुशील मोदी को पता होना चाहिए कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद सामाजिक न्याय के […]
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा को घोषणा कर देना चाहिए कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देसी नहीं, एनआरआइ हैं, क्योंकि उनका मन देश में तो लगता है. भाजपा नेता सुशील मोदी को पता होना चाहिए कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद सामाजिक न्याय के लिए ही जाने जाते हैं.
आरक्षण की विरोधी भाजपा कभी नहीं चाहती है कि देश में दलित, महादलित, पिछड़े, अत्यंत पिछड़े, अकलियत व अन्य कमजोर वर्गों का उत्थान हो. नीतीश कुमार की शराबबंदी ने देश में आंदोलन का रूप ले लिया है, जिसे देख कर भाजपा के नेता सहम गये हैं.
उन्होंने कहा कि देश की जनता ने देश के विकास और समृद्धि के लिए भाजपा को वोट दिया था, लेकिन भाजपा के प्रधानमंत्री तो देश में रहना ही नहीं चाहते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर महीने विदेश यात्रा की जुगत में रहते हैं तो सुशील मोदी को बताना चाहिए कि पीएम के विदेश यात्रा से देश को कितना लाभ मिला है? सिर्फ अडानी-अंबानी लिए जो पीएम विदेश यात्रा कर रहे हैं, उससे आम जनता को क्या मिला है ? संजय सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद सामाजिक न्याय के पुरोधा हैं. न्याय के साथ विकास की अवधारणा को चरितार्थ कर उन्होंने समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त किया है. बिहार राज्य को एक नयी दिशा देने का काम किया है.
मतलब साधने के लिए कैबिनेट विस्तार : राजीव
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार अच्छे ढंग से देश चलाने के लिए नहीं, बल्कि भाजपा और आरएसएस का राजनीतिक मतलब साधने के मकसद से किया गया है.
यह एक सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार से ज्यादा एक पार्टी का सांगठनिक विस्तारलगता है. इस मंत्रिमंडल के विस्तार में मैक्सिमम गवर्नेंस, मिनिमम गवर्नमेंट सिद्धांत की धज्जियां उड़ाई गयी.
एनडीए के घटक दलों को नीचा दिखाने व उनमें झगड़ा बढ़ाने का भाजपा का अभियान जारी रखा गया. सभी दागी और समाज में अलगाव बढ़ाने वाले मंत्रियों को नहीं हटाया गया.
भगवाकरण अभियान चलाने वालों व कॉरपोरेट के पक्ष में काम करने वालों को प्रोत्साहित किया गया और यूपी चुनाव में मंत्रियों की फौज उतारने की तैयारी की गयी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विस्तार में अकाली दल और शिवसेना को ठेंगा दिखला दिया है. शिवसेना ने तो विरोध भी जताया है. यही नहीं, अपना दल की अनुप्रिया पटेल को मंत्री बनाकर उस पार्टी के मां-बेटी के झगड़े को और बढ़ाने की कोशिश भी की गई है.
इसी प्रकार, मनमोहन मंत्रिमंडल का बड़ा आकार बताकर कोसने वाले नरेंद्र मोदी ने अब अपना मंत्रिमंडल भी जंबो साइज कर लिया है. लोकसभा सांसदों की संख्या का अधिकतम 15 प्रतिशत मंत्री बनाने के नियमों के अनुसार यूपी से अधिकतम 12 मंत्री होने चाहिए. मगर अगले वर्ष यूपी में चुनाव के मद्देनजर इन्होंने यूपी से 16 मंत्री बना लिये. यूपी चुनाव में मंत्रियों की फौज उतारने जा रही भाजपा को दिल्ली और बिहार याद कर लेना चाहिए. इन दोनों राज्यों में भी उसने मंत्रियों की फौज उतार रखी थी.
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