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इस बार भी हम नहीं होंगे स्मार्ट

सुस्ती. 30 जून तक प्लान तैयार कर भेजनी थी रिपोर्ट, अब तक एजेंसी का ही चयन नहीं अनिकेत त्रिवेदी पटना : देश में स्मार्ट सिटी मिशन की आधिकारिक शुरुआत हो चुकी है. लेकिन स्मार्ट बनने का पटना का सपना अधूरा रह गया है. पहले स्मार्ट सिटी की पहली लिस्ट में पटना का नाम नहीं आया. […]

सुस्ती. 30 जून तक प्लान तैयार कर भेजनी थी रिपोर्ट, अब तक एजेंसी का ही चयन नहीं
अनिकेत त्रिवेदी
पटना : देश में स्मार्ट सिटी मिशन की आधिकारिक शुरुआत हो चुकी है. लेकिन स्मार्ट बनने का पटना का सपना अधूरा रह गया है. पहले स्मार्ट सिटी की पहली लिस्ट में पटना का नाम नहीं आया. दूसरी में हम पिछड़ गये और अब हमारे हाथ में आया एक और मौका फिसलता नजर आ रहा है. हालात ऐसे हैं कि जिन 11 शहरों की लिस्ट में पटना को शामिल कर अपनी योजना तैयार करने का अवसर मिला था, उस योजना को हम तय समय पर लगभग पूरा नहीं कर पायेंगे. क्योंकि पटना नगर निगम को 30 जून तक अपनी प्लानिंग तैयार करनी थी.
इसके लिए नगर विकास व आवास विभाग को एजेंसी के जरिये शहर को स्मार्ट बनाने का ब्लू प्रिंट तैयार करना था. फिर यह निगम की सारी औपचारिकताएं पूरी करता.
इसके बाद स्टेट लेवल की हाइपावर स्टैंडिंग कमेटी इस पर मुहर लगाती, तब जाकर प्रेजेंटेशन को दिल्ली भेजा जाता. लेकिन, नगर विकास व आवास विभाग की ओर से अब तक एजेंसी का ही चयन नहीं किया जा सका है. फिर अब चार दिनों में इतनी प्लानिंग के साथ पूरा वर्क आउट तैयार करना संभव नहीं लगता. यानी हम पहले मात्र 35 अंक पाकर नंबर से पिछड़े और अब हम अपनी प्लानिंग तैयार करने में पिछड़ रहे हैं. ऐसे में स्मार्ट सिटी का सपना हमसे लगातार दूर होता जा रहा है.
देर, लेकिन दुरुस्त का दे रहे हवाला
शहर के नये नगर आयुक्त अभिषेक सिंह राजधानी को स्मार्ट
सिटी बनाने के लिए बेहद संजीदा हैं. राजधानी को स्मार्ट सिटी के लिए जो वाइल्ड कार्ड इंट्री का मौका मिला है, उसे पाने के लिए कोई कसर छोड़ना नहीं चाहते. उन्होंने रविवार को कहा कि सरकार चाहे तो पटना को स्मार्ट सिटी बनने का मौका जरूर मिल जायेगा. तात्कालिक देरी खास मायने नहीं रखती.
हमारी कोशिश है कि नगर विकास व आवास विभाग की ओर से चयनित एजेंसी और नगर निगम शहर को स्मार्ट बनाने का जो ब्लू प्रिंट तैयार करे, वो इतना पुख्ता हो कि दिल्ली में प्रेजेंटेशन में हमारा फौरीचयन हो जाये.
अगरतल्ला के अनुभवों का होगा फायदा
निगम की नये-नये कमान संभाले नगर आयुक्त अभिषेक सिंह त्रिपुरा कैडर के आइएएस हैं. पहले वे अगरतल्ला डीएम के साथ ही नगर निगम के नगर आयुक्त भी रह चुके हैं. अभिषेक सिंह ने बताया कि अगरतल्ला को भी स्मार्ट सिटी बनाने का अवसर पहले फेज में नहीं मिला था. बाद में फिर से जब दूसरी लिस्ट में इसे शामिल किया गया. इसके लिए हमने अगरतल्ला में बेहतर प्रेजेंटेशन तैयार किया था. हमारी कोशिश होगी कि पटना को स्मार्ट सिटी बनाने में पुराने अनुभवों को शामिल करें.
फिर मिलेगा मौका
नगर विकास व आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि भले ही हम 30 जून तक प्लानिंग नहीं कर पाये, लेकिन आगे मौका मिलता रहेगा. उन्होंने बताया कि इस तरह के अवसर इस साल और भी आयेंगे. हम जल्दबाजी में नहीं हैं. अब कोशिश है कि प्लान ऐसा बने कि हम स्मार्ट सिटी में निश्चित ही सेलेक्ट हो जाएं.
इन पर बेहतर प्लानिंग
नगर निगम को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए जो प्लान तैयार करना है, उसे विकसित करने में केंद्र सरकार केवल सहयोग करेगी. निगम को बेहतर नागरिक सुविधा, निगम क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, सफार्इ से लेकर प्रति व्यक्ति शौचलय का आंकड़ा, शहर में इ-गवर्नेंस, हर घर पानी की व्यवस्था व निगम के राजस्व और खर्च का बेहतर संतुलन की बेहतर प्लानिंग करनी है.
पिछली बार क्यों हुआ फेल
राजधानी का नाम स्मार्ट सिटी की दूसरी लिस्ट में नहीं आया. 65 अंक पानेवाले भागलपुर का स्मार्ट सिटी के रूप में चयन हुआ. पटना को कुल 13 अाधारों में से सात में शून्य अंक मिले थे. अब देश के 11 शहरों को स्मार्ट सिटी में शामिल होने के लिए फिर से प्लानिंग का मौका मिला है. लगभग दो माह में पूरी प्लानिंग तैयार कर प्रेजेंटेशन दिया जाना है.

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