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विशेष केंद्र पर डील कॉलेजों की जांची गयी थीं कॉपियां

इधर वीआर कॉलेज की महिमा पटना : टॉपर घोटाले मामले में वीआर कॉलेज के साथ विशेष मूल्यांकन केंद्र पर वैशाली के कई और कॉलेजों का भी मूल्यांकन हुआ था. उन कॉलेजों का रिजल्ट बेहतर रहा है. समिति कर्मचारियों की मानें तो वैशाली के एबीएस कॉलेज लालगंज, जेआरएम इंटर कॉलेज पातेपुर, एमएन कॉलेज सिंधारा व आरपीएम […]

इधर वीआर कॉलेज की महिमा
पटना : टॉपर घोटाले मामले में वीआर कॉलेज के साथ विशेष मूल्यांकन केंद्र पर वैशाली के कई और कॉलेजों का भी मूल्यांकन हुआ था. उन कॉलेजों का रिजल्ट बेहतर रहा है.
समिति कर्मचारियों की मानें तो वैशाली के एबीएस कॉलेज लालगंज, जेआरएम इंटर कॉलेज पातेपुर, एमएन कॉलेज सिंधारा व आरपीएम कॉलेज चेकेयज के प्राचार्य से भी लालकेश्वर प्रसाद ने बेहतर रिजल्ट के लिए सीधे पैसे की लेन देन की थी. हालांकि बताया जाता है कि ये कॉलेज भी बच्चा राय के माध्यम से लालकेश्वर से जुड़े हो सकते हैं. यदि इन कॉलेजों की जांच हुई, तो चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं.
इसी तरह वैशाली के चार अन्य कॉलेज संत कबीर महंत राम दयाल दास महाविद्यालय, संजय सिंह प्लस टू उच्च महाविद्यालय, वासुदेव सिंह इंटर कॉलेज, राम विदेशी सिंह महाविद्यालय के नाम भी सामने आये हैं, जो पैसे के बल पर रिजल्ट की सौदेबाजी लालकेश्वर प्रसाद से करते थे. इनकी जांच हो, तो खुलासे हो सकते हैं.
120 की अनुमति एडमिशन हजार
कई कॉलेजों को समिति की ओर से एक सेक्शन के लिए मान्यता दी गयी, लेकिन एक हजार के ऊपर परीक्षार्थी इंटर की परीक्षा में शामिल हुए. इसमें भी वैशाली के कई कॉलेज शामिल हैं और इसकी जांच में कई खुलासे हो सकते हैं. समिति की मानें तो एक सेक्शन में 120 सीटों पर ही एडमिशन लेने का प्रावधान है. कुछ कॉलेजों को यदि तीनों स्ट्रीम में अनुमति मिली हो, तो भी 360 स्टूडेंट्स ही होते हैं, लेकिन एक हजार से अधिक के सेंट अप होने से वैसे कॉलेजों का शक के दायरे में आना लाजिमी है.

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