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सावधान! पैकेट वाला ले रहे हैं आटा, तो होगा घाटा

गड़बड़झाला या हेराफेरी : एक किलो से लेकर 200 ग्राम तक वजन होता है कम, 10 किलो से लेकर 50 किलो तक के पैकेट हैं मार्केट में उपलब्ध पटना : पैकेट वाला आटा खरीदने वाले उपभोक्ता सावधान. यह डराने के लिए नहीं कह रहे हैं. दरअसल इसके माध्यम से आपकी पॉकेटमारी हो रही है. आपको […]

गड़बड़झाला या हेराफेरी : एक किलो से लेकर 200 ग्राम तक वजन होता है कम, 10 किलो से लेकर 50 किलो तक के पैकेट हैं मार्केट में उपलब्ध
पटना : पैकेट वाला आटा खरीदने वाले उपभोक्ता सावधान. यह डराने के लिए नहीं कह रहे हैं. दरअसल इसके माध्यम से आपकी पॉकेटमारी हो रही है. आपको वजन से कम आटा मिल रहा है. खासकर लोकल पैकेट वाला आटा खरीद रहे हैं, तो वजन करा लें, पूरा मामला सामने आ जायेगा. हालांकि कम वजन की मार केवल आम उपभोक्ताओं को ही नहीं, खुदरा दुकानदारों को भी झेलनी पड़ रही है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर में एक दर्जन से अधिक आटा मिल हैं. वहां प्रतिदिन हजारों टन आटा, मैदा, सूजी तैयार होते हैं और पैकेट में भर बाजार में बिक्री के लिए भेजे जाते हैं. ये पैकेट 90 किलो, 50 किलो, 25 किलो व दस किलो के होते हैं.
दुकानदारों व ग्राहकों से मिली जानकारी के अनुसार 10 किलो के पैकेट में जहां 200 तक आटा कम हो जाता है, वहीं बड़े पैकेट में इसकी मात्रा बढ़ जाती है. 50 किलो के पैकेट में यह वजन एक किलो तक हो जाता है. जब दुकानदार थोक विक्रेता से इसकी शिकायत करते हैं, तो जवाब मिलता हम थोड़े भरते हैं.
पैकेट कई जगह चढ़ाया और उतारा जाता है, इस क्रम में कुछ वजन घट जाता होगा. हालांकि थोक विक्रेता का कहना है कि एक किलो तक आटा नहीं घट सकता है.
सूख जाता है या कोई खेल
आखिर प्रश्न उठता है कि आटा की कमी के पीछे कोई खेल तो नहीं है या सच में आटा मिल से दुकानों में आते-आते सूख जाता है. इस खेल के पीछे जो भी हो, लेकिन सबसे अधिक मार आम उपभोक्ताओं को झेलनी पड़ती है. दुकानदार तो अपनी कमी का कुछ भरपाई बोरा बेच कर लेते हैं, लेकिन ग्राहकों की भरपाई करनेवाला कोई नहीं है. वहीं आटा मिल के प्रबंधकों को कहना है कि मिलों में आटा भरते समय वजन सही रहता है, लेकिन बाजार पहुंचते-पहुंचते आटा काफी सूख जाता है. इस कारण से वजन में कुछ कमी आ जाती है.
क्या कहते हैं अधिकारी
आटा कम होने की शिकायत अभी विभाग को नहीं मिली है. फिर भी इसकी जांच करायी जायेगी और जांच में दोषी पाये जानेवाले आटा मिलों पर पीसीआर के तहत कार्रवाई होगी. समय-समय पर ऐसे मिलों के खिलाफ जांच अभियान चलेगा.
अनिल कुमार, कंट्रोलर, माप-तौल विभाग
संघ को आये दिन आटा पैकेट में कम वजन होने की शिकायत मिल रही हैं. थोक कारोबारी कहते हैं कि हमें जो पैकेट मिलता है, वही माल दुकानदार को देते हैं. मिल वाले कम वजन होने से इनकार करते हैं.

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