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रास-विप में सब होंगे निर्विरोध निर्वाचित, शरद तीसरी बार व आरसीपी सिंह दूसरी बार बनेंगे राज्यसभा सदस्य

पटना : राज्यसभा के पांच उम्मीदवारों की तरह बिहार विधान परिषद की सात सीटों के लिए घोषित सभी दलीय उम्मीदवार भी निर्विरोध निर्वाचित हो जायेंगे. मंगलवार को दोनों चुनाव के लिए नामांकन का आखिरी दिन है. राज्यसभा की पांच सीटों के लिए सोमवार को जदयू से शरद यादव और आरसीपी सिंह और राजद से राम […]

पटना : राज्यसभा के पांच उम्मीदवारों की तरह बिहार विधान परिषद की सात सीटों के लिए घोषित सभी दलीय उम्मीदवार भी निर्विरोध निर्वाचित हो जायेंगे. मंगलवार को दोनों चुनाव के लिए नामांकन का आखिरी दिन है.

राज्यसभा की पांच सीटों के लिए सोमवार को जदयू से शरद यादव और आरसीपी सिंह और राजद से राम जेठमलानी और मीसा भारती ने नामांकन का परचा दाखिल किया. बाकी की एक सीट पर भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार गोपाल नारायण सिंह मंगलवार को नामांकन का परचा दाखिल करेंगे. सभी पांचों उम्मीदवार के निर्विरोध निर्वाचित हो जाने का रास्ता साफ हो गया है. विधान परिषद की सात सीटों के लिए यही स्थिति बनती दिख रही है. सोमवार की देर रात राजद ने यह तय कर लिया कि वह तीसरा उम्मीदवार नहीं उतारेगा. राजद के पीछे हटने के बाद सभी दलीय सातों प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो जायेंगे. इसमें महागंठबंधन से जदयू के गुलाम रसूल बलियावी व सीपी सिन्हा, राजद से कमर आलम और रणविजय सिंह, कांग्रेस के तनवीर अख्तर और भाजपा से अर्जुन सहनी व विनोद नारायण झा के नाम हैं.
इसके पहले सोमवार की दोपहर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने तीसरे उम्मीदवार को उतारने का संकेत देकर भाजपा की नींद हराम कर दी थी. राजद के इरादे भांपने के बाद भाजपा की भी घेराबंदी तेज हो गयी. भाजपा की नजर चार निर्दलीय विधायकों में कम-से-कम तीन पर टिकी है. भाजपा के दूसरे उम्मीदवार के लिए एनडीए के 28 वोट हैं. उन्हें जीत के लिए दो अतिरिक्त वोट की जरूरत होगी.
भाजपा सूत्रोें के मुताबिक इसकी भरपाई निर्दलीय विधायकों के वोट करेंगे. सोमवार को भाजपा ने दूसरे उम्मीदवार के रूप में पूर्व विधायक विनोद नारायण झा को चुना है. दूसरी ओर जदयू ने साफ कर दिया है कि उसके अतिरिक्त वोटों पर पहला दावा कांग्रेस का है. चुनाव की स्थिति जदयू अपने सरप्लस वोट को पहले जरूरत के अनुसार कांग्रेस उम्मीदवार को देगा. बाकी के वोट राजद उम्मीदवार को ट्रांसफर होगा.
हालांकि, राजद के दो उम्मीदवार होने की स्थिति में उसे किसी दूसरे दल के विधायकों के वोट की दरकार नहीं होगी. यह तय है कि यदि राजद ने तीसरे उम्मीदवार को चुनाव में उतारा तो विप चुनाव का मुकाबला रोचक हो जायेगा.
जदयू, राजद और कांग्रेस के उम्मीदवारों का हुआ नामांकन
जदयू-राजद-कांग्रेस के उम्मीदवारों ने सोमवार को नामांकन कर दिया है. भाजपा अंतिम दिन राज्यसभा के लिए गोपाल नारायण सिंह और विप के लिए विनोद नारायण झा व अर्जुन सहनी को उम्मीदवार के रूप में उतारेगी. विप की सात सीटों के लिए होने वाले चुनाव में एक प्रत्याशी को जीत के लिए 30 वोट की जरूरत पड़ेगी. सदस्यों को वोटिंग के दौरान अपने वोट में पहली और दूसरी प्राथमिकता तय करनी होगी. पहली प्राथमिकता के आधार पर छह सीटों के उम्मीदवारों की जीत पक्की है. सातवीं सीट के लिए दो उम्मीदवारों में टक्कर होगी.
निर्दलीय विधायक होंगे तुरूप का इक्का
बिहार विधान परिषद् चुनाव में अगर आठ उम्मीदवार उतरते हैं तो चार नर्दिलीय विधायक (अनंत सिंह, बेबी कुमारी, धीरेंद्र प्रताप सिंह व अशोक कुमार चौधरी)तुरुप का इक्का साबित होंगे. एक सीट की जीत के लिए 30 वोट चाहिए. ऐसे में दलगत स्थिति पर नजर डाले तो राजद-जदयू-कांग्रेस गंठबंधन की कुल सीटें 178 हैं. तीनों दलों ने पांच प्रत्याशी उतार चुके हैं.
इस आधार पर 150 सदस्यों के वोट उन्हें मिल जायेंगे और 28 विधायकों के वोट अंतिम उम्मीदवार के लिए बचेंगे. वहीं, एनडीए गंठबंधन पर नजर डाले तो भाजपा, लोजपा, रालोसपा व हम की कुल सीटे 58 हैं. भाजपा के दूसरे उम्मीदवार को भी 28 विधायकों का वोट मिल सकेगा. वहीं, चार नर्दिलीय विधायक (अनंत सिंह, बेबी कुमारी, धीरेंद्र प्रताप सिंह व अशोक कुमार चौधरी) हैं. महागंठबंधन और एनडीए गंठबंधन दोनों इन विधायकों का वोट लेना चाहेगी. जिसे नर्दिलीय का वोट मिल जायेगा, उनकी जीत पक्की है. भाकपा माले के भी तीन विधायक हैं, लेकिन पिछले आंकड़ों को देंगे तो इस तरह की वोटिंग से वह अपने आप को अलग रखती है.

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