पटना : सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड की जांच सीबीआइ से करायी जायेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जनता दरबार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका एलान किया. इसके बाद शाम में गृह विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी करते हुए केंद्रीय डीओपीटी (डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग) को अनुशंसा भेज दी. अब डीओपीटी सीबीआइ को यह केस ट्रांसफर करेगा.
सीबीआइ मामले की शुरुआती जांच के बाद इस पर अपनी सहमति देगा और जांच की प्रक्रिया शुरू करेगा. एक, अणे मार्ग में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि मीडिया से खबर मिली है कि राजदेव के परिजन सीबीआइ से जांच कराना चाहते हैं, इसलिए हमलोगों ने मामले की जांच सीबीआइ से ही कराने का निर्णय लिया है.
जब तक सीबीआइ जांच शुरू नहीं होती है, तब तक बिहार पुलिस जांच करती रहेगी. उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस त्वरित कार्रवाई कर रही है. अपराधी कोई होगा, उसे बख्शा नहीं जायेगा. पत्रकार का काम है लिखना. अगर उन पर हमला होता है, तो मैं इसे अपने ऊपर हमला मानता हूं.
मुख्यमंत्री ने कहा, इस घटना के बाद राज्य में जो माहौल बना है, उससे मैं दुखी हूं. किसी के मन में रत्ती भर भी शंका न हो कि किसी भी घटना के बाद अपराधियों पर कार्रवाई में देरी होगी. घटना होगी, तो इसे तार्किक परिणति तक पहुंचाने और अपराधियों की सजा दिलाने तक कार्रवाई चलेगी.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गया के आदित्य हत्याकांड की जांच के लिए आदित्य के परिजनों से बात की गयी. उनके परिजनों ने बिहार पुलिस की जांच पर भरोसा जताया है. पटना के जोनल आइजी ने आदित्य के परिजनों से मुलाकात कर सीबीआइ से जांच कराने के मामले में बातचीत की. इसके अलावा अब कौन कार्रवाई की जानी चाहिए?
विरोधी द्वारा सरकार को कठघरे में खड़ा करने संबंधी प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि कुछ लोग बोल कर संतोष करते हैं, उनसे मैं अधिक दुखी हूं. लगातार छापेमारी चल रही है. जदयू ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मनोरमा देवी को पार्टी से बाहर किया. पूरे साक्ष्य के साथ चार्जशीट दाखिल किया जायेगा. स्पीडी ट्रायल भी चलेगा. पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा.
अपराधी कोई हो हमारी नजर से ओझल नहीं होगा, हम रिलेक्स होकर काम करते हैं
उन्होंने कहा कि कोई गैरकानूनी काम करेगा, तो गाज गिरेगा ही. अपराधी को जो प्रश्रय देगा, वह जाने.
हमारी नजर से कोई अपराध करनेवाला ओझल नहीं हो सकता. ऐसे सभी मामलों में कानून का पालन होगा. उन्होंने कहा कि ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या के बाद राज्य में क्या हुआ था? क्या किया जा रहा था? किसकी तसवीर फाड़ी जा रही थी? हमलोग तो छोटी पार्टी से आते हैं. त्वरित कार्रवाई करते हैं. बड़ी पार्टीवालों का बड़ा तंत्र है. वे एक मिनट में बदनाम कर सकते हैं. इतने दबाव के बावजूद हम रिलेक्स होकर काम करते हैं.
सीसीटीवी के 70 फीसदी फुटेज वापस पा िलये गये हैं : डीजीपी
पटना. डीजीपी पीके ठाकुर ने कहा कि पत्रकार हत्याकांड में शूटर को पकड़ना हमारी प्राथमिकता है. सीसीटीवी से छेड़छाड़ करनेवाले को गिरफ्तार कर लिया गया है. सीसीटीवी के 70 प्रतिशत फुटेज को वापस कर लिया गया है. वह मुख्यमंत्री के निर्देश पर पत्रकार हत्याकांड के मामले में प्रश्नों के जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि कई लोगों पर संदेह था, उससे पूछताछ की गयी है.
छापेमारी के क्रम में हत्या के बाद खुशी मनाते व शराब पीते पकड़े गये हैं. इनके मोबाइल पर हुई बातचीत और लोकेशन से तथ्य लिये जा रहे हैं. आवश्यक है कि शूटर और उपयोग में लाये गये हथियार पकड़े जाएं. सीसीटीवी से पहचान कर कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि पूरी जांच के बाद तय करेंगे कि घटना की मंशा क्या थी, मारनेवाले प्राफेशनल शूटर हैं. देखा जायेगा कि इसके लिए किसने धन दिया. अनुसंधान प्रारंभिक अवस्था में है.
जब तक सीबीआइ मामले की जांच शुरू नहीं करता, तब तक हम इसकी जांच में जुटे रहेंगे. एक प्रश्न के जवाब में डीजीपी ने कहा कि प्रोफेशनल शूटर का संबंध बहुतों से होता है. शहाबुद्दीन को जेल में मोबाइल संबंधी प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि हाल की जांच में तो यह नहीं मिला था. फिलहाल किसी तथ्य का खुलासा नहीं करेंगे, अनुसंधान प्रभावित होगा. जल्द ही सारे साक्ष्य के साथ बात करेंगे.