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सीएस को फटकार अल्ट्रासाउंड व नर्सिंग होम पर रखें नजर
पटना : स्वास्थ्य सचिव सह राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेश जीतेंद्र श्रीवास्तव ने सभी सिविल सर्जनों को फटकार लगायी है. उन्होंने कहा कि हर जिले के अल्ट्रासाउंड व प्रसव कराने वाले क्लिनिक पर नजर रखें. यह नहीं हो सकता कि सिविल सर्जनों को यह जानकारी नहीं होगी कि किस नर्सिंग होम में अधिक संख्या […]
पटना : स्वास्थ्य सचिव सह राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेश जीतेंद्र श्रीवास्तव ने सभी सिविल सर्जनों को फटकार लगायी है. उन्होंने कहा कि हर जिले के अल्ट्रासाउंड व प्रसव कराने वाले क्लिनिक पर नजर रखें. यह नहीं हो सकता कि सिविल सर्जनों को यह जानकारी नहीं होगी कि किस नर्सिंग होम में अधिक संख्या में प्रसव कराया जाता है. उन्होंने बताया कि बिहार देश के उन 10 राज्यों की श्रेणी में आ गया है, जहां पर लिंगानुपात नीचे चला गया है.
सिविल सर्जनों को जिम्मेवारी दी गयी है कि वे प्रत्येक जिले में हर माह जानकारी के लिए 10 कैंप आयोजित करें. स्वास्थ्य सचिव शनिवार को राज्य में पीसीएनपीएनडीटी एक्ट को राज्य में प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस एक्ट के तहत कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने की कार्यवाही की जा रही है. आनेवाले वर्षों में लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए शून्य से छह वर्ष आयु तक के बच्चों के लिंगानुपात में सुधार आवश्यक है.
अल्ट्रासाउंड केंद्रों के लिए यह निर्देश दिया गया है कि कैंपस व कमरे में छह गुना तीन फुट साइज का नोटिस बोर्ड लगाना आवश्यक है. इस एक्ट को लागू करने के लिए जिले के सिविल सर्जन को ऑथोरिटी बनाया गया है. ऐसे में उनकी जिम्मेवारी अधिक है.
सिविल सर्जनों का राज्य स्तर की कमेटी को सूचनाएं एकत्र कर नियमित अंतराल पर उपलब्ध करानी है. कार्यशाला में अपर निदेशक हिमांशु कुमार राय, महिला विकास निगम के प्रतिनिधि रूपेश कुमार, महाराष्ट्र की वर्षा देशपांडे, निदेशक प्रमुख डाॅ आर डी रंजन, डाॅ मो सज्जाद अहमद, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी पल्लवी व यूएनपीए के सलाहकार वीरेंद्र यादव ने विचार रखे.
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