पटना : गया में व्यवसायी पुत्र आदित्य सचदेवा हत्याकांड मामले में पुलिस धीरे-धीरे एक्टिव होने लगी है. एक अंग्रेजी समाचार चैनल पर आदित्य के माता-पिता द्वारा खून से सने कपड़े दिखाकर यह पूछे जाने के बाद कि यह कपड़े पुलिस के पास रहने चाहिए, हमारे यहां क्यों हैं ? पुलिस अब एक्टिव हो गयी है. पुलिस ने आनन-फानन में आदित्य के कपड़े को कलेक्ट कर फारेंसिक जांच के लिये भेजा है. बुधवार को देर रात एक अंग्रेजी समाचार चैनल टॉइम्स नॉऊ पर आदित्य के माता-पिता बिहार सरकार से इंसाफ की गुहार लगा रहे थे. उसी दौरान उन्होंने पुलिस पर लापरवाही बरतने और जांच सही तरीके से नहीं करने का आरोप लगाया था.
जस्टिस फॉर आदित्य
समाचार चैनल द्वारा लगातार आदित्य हत्याकांड को लेकर जस्टिस फॉर आदित्य कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक आदित्य के खून से सने कपड़े पोस्टमार्टम रूम के पास सड़क पर मिले थे. आदित्य के परिजनों ने वह कपड़ा उठाकर अपने घर लाया और कल उन्होंने उसे पूरी दुनिया के सामने चैनल के माध्यम से दिखाया. उसके बाद एक्टिव हुई पुलिस ने कपड़े बरामद कर उसे फॉरेंसिक जांच के लिये भेजा है.
हत्या के सीबीआई जांच की मांग
आदित्य की मां ने सरकार से लिखित में इस हत्याकांड का स्पीडी ट्रायल कराए जाने और मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. आदित्य की मां ने आरोप लगाया है कि पुलिस सबूत को मिटा रही है और जांच में लापरवाही बरत रही है. उनका भरोसा बिहार पुलिस पर नहीं है. आदित्य के माता-पिता ने कहा कि 26 घंटे बार एफआईआर दर्ज करने और फिर पोस्टमार्टम रिपोर्ट ना मिलने और बेटे के कपड़े को अब सड़क पर फेके जाने को पुलिस की लापरवाही का आधार बनाया है. आदित्य के मां-बाप ने कहा कि वह पूरी तरह टूट चुके हैं. उन्हें बस इंसाफ चाहिये.
राज्य सरकार पर आरोप
आदित्य के माता-पिता ने कहा कि पुलिस पर रहा-सहा भरोसा भी उठता जा रहा है. राज्य सरकार मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है. उनका कहना है कि राज्य सरकार और बिहार पुलिस पर से उनका भरोसा उठ गया है. गौरतलब हो कि एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव पर आदित्य सचदेवा की गोली मारकर हत्या कर देने का आरोप है. पुलिस ने स्पीडी ट्रायल करवाकर सजा देने का वादा किया था लेकिन वह पूरा नहीं हुआ.