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एक हफ्ते में दवा नहीं खरीदी, तो कार्रवाई
सख्ती. पीएमसीएच अधीक्षक सहित 22 पीएचसी को दिया निर्देश पटना : पटना मेडिकल अस्पताल में सिर्फ कागज और आॅर्डर पर ही दवाओं की खरीद जारी है. अस्पताल के खास कर ओपीडी में दवाओं का टोटा पिछले आठ माह से चल रहा है. दवा नहीं होने से गरीब मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ […]
सख्ती. पीएमसीएच अधीक्षक सहित 22 पीएचसी को दिया निर्देश
पटना : पटना मेडिकल अस्पताल में सिर्फ कागज और आॅर्डर पर ही दवाओं की खरीद जारी है. अस्पताल के खास कर ओपीडी में दवाओं का टोटा पिछले आठ माह से चल रहा है. दवा नहीं होने से गरीब मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां के ओपीडी में 75 की जगह सिर्फ पांच प्रकार की दवाएं ही मरीजों को दी जा रही हैं.
दवा नहीं मिलने से जहां बाहर की दवा दुकानों को चांदी है, वहीं दूसरी ओर मरीजों को महंगे दामों पर दवा खरीदनी पड़ रही है. हालांकि पीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड में दवाएं हैं, लेकिन ओपीडी में मरीजों की संख्या अधिक होती है. इसकी तुलना में दवाएं काफी कम हैं.
सिविल सर्जन ने दिया आदेश : मरीजों को सभी दवाएं मिले इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने 10 करोड़ रुपये भी आवंटित किये हैं.
बावजूद आज अभी तक दवाओं की खरीद नहीं हो पा रही है. करीब दो महीने से आवंटन मिलने के बाद भी जब दवा नहीं खरीदी गयी, तो सिविल सर्जन डॉ जीके सिंह ने इसे गंभीरता में लिया और एक सप्ताह के अंदर दवा खरीदने के लिए निर्देश जारी किया. निर्देश में उन्होंने बताया है कि अगर सात दिन के अंदर दवाएं नहीं खरीदी जायेंगी, तो इसके जिम्मेवार अधिकारियों को नोटिस भेजा जायेगा और कार्रवाई की जायेगी.
चार माह से भंडार में नहीं हैं ये जरूरी दवाएं
इंजेक्शन डरसोलीन, इंजेक्शन सेबड्रैकजोन , एलवुमिन, मिकासीन, रेबप्राजोल, डीएनएस (फ्लूड) , आरएल (फ्लूड), गल्पश , आइवी सेट, एमाक्सीन क्लेव, एजीथ्रोमाइशिन, डाइक्लोफेमिक जोडियन, डायक्लोफेनिक दवाइओं की खपत पीएमसीएच में ही दिन हैं, लेकिन इसमें से एक भी दवा परिसर में मौजूद नहीं हैं. अगर है भी, तो वह मरीजों को नहीं दी जाती है. इसकी वजह से मरीजों को दवाएं बाहर से लेनी पड़ती है.
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