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जुलाई से राज्य के सभी विवि व कॉलेजों में मुफ्त वाइ-फाइ
युवाओं को तोहफा. योजना पर राज्य सरकार खर्च करेगी ~220.50 करोड़ एक और निश्चय पूरा : 185 करोड़ पहले से है मंजूर, 35.50 करोड़ अतििरक्त को मंजूरी पटना : राज्य के युवाओं के लिए खुशखबरी है. पटना से लेकर दूरदराज तक के सभी काॅलेजों और विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाइ-फाइ की सुविधा उपलब्ध होगी. मुख्यमंत्री नीतीश […]
युवाओं को तोहफा. योजना पर राज्य सरकार खर्च करेगी ~220.50 करोड़
एक और निश्चय पूरा : 185 करोड़ पहले से है मंजूर, 35.50 करोड़ अतििरक्त को मंजूरी
पटना : राज्य के युवाओं के लिए खुशखबरी है. पटना से लेकर दूरदराज तक के सभी काॅलेजों और विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाइ-फाइ की सुविधा उपलब्ध होगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चयों में से एक इस योजना को राज्य कैबिनेट की गुरुवार को हुई बैठक में मंजूरी दी गयी. सरकार सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में वाइ-फाइ की सुविधा के लिए 220.50 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
पूर्व में इस मद में 185 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन इसमें बड़ी संख्या में कॉलेज छूट गये थे, जहां वाइ-फाइ की सुविधा देना था. सरकार के इस निर्णय से राज्य सरकार को 35.50 करोड़ रुपये अधिक खर्च करने होंगे. जुलाई से शुरू होनेवाले नये सत्र से यह सुविधा बहाल होगी.
कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि कुल 11 एजेंडों को कैबिनेट ने मंजूरी दी है. उन्होंने बताया कि वाइ-फाइ की मदद से राज्य के युवा इंटरनेट का उपयोग करेंगे. इससे वे टेक्नोफ्रेंडली होंगे. इससे राज्य के विकास में वे बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे.
कैिबनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
जल संसाधन विभाग में संविदा पर नियोजित और नगर विकास एवं आवास विभाग में कार्यरत जूनियर इंजीनियरों की सेवा एक साल के लिए अवधि विस्तार दिया गया है. उन्हें 27 हजार रुपये मासिक मानदेय मिलेगा.
बिहार पुलिस सेवा के पदाधिकारी राजेंद्र प्रसाद और अपर पुलिस अधीक्षक प्राणतोश कुमार दास को हाइकोर्ट के निर्देश पर स्टाफ ऑफिसर में प्रोन्नति दी गयी है.
बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के नॉर्थ और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को बिजली खरीद मद में एनटीपीसी को भुगतान के लिए सब्सिडी मद में 2016-17 के लिए 1500 करोड़ रुपये स्वीकृत.
छह नये इंजीनियरिंग कॉलेजों को मिला प्राचार्य
बैठक में राज्य के छह नये इंजीनियरिंग कॉलजों में प्राचार्य के पद पर नियुक्ति की स्वीकृति दी गयी. कैबिनेट सचिव ने बताया कि बीपीएससी द्वारा अनुशंसित निर्मल कुमार, जगदानंद झा, मणिकांत पासवान, कुमार सुरेंद्र, फखरुद्दीन अंसारी और रामचंद्र प्रसाद को इन इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्राचार्य के पद पर तैनात किया जायेगा.
दूसरी बार की एकल निविदा होगी स्वीकृत
कैबिनेट की बैठक में पीडब्ल्यूडी के निविदा एक्ट में संशोधन को स्वीकृत किया गया. अब एकल निविदा की स्थिति में दूसरी बार निविदा करने का प्रावधान किया गया है. यदि दूसरी बार भी एक ही निविदा भरा गया, तो उसे स्वीकृत किया जायेगा. नये प्रावधान के अनुसार यदि दूसरी दो निविदाएं एक समान हो, तो उसमें लॉटरी से तय किया जायेगा.
चतुर्थवर्गीय कर्मियों के वेतन में वृद्धि, अप्रैल, 2007 से िमलेगा लाभ
पटना : राज्य के चतुर्थवर्गीय कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी की गयी है. उन्हें इसका वैचारिक लाभ एक जनवरी, 1996 से मिलेगा, लेकिन वास्तविक लाभ एक अप्रैल, 2007 से मिलेगा. यह निर्णय गुरुवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया. कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि सरकार के इस निर्णय से 37.80 करोड़ रुपये का भार बढ़ेगा. उन्होंने बताया कि इस श्रेणी के कर्मियों के वेतन वृद्धि और एसीपी-एमएसीपी के जारी कई सर्कूलर को एक कर इनके वेतनमान में संशोधन किया गया है.
उन्होंने बताया कि 31 दिसंबर, 1995 को 1030 रुपये तक वेतन पानेवालों को अपुनरीक्षित वेतनमान 2550- 3200 को एक जनवरी 1996 से 2610-4000 संशोधित हो जायेगा. इसी प्रकार 31 दिसंबर 1995 को 1030 रुपये से अधिक वेतन पानेवालों का वेतनमान भी 2610-4000 संशोधित हो जायेगा.
समूह घ के वैसे कर्मी, जो एक जनवरी, 1996 के प्रभाव से 2610-3540 का वेतन प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें 2610-4000 का वेतनमान मिलेगा. समूह घ के पूर्व से प्राप्त प्रथम एसीपी 2750-4400 और दूसरे एसीपी वेतनमान 3050-4590 में बिना किसी निर्धारण के लाभ में बदल जायेगा. एक जनवरी, 2006 से उस पहला और दूसरा एसीपी वेतनमानों को पुनरीक्षण 1900 और दो हजार रुपये के ग्रेड पे में किया जायेगा, लेकिन जो पूर्व में 2750-4400 में और दूसरा एसीपी मिलने के कारण पुनरीक्षित वेतनमान पीबी-1 और 2400 और तीसरा एसीपी 2900 ग्रेड पे ले रहे है उन्हें इस संशोधन का लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि वे एक जनवरी, 2006 से ही उच्चतर ग्रेड का लाभ ले रहे हैं.
बताया गया है कि यदि वे अपुनरीक्षित वेतनमान 2750-4400 और ग्रेड पे 3050-4500 का वेतन निर्धारण चाहते हैं, तो उन्हें पुनरीक्षित वेतनमान पीबी – एक और 1900 और पीबी-1 और 2000 का वेतनमान निर्धारित होगा. उन्हें तीसरा वेतन लाभ एसीपी पीबी -एक 2400 में होगा. कहा गया है कि यदि पूर्व में उनके द्वारा अधिक राशि ली गयी है, तो वह वसूल नहीं की जायेगी. एक जनवरी, 2006 से मूल कोटि के वेतनमान 2610-4000 का पुनरीक्षण पीबी-एक 1800 रुपये में किया जायेगा. इसलिए पहला एसीपी-व एमएसीपी 1900 और दूसरा एसीपी-एमएसीपी 2000 व तीसरा एमएसीपी 2400 के ग्रेड में स्वीकृत किया जायेगा.
समूह घ के कार्यालय परिचारी, जिनकी प्रोन्नति दफ्तरी अभिलेखागार और ट्रेजरी सरकार के पद पर हुई है, प्रोन्नति के बाद ऐसे पदधारकों को पूर्व की तरह 1900, 2000 और 2400 रुपये मिलेंगे. ऐसे कर्मियों को अपुनरीक्षित 2610-4000 रुपये या पुनरीक्षित पीबी-एक और 1800 रुपये मिलेंगे.
एक जनवरी, 1996 के बाद नियुक्त कर्मियों के लिए पूर्व की तरह ही व्यवस्था रहेगी. उन्हें एक जनवरी, 2006 के प्रभाव से वेतन पुनरीक्षण 1800 रुपये ग्रेड पे में किया जायेगा. उन्हें पहला एसीपी-एमएसीपी 1900 रुपये और दूसरा एमएसीपी दो हजार रुपये के ग्रेड पे में वेतन वृद्धि होगी.
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