पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश का नेतृत्व करने से किनारा करते हुए कहा है कि नेतृत्व करने वालों की कमी नहीं है. देश में एक से बढ़ कर एक नेता हैं और उनमें नेतृत्व करने की क्षमता है. जो साथ नहीं चल रहे हैं उन्हें सोचना होगा कि देश हित में क्या करना है? देश हित के लिए जो भाजपा या आरएसएस की विचारधारा को नहीं मानते हैं और इसे गलत मानते हैं उन्हें एकजुट होना चाहिए और अधिकतम संभावना तक जाना चाहिए. 1, अणे मार्ग में जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि हमारा विरोध वैचारिक और राजनीतिक है. जिस विचार को हम सही नहीं मानते उनका काउंटर करना चाहिए और राजनीतिक रूप से सभी को एकजुट होना चाहिए.
बिहार चुनाव परिणाम भाजपा यूनिटी के खिलाफ
सभी पार्टियों के बीच मैक्सिमम यूनिटी होनी चाहिए. यह मर्जर, एलायंस, अंडरस्टैंडिंग हो सकता है. गैर संघवाद पर दिये अपने बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बयान ने भाजपा और आरएसएस को हिंट किया है. उनका रिएक्शन डर का परिचायक है. सिर्फ बात करने से इतना डर है तो जब यह धरालत पर आयेगा तो उन्हें और परेशानी होगी. बिहार विधानसभा चुनाव में यह दिख भी गया है. जो परिणाम आया वह भाजपा के खिलाफ यूनिटी का है. भाजपा के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में गोलबंदी और फिर देश स्तर पर गोलंबदी होगी तो परिणाम निकल कर सामने आयेगा. नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा के साथ जब गंठबंधन था तो साढ़े सात साल बिहार में साथ में काम किया. कभी भी बुनियादी मुद्दे पर समझौता नहीं किया, ना ही सिद्धांतों से समझौता कर कोई काम किया. जब हमने देखा कि भाजपा नये तेवर में आ रही है तो अपना रास्ता अलग कर लिया.
कालाधन पर भी बोले मुख्यमंत्री
उन्होंने कहा कि अब तो यह फैसला हर दिन सही साफ हो रहा है. वोट कालाधन लाने के लिए, रोजगार देने के लिए, किसानों के हित के लिए, लेकिन काम कर रहे हैं लव जेहाद, घर वापसी, गो मांस, राष्ट्रवाद का. मूल मुद्दों से लोगों का ध्यान हाटने के लिए भावनात्मक मुद्दा उठाते हैं. दिल्ली में ऑर्ड इवेन नंबर के मामले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छा प्रयोग हैं. इससे पोलियूशन और गाड़ियों की संख्या कम होगी. भाजपा इसका विरोध करना है इसलिए विरोध कर रही है. भाजपा की यह बीमारी है. दूसरों पर कुछ बोलेंगे और अपने वह नहीं करेंगे. उनसे भी उनका पास्ट क्या है पूछिए. पूर्व मंत्री भीम सिंह का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा लोकसभा चुनाव के समय पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उन्होंने शहीदों का अपमान किया है, लेकिन बिहार चुनाव के समय उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करवा लिया. उनका एटिट्यूट अलग किस्म का है और हमारा अलग.
आरएसएस की विचारधारा देश हित के लिए नहीं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आरएसएस की विचारधारा देश हित के लिए नहीं है. हम उस विचारधारा के वैचारिक रूप से विरोधी हैं ना किसी के व्यक्तिगत रूप से. वे कॉमिनल और कास्ट लाइन पर समाज को बांटना चाहते हैं. लोगों के बीच भ्रम फैलाना चाहते हैं. देश के लिए यह सही नहीं है. देश में सद्भाव और सहिष्णुता का होना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि आरएसएस पर प्रतिबंद्ध लगा था. कहा गया था कि वे राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं लेंगे. अब प्रतिबंध हटा लिया गया है. वे क्या काम करते हैं, चुनाव में कैसे भाग लेते हैं, उनके कैडर पूरी जिम्मेदारी संभालते हैं यह किसी से छुपी है क्या? जो कोई वैचारिक रूप से अपनी राय रखता है हम उसका मुकाबला वैचारिक रूप से करते हैं.
डच एंबेस्डर से नहीं मिला कोई पत्र
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि डच एंबेस्डर की ओर से ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है, जिसमें पटना समाहरणालय के स्ट्रक्चर को संग्रहित करने की बात की गयी हो. पीटीआइ व अखबरों में आयी खबर से इसकी जानकारी हुई. अगर डच एंबेस्डर पत्र लिखेंगे तो वह दो देशों का मामला है और यह विदेश मंत्रालय से जुड़ा होगा. डच स्ट्रक्चर है तो क्या काम होता था, किस चीज का स्ट्रक्चर है, क्या हेरिटेज है? अभी किस प्रकार इसका उपयोग हो रहा है, उपयोग करने के लायक है भी या नहीं. यह सब देखा जायेगा. इसके लिए पटना के जिलाधिकारी से बात भी की गयी है. समय-समय पर यह भी खबर आती रही कि मेन बिल्डिंग खराब हालत में है ही, जिसनी एक्टीविटी यहां होती है उसके लिए बिल्डिंग अपर्याप्त है. कब हादसा हो जाये पता नहीं. उन्होंने कहा कि अब जब हेरिटेज कॉउंसेस हो रहे हैं तो बतायें कि इसे कैसे यूज किया जा सकता है और इसे कैसे बनाया जा सकता है?
शराब के लिए देश भर में हो एक नियम कानून
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में शराब बंदी से देश भर में अब मांग उठने लगी है. कहा जा रहा है कि जब बिहार में हो सकता है तो अन्य राज्यों में क्यों नहीं. शराब बंदी पर देश भर में एक नियम कानून बनता है तो अच्छी बात है. मुझे पूरा आत्मविश्वास है कि शराब बंदी बिहार में कामयाब होगी. व्यापक समर्थन के कारण एक-एक कर दूसरे राज्यों को भी इसे लागू करना होगा. उन्होंने कहा कि शराब बंदी को लेकर जहां भी कार्यक्रम में बुलाया जायेगा वे जरूरत जायेंगे. जहां भी शराब बंदी के हम में आवाज उठेगी, आवाज मिलाने जायेंगे. यूपी के बॉर्डर इलाके में शराब की दुकाने खुलने लगी तो स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया. पड़ोसी राज्यों से सहयोग के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि हमने अपना काम किया था.
सीमावर्ती इलाके पर रहेगी कड़ी नजर
अब बॉर्डर इलाकों में और शराब की दुकानें खोल कर कैसा सहयोग कर रहे यह देखने वाली बात है. शराब अच्छी चीज नहीं है. किसी भी राज्य को इसके बढ़ावा नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि नेपाल सीमा पर एसएसबी के जवानों को अलर्ट कर दिया है कि नजर रखे कि कोई नेपाल से शराब लेकर भारत ना आ पाये. मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब बंद करने के बाद ऐसी दवाएं हैं, जिसमें अल्कोहल की मात्रा ज्यादा है, उस पर भी सरकार निर्णय ले सकती है.