ऊहापोह. कोर्ट के फैसले का इंतजार, कंपनियों को पैसे देने पड़ेंगे या लौटेंगी बोतलें
80 लाख से ज्यादा शराब की बोतलें पड़ी हैं सरकारी गोदामों में
पटना : बिहार सरकार ने पांच अप्रैल को अचानक पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर दी. पहले विदेशी शराब दुकानों को राज्य सरकार के अपने स्तर पर चलाने के फैसले की वजह से विदेशी शराब बनानेवाली कंपनियों ने काफी मात्रा में शराब की सप्लाइ कर दी.
लेकिन, पूर्ण शराबबंदी की घोषणा के बाद बिहार राज्य वेबरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएसबीसीएल) की गोदामों में 80 लाख से ज्यादा विदेशी शराब की बोतलें पड़ी हुईं हैं. इनकी कीमत करीब 350 करोड़ रुपये आंकी जा रही है. पूर्ण शराबबंदी की घोषणा से सरकार के इतने रुपये फंस गये हैं. इसके बाद सरकार ने संबंधित कंपनियों को उत्पाद वापस लेने के लिए कहा था.
इस पर कंपनियों ने ऐसा करने से इनकार करते हुए कोर्ट चली गयी. अब मामला कोर्ट में चल रहा है और 19 अप्रैल को इस पर फैसला आने वाला है. विदेशी शराब बनानेवाली कंपनियों का कहना है कि उन्होंने सरकार को उत्पाद शुल्क की अदायगी कर ही शराब की सप्लाइ की है. चूकिं विदेशी शराब को बंद करने की सूचना देशी शराब की तरह पहले से नहीं दी गयी थी.
अब ऐसे में इन्हें वापस लेना कहीं से संभव नहीं होगा. अगर कोर्ट ने पूर्ण शराबबंदी को लागू रखते हुए कंपनियों के पक्ष में फैसला दे दिया, तो राज्य सरकार को शराब कंपनियों को 350 करोड़ रुपये से ज्यादा वापस करने पड़ेंगे. साथ ही गोदामों में पड़े शराबों को भी नष्ट करना पड़ेगा. इससे सरकार को इतने राजस्व का सीधे तौर पर नुकसान होगा. अगर कोर्ट ने कंपनियों को बोतलें वापस लेने का आदेश दे दिया, तो सरकार को राहत मिल सकती है.
बड़े होटलों और बार के मामले भी फंसे
पूर्ण शराबबंदी की घोषणा के बाद राज्य के बड़े होटलों और रेस्टोरेंट-बार के मामले भी फंस गये हैं. इन्होंने अपनी लाइसेंस फीस पहले ही सरकार को जमा कर दी है. लेकिन, अचानक घोषणा होने से इनकी लाइसेंस फीस भी वापस करनी पड़ेगी. इस पर भी निर्णय कोर्ट का फैसला आने के बाद ही होगा. सितारा स्टैंडर्ड के होटलों के मानकों के अनुसार, इनमें बार होना जरूरी है. इस वजह से इनके समक्ष भी बड़ी समस्या खड़ी हो गयी है. राज्य के सभी सितारा ग्रेड होटलों में बार फिलहाल पूर्ण शराबबंदी की वजह से बंद कर दिये गये हैं.