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CM नीतीश ने 50 प्रतिशत के आरक्षण को बढ़ाने के संविधान में संशोधन की वकालत की

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज भाजपा नीत केंद्र की राजग सरकार पर कटाक्ष करते हुए 50 प्रतिशत के आरक्षण के प्रावधान को बढ़ाये जाने के संविधान संशोधन और निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की वकालत की. बिहार विधान परिषद सभागार मेंशनिवार को आयोजित एक समारोह के दौरान अमेरिका के शिकागो स्थित […]

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज भाजपा नीत केंद्र की राजग सरकार पर कटाक्ष करते हुए 50 प्रतिशत के आरक्षण के प्रावधान को बढ़ाये जाने के संविधान संशोधन और निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की वकालत की. बिहार विधान परिषद सभागार मेंशनिवार को आयोजित एक समारोह के दौरान अमेरिका के शिकागो स्थित पेरियार इंटरनेशनल की ओर से सामाजिक न्याय के लिए 2015 का वीरमणि अवार्ड ग्रहण करते हुए नीतीश ने कहा कि जिस प्रकार से 1915 के उत्पाद एवं मद्य निषेध कानून को पर्याप्त नहीं पाए जाने पर हम लोगों ने संशोधन किया. इसी प्रकार अगर आज की परिस्थिति में 50 प्रतिशत के आरक्षण के प्रावधान को संविधान संशोधन कर बढ़ाया जाना चाहिए और केवल सरकारी क्षेत्र में क्यों निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू होना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘मुझे जनता ने जो दायित्व दिये हैं, मैं उसे निभाना चाहता हूं लेकिन यह नहीं है कि देश के विकास के लिए अपने कर्तव्यों से दूर रहूंगा. जब भी कोई ज्वलंत मुद्दा आयेगा तो सामने आउंगा. चाहे रोहित बेमुला की आत्महत्या का मामला हो या डाॅ. अयूब द्वारा उठाये गये दलित मुसलमानों के आरक्षण का मामला, मेरे द्वारा इन मुद्दों पर अपना स्पष्ट विचार रखा गया है. नीतीश ने कहा ‘मैंने 14वीं लोकसभा चुनाव के समय दलित मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने का मुद्दा उठाया था. मैंने उस वक्त लोकसभा में कहा था कि अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग के लोग किसी भी धर्म से हो सकते हैं. कालांतर में दलित, बौद्ध और दलित सिख को आरक्षण का लाभ मिला पर दलित मुस्लिम और दलित इसाई को नहीं मिल पाया.

नीतीश ने कहा ‘हमने उस वक्त आरक्षण देने की वकालत की थी. अगर अनुसूचित जाति की आबादी बढ़ती है तो आरक्षण का भी कोटा बढ़ेगा. जैसे तमिलनाडु जहां 69 प्रतिशत आरक्षण है. आरक्षण के मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला मान्य है पर आरक्षण पर चर्चा होनी चाहिए. बनाए गये कोटा को बढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘कोई भी कानून तत्कालीन परिवेश को देखकर बनता है. बाद में इसे बदला जाता है. जैसे कि 1915 के उत्पाद अधिनियम को बिहार में शराबबंदी लागू करने के लिए संशोधित किया गया. जरूरत पड़ने पर जैसे हमने 1915 के कानून में संशोधन किया है तो उसी प्रकार से आरक्षण से आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने के लिए संविधान में संशोधन किया जा सकता है.

नीतीश ने कहा ‘सरकारी क्षेत्र में ही क्यों निजी क्षेत्र में भी आरक्षण दिया जाना चाहिए. अब तो आर्थिक उदारीकरण एवं निजीकरण का दौर चला है. हर क्षेत्र में निजी क्षेत्र हावी एवं प्रभावी है. वैसी परिस्थिति में अगर निजी क्षेत्र में अनुसूचित जाति-जनजाति एवं ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया जाता है तो यह सामाजिक न्याय का मजाक होगा. समाज में परिवर्तन का दौर है मैं नहीं समझा कि परिवर्तन के चक्र को कोई रोक सकेगा. यह आगे बढ़ेगा. निजी क्षेत्र में आरक्षण के बारे में बहुत लोग सोच रहे हैं. लोकतंत्र की बुनियाद बराबरी, सामाजिक न्याय और धर्मनिरक्षेता है. अगर न्याय नहीं है तो फिर लोकतंत्र कारगर एवं कामयाब नहीं होगा.

उन्होंने कहा ‘बिहार पहला राज्य है जहां पुरुष एवं महिला समानता लागू किया गया. समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया जी ने कहा था कि नर नारी एक समान. उसके अनुरूप बिहार में महिलाओं को स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण, प्राथमिक शिक्षक में 50 प्रतिशत आरक्षण के साथ-साथ अन्य सरकारी सेवाओं में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है.

नीतीश ने केंद्र सरकार पर प्रहार करते हुए कहा ‘आज लोगों की जुबान पर ताला लगाने की कोशिश की जा रही है. जेेएनयू प्रकरण आने वाले दिनों का संकेत है. हमारे कन्हैया को गिरफ्तार किया गया तो हमने कहा प्रमाण दीजिए. क्या उसने देश द्रोह का आचरण किया. उनके पास कोई प्रमाण आजतक नहीं है. उन्होंने कहा कि कोई गरीबी, भेदभाव, पूंजीवाद से आजादी मिले तो क्या बुरी बात है और इस विचार को रखना तो देशद्रोह नहीं है. विकास के नाम पर वोट मांगा गया था परन्तु लोगों को लव जेहाद, गोमाता तथा आज कल भारत माता की जाय जैसे मुद्दों से बहलाया जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘कोई वादा पूरा नहीं किया गया, कहां विकास हुआ. हां नारे बहुत गढे जा रहे हैं. लोग कहते हैं कि हम गाय की रक्षा कर रहे हैं पर लालू जी :राजद प्रमुख: और हम भी गाय पालते हैं. यह पता नहीं ये लोग गाय का दूध पीते हैं या हम तो नियमित सेवन करते हैं. हम न तो शराब पीते हैं न मांस खाते हैं. इन लोगों ने क्या-क्या नहीं प्रचारित किया पर काम नहीं आया.

नीतीश ने ‘भारत माता की जय’ को लेकर उपजे विवाद पर कहा ‘हम लोग भारत माता की जय हर रोज बोलते हैं. कोई जयहिंद, भारत माता की जय अथवा वंदेमातरम बोलते हैं. ये किसी के कहने पर नहीं बोलते. उन्होंने कहा ‘नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में तिरंगा तो फहराते नहीं है. उनको देर से तिरंगा से प्यार हुआ है. आपका प्यार नया है हम सब लोगों का प्यार बहुत पुराना है. हमारे पुरखों का है. 1925 में स्थापित आरएसएस की देश की आजादी की लडाई में क्या भूमिका है. आजादी की लडाई से कोई लेना देना नहीं है.’ उन्होंने कहा ‘जो रोजगार का वादा किया गया था, उसका क्या हुआ. उनके द्वारा कोई वादा भी पूरा नहीं किया गया, सिर्फ नारे बनाये गये हैं.

नीतीश ने कहा ‘स्टैंडअप इंडिया योजना कुछ ही दिनों में हो जायेगा सीट डाउन इंडिया या स्लीप डाउन इंडिया. उन्होंने कहा, ‘हम सभी ने बिहार को आगे बढाया और सुंदर बनाया कि बिहार देशवासियों को और अच्छा लगने लगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रचार प्रसार से दूर भागते हैं, मैं काम करने में विश्वास रखता हूं. आपका सहयोग मिलता रहा है और बिहार विकास पथ पर अग्रसर है.

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