एबीआइ हॉस्पिटल, राजेंद्र नगर में नेत्र चिकित्सकों का सीएमइ संपन्न
पटना : बिहार में क्लिनिकल स्टेबलिस्टमेंट एक्ट लागू होने से स्वास्थ्य सेवा में व्यापक सुधार आयेगा. झोला छाप चिकित्सकों व दो कमरे में चलने वाले नर्सिग होम पर नकेल कसा जायेगा और ऐसे सभी हॉस्पिटल बंद होंगे, जो एक्ट का पालन नहीं करेंगे. सरकार के पास एक डाटा बेस भी तैयार होगा कि कहां कितने नर्सिग होम है और वह किस स्थिति में है.
इन सभी सरकारी व गैर सरकारी नर्सिग होम को रजिस्टर्ड करने के लिए एक रजिस्ट्री प्राधिकारी बनाया गया है, जिसे एक्ट के तहत काम करने की पूरी छूट होगी.
एक्ट बनने से लगेगा मनमानी पर अंकुश
रविवार को एबीआइ हॉस्पिटल, राजेंद्र नगर में आयोजित सीएमइ में आइएमए बिहार के उपाध्यक्ष व बिहार मेडिकल काउंसिल के सदस्य डॉ सुनील कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में एक्ट नहीं रहने के कारण नर्सिग होम खोलने के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं होता है और लोग अपने मन के मुताबिक क्लिनिक व नर्सिग स्थापित कर लेते हैं और मरीजों को लूटते हैं.
जल्द होगी नेत्र प्रत्यारोपण की सुविधा
एक्ट के बाद ऐसे नर्सिग होम व हॉस्पिटलों पर अंकुश लगेगा. नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ सत्यजीत सिन्हा ने कहा कि एक्ट के बारे में सबसे पहले चिकित्सकों को जानना होगा. क्योंकि पूरे बिहार में नर्सिग होम का न तो रजिस्ट्रेशन होता है और न ही एक्ट के नियमों का पालन होता है.
ऐसे में मरीजों को परेशानी होती है और उन्हें सही इलाज नहीं मिल पाता है. डॉ सिन्हा ने कहा कि बिहार में नेत्र प्रत्यारोपण की सुविधा जल्द शुरू होगी, इसके लिए ऑर्गन डोनेशन एक्ट भी पास किया गया है. इस अवसर पर डॉ पूजा, डॉ अजीत सिन्हा, डॉ जय श्री शेखर सहित अन्य नेत्र चिकित्सक मौजूद थे.