पटना: परिवहन निगम के ड्राइवर और मेकैनिक ईंधन की बचत करेंगे. निगम के बस ड्राइवरों के साथ-साथ पीपीपी मोड पर बस चलाने वाले ड्राइवर भी बचत अभियान में शामिल होंगे. निगम ने अपने सौ और प्राइवेट बसों के चार सौ ड्राइवरों को ईंधन बचत के लिए तीन किस्तों में पीसीआरए के सौजन्य से प्रशिक्षण दिलाया है.
प्रशिक्षित चालक-मेकैनिक प्रति किलोमीटर कम-से-कम 0.12 प्रतिशत ईंधन की बचत कर सकेंगे. जनवरी से ईंधन बचत का निगम आकलन करेगा. निगम ने पटना, गया और मुजफ्फरपुर डिपो में पेट्रोलियम उत्पाद और ईंधन संरक्षण को ले कर तीन किस्तों में ड्राइवर, डिपो अधीक्षक, कंडक्टर और मैकेनिकों को प्रशिक्षण दिया है. केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रलय ने बिहार में ईंधन बचत के लिए ड्राइवर-मेकैनिकों को प्रशिक्षित करने का सुझाव दिया था. प्रशिक्षण के लिए परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन की अध्यक्षता में विशेष समिति बनायी गयी है. पहले चरण में परिवहन निगम के चालक-मेकैनिकों को प्रशिक्षण दिया है. प्रशिक्षण में निगम के नियंत्रण में पीपीपी मोड पर चल रही बसों के चार सौ से अधिक चालक, कंडक्टर और मेकैनिकों को भी शामिल किया गया था. पटना और मुजफ्फरपुर डिवीजन के चालकों को इस अभियान के दौरान मास्टर ट्रेनरों के रूप में प्रशिक्षण दिया गया है.
मास्टर ट्रेनर अन्य डिवीजन के चालक-मेकैनिकों को प्रशिक्षित करेंगे
निगम की 240 बसें व पीपीपी मोड पर ढाई हजार बसें : बिहार में फिलहाल निगम की 240, जबकि उसके नियंत्रण में पीपीपी मोड पर ढाई हजार से अधिक बसें चल रही हैं. ईंधन बचाव अभियान का असर टैक्सी और ऑटो चालकों पर भी पड़ेगा. जनवरी में परिणाम आने के बाद परिवहन विभाग कार और ऑटो चालकों को भी पीसीआरए के तहत ईंधन बचत का प्रशिक्षण देगा.
पंद्रह वर्ष पुरानी बस का होगा परमिट रद्द
शहर में चलने वाली नगर बस सेवा में शामिल पंद्रह साल पुराने बसों का परमिट रद्द किया जायेगा. पुराने वाहनों के संबंध में एमवीआइ अपनी रिपोर्ट कल प्रमंडलीय आयुक्त को देंगे. रिपोर्ट पर पुराने वाहनों पर निर्णय लिया जायेगा. आंकड़ों के मुताबिक शहर में पंद्रह साल से पुरानी लगभग 67 बसें चल रही हैं. फिटनेस प्रमाणपत्र लेकर कई जजर्र बसों को भी चलाया जा रहा है.
आरटीए ने शहर में परिचालित होनेवाली बसों की जांच के लिए डीटीओ को पत्र लिखा था. इस आलोक में एमवीआइ ने सभी वाहन मालिकों को नोटिस भेजा.
नोटिस के तहत निर्धारित जांच स्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया गया, मगर इस नोटिस पर सिर्फ पांच बस मालिक ही जांच में उपस्थित हुए. एमवीआइ द्वारा छह बस मालिकों को दुबारा नोटिस जारी किये जाने के बावजूद बसों को नहीं लाया गया. इसके आधार पर एमवीआइ ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है.ऐसी बसों का परमिट रद्द होगा.
प्रमंडलीय आयुक्त लेंगे निर्णय
मोटर यान निरीक्षक की रिपोर्ट पर प्रमंडलीय आयुक्त निर्णय लेंगे. शहर में पंद्रह वर्ष पुराने बसों के परिचालन पर पाबंदी है. इस संबंध में परिवहन विभाग ने निर्देश जारी किया है. पटना हाइकोर्ट ने भी पंद्रह साल पुराने वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने संबंधी आदेश पारित किया है.