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आठवीं के बच्चों का 29-30 को एसेसमेंट टेस्ट

बच्चों के साथ-साथ शिक्षक की गुणवत्ता की होगी जांच, बच्चों और स्कूल को दी जायेगी ए-बी-सी ग्रेडिंग, ए ग्रेड वाले हर जिले के 10 स्कूलों को विभाग करेगा प्रोत्साहित, दो दिनों तक हर स्कूल में होगी एसेसमेंट की परीक्षा. इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना और एससीइआरटी प्रश्न पत्र तैयार कर रहा है. पटना :राज्य भर […]

बच्चों के साथ-साथ शिक्षक की गुणवत्ता की होगी जांच, बच्चों और स्कूल को दी जायेगी ए-बी-सी ग्रेडिंग, ए ग्रेड वाले हर जिले के 10 स्कूलों को विभाग करेगा प्रोत्साहित, दो दिनों तक हर स्कूल में होगी एसेसमेंट की परीक्षा. इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना और एससीइआरटी प्रश्न पत्र तैयार कर रहा है.
पटना :राज्य भर के आठवीं क्लास के बच्चों का 29-30 मार्च को एसेसमेंट टेस्ट लिया जायेगा. एसेसमेंट टेस्ट के जरिये बच्चों के साथ-साथ उनके शिक्षकों की गुणवत्ता की भी जांच की जायेगी. इसके लिए शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. सभी स्कूलों में ही दो दिनों तक परीक्षा होगी.
इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना और एससीइआरटी प्रश्न पत्र तैयार कर रहा है. ऑब्जेक्टिव के साथ-साथ सब्जेक्टिव स्तर के प्रश्न होंगे.
प्रश्नों के ऑप्शन दिये जायेंगे, जिसे छात्र-छात्राओं को भरना होगा. इस एसेसमेंट के रिजल्ट से बच्चों की आठवीं से नौंवी में जाने में कोई परेशानी नहीं होगी.
एसेसमेंट के रिजल्ट से बच्चों, शिक्षकों और स्कूलों की ए-बी-सी ग्रेडिंग की जायेगी. आठवीं के बाद हाइस्कूल (नौंवी क्लास) में
जानेवाले बच्चों, उनके अभिभावकों और संबंधित हाइस्कूल को यह पहले से पता रहेगा कि कौन बच्चा किस ग्रेड का है. जिस बच्चों को ग्रेडिंग सी मिला होगा उस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होगी.
इस पर संबंधित स्कूल और अभिभावक उस पर मेहनत करेंगे. साथ ही जिस स्कूल में एक ग्रेड के बच्चे कम निकलते हैं, उस स्कूल को नये सत्र में और बेहतर करने की चुनौती होगी.
एसेस्मेंट के बाद हर जिले से 10-10 स्कूल का चयन किया
जायेगा, जहां के बच्चों की ग्रेडिंग सबसे बेहतर होगी. उस स्कूल व उसके प्रधानाध्यापक को इसके लिए प्रोत्साहित भी किया जायेगा.
आठवीं के एसेसमेंट के बाद शिक्षा विभाग पांचवीं, 10वीं और 12वीं में भी एसेसमेंट टेस्ट लेने की तैयारी कर रहा है. शिक्षा विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत हम किसी बच्चे को एक क्लास में रोक नहीं सकते हैं, लेकिन उनका एसेसमेंट तो कर ही सकते हैं. इससे बच्चों में कंपटीशन की भावना जगेगी और वे बेहतर कर सकेंगे.
इसके लिए क्लास एक से 12वीं तक के बच्चों का हर महीने एसेसमेंट किया जायेगा. बच्चे जिस विषय में कमजोर होंगे, उस पर ज्यादा ध्यान दिया जायेगा. अगर किसी बच्चे की ग्रेडिंग खराब होती है तो उसके अभिभावक से अंडरटेकिंग ली जायेगी कि बच्चा बेहतर नहीं कर रहा है और वे भी बच्चों पर ध्यान दें. अभी फिलहाल 10वीं क्लास में ही बच्चों का एसेसमेंट हो पाता है.
शिक्षा मंत्री ने बताया कि क्लास एक से 10वीं तक के सभी बच्चों का एक रजिस्टर बनाने का भी निर्देश देने जा रहे हैं. इससे जो पहली क्लास से दसवीं क्लास तक बच्चे की ग्रेडिंग का पूरा लेखा-जोखा आ जायेगा. इससे साफ पता चलेगा कि साल-दर-साल उसे क्या ग्रेडिंग मिली. उन्होंने कहा कि इसी तर्ज पर उच्च शिक्षा में वे च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम भी लागू करना चाह रहे हैं, ताकि छात्र के ऊपर यह रहेगा कि वह कोई भी विषय पढ़ सकेगा.

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