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‘सात निश्चय’ के नाम पर जनता की आंखों में धूल झोंक रही सरकार : नंद किशोर
पटना : विधानसभा में मंगलवार को दोपहर बाद 2016-17 के लिए राज्य सरकार की ओर से पेश बजट पर सामान्य चर्चा शुरू हुई. विपक्ष के सदस्य नदंकिशोर यादव ने बहस की शुरुआत करते हुए सरकार पर तीखा हमला किया. उन्होंने कहा कि महागंठबंधन की सरकार ‘सात निश्चय’ के नाम पर सूबे की जनता की आंखों […]
पटना : विधानसभा में मंगलवार को दोपहर बाद 2016-17 के लिए राज्य सरकार की ओर से पेश बजट पर सामान्य चर्चा शुरू हुई. विपक्ष के सदस्य नदंकिशोर यादव ने बहस की शुरुआत करते हुए सरकार पर तीखा हमला किया.
उन्होंने कहा कि महागंठबंधन की सरकार ‘सात निश्चय’ के नाम पर सूबे की जनता की आंखों में धूल झोंक रही है. पूर्व के शासन काल में ‘ सुशासन के कार्यक्रम’ के तहत जो कार्यक्रम तय किये गये थे, उसे ही ‘सात निश्चय’ की नया नाम दिया गया है. पिछले 10 वर्षों के शासन काल में सरकार ‘ सुशासन के कार्यक्रम’ के तय एजेंडे को तो पूरा कर नहीं पायी.
पात्र बदलता है, तो भूमिका और बोली भी बदल जाती है : सिद्दीकी : नंद किशोर यादव ने पहले के सत्र में विपक्ष के नेता के रूप में अब्दुल बारी सिद्दीकी द्वारा नीतीश सरकार के खिलाफ सदन में की गयी टिप्पणियों का काॅपी पढ़नी शुरू की, तो बीच में वित्त मंत्री को जबाव देना पड़ा.
उन्होंने कहा कि नंद किशोर जी, पात्र बदलते हैं, तो उनकी भूमिका भी बदल जाती है. साथ-साथ उनकी बोली भी बदल जाती है… नंद किशोर यादव ने बिहार में महागंठबंधन को ‘नकली गंठबंधन’ कहा. उन्होंने कहा कि असली महागंठबंधन तो तभी खत्म हो गया, जब मुलायम सिंह यादव इसमें शामिल हुए ही नहीं. उन्होंने इससे चुनाव के पहले ही किनारा कर लिया था. महागंठबंधन की सरकार तीन भागों में बटी हुई है. सरकार का काम भी तीन स्तरो पर हो रहा है.
प्रशासनिक अधिकारियों का मनोबल तोड़ रही है सरकार
बजट पर चर्चा के दौरान विधान सभा में प्रशासनिक आधिकारियों का मनोबल तोड़ने का भी सरकार पर भाजपा नेता नंद किशोर यादव ने आरोप लगाया. किसी का नाम लिये बिना उन्होंने कहा कि ‘बाहर के लाये गये सलाहकार’ को अधिकारियों पर थोंपा जा रहा है. इसको ले कर प्रशासनिक तबके में भारी रोष है. एक प्रशासनिक पदाधिकारी ने तो सेवानिवृति तक लेने का आवेदन दे दिया है. प्रशासनिक पदाधिकारियों का मनोबल तोड़ कर बिहार को ‘विकसित-बिहार’ बनाने का सपना कभी पूरा नहीं होगा.
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