पटना: अब गांवों व शहरी क्षेत्र में आधारभूत संरचना का स्वरूप बदलेगा. गांवों व शहरों से राजस्व की प्राप्ति कैसे होगी, टैक्स कितना बढ़ाया जा सकता है और कहां-कहां कितनी सुविधाएं बढ़ायी जा सकती है, इसका आकलन कर पंचम वित्त आयोग सरकार को अपनी अनुशंसा देगा. आयोग का विधिवत रूप से गठन हो गया है. उसे 31 मार्च 2015 तक अपनी रिपोर्ट सरकार को देने के लिए कहा गया है.
कई बिंदुओं पर होना है विचार : सरकार ने आयोग के लिए जो कार्य तय किये हैं, उसके तहत आयोग पंचायतों, जिला परिषद, पंचायत समिति, ग्राम पंचायत, नगरपालिका, नगर निगम एवं नगर पंचायतों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करेगा तथा उसकी आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के लिए अनुशंसा करेगा.
आयोग को यह भी तय करना है कि राज्य पंचायतों ( जिला परिषद, पंचायत समितियां तथा ग्राम पंचायत एवं नगरपालिकाओं (नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पंचायतों के बीच सरकार द्वारा वसूले गये टैक्स तथा फीस का इन संस्थाओं के बीच कैसे बंटवारा होगा. आयोग को यह भी अनुशंसा करना है कि पंचायतों एवं नगरपालिकाओं को सौंपे जाने वाले कर, शुल्क एवं फीस की क्या दर होगी. राज्य की संचित निधि से पंचायतों व नगरपालिकाओं को किस पैटर्न पर सहायता अनुदान दिया जायेगा. पंचायतों व नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए क्या अतिरिक्त उपाय किये जा सकते हैं. इन सारी बिंदुओं पर आयोग को अनुशंसा देना है.
चतुर्थ आयोग ने की थीं कई अनुशंसाएं
चतुर्थ वित्त आयोग ने राज्य में पंचायती राज संस्थाओं व नगर निकायों की सेहत में सुधार के लिए कई अनुशंसाएं की थीं. उनमें से कुछ अनुशंसाएं लागू की गयीं, तो कुछ अब तक प्रक्रियाओं में उलझी हुई हैं. आयोग ने विकास योजनाओं की राशि के बंटवारे को लेकर भी फामरूला तय किया था. जो अनुशंसाएं थीं, उनमें प्रमुख रूप से सीटी मैनेजर की नियुक्ति, इ-गवर्नेस, सीटी डेवलपमेंट प्लान, 50 हजार नगर सेविका की बहाली, जलापूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ करना, प्राथमिक विद्यालयों को आधारभूत संरचना का निर्माण, स्ट्रीट लाइट, ड्रेनेज, अरबन ट्रांसपोर्टिग सिस्टम को लागू करना था, लेकिन अबतक अधिकांश अनुशंसाएं क्रियान्वयन की प्रक्रिया में हैं.
एएनपी सिन्हा बने अध्यक्ष
आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड आइएएस एएनपी सिन्हा बनाये गये हैं. सदस्य के रूप में राजस्व पर्षद के सेवानिवृत्त अध्यक्ष सह सदस्य डॉ सी अशोक वर्धन व जेडी वीमेंस कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग की रीडर नंदिनी मेहता हैं. आयोग अपने कार्य का तरीका स्वयं तय करेगा.